आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई की तरफ जूता फेंकने की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. केजरीवाल ने कहा कि इस मामले में कार्रवाई न होने से न्यायपालिका की स्वतंत्रता और प्रभावशीलता पर खतरा पैदा होगा.
केजरीवाल ने बताया कि जस्टिस गवई ने जूता फेंकने वाले व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का निर्णय लिया, जो उनकी महानता को दर्शाता है. हालांकि, इस पूरी घटना ने न्यायपालिका के लिए एक चेतावनी संदेश भी भेजा है. केजरीवाल ने सवाल उठाया कि अगर CJI के साथ ऐसा हो सकता है, तो अन्य न्यायाधीश सुरक्षित हैं या नहीं.
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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से जस्टिस गवई का सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों द्वारा मजाक उड़ाया जा रहा है और धमकियां दी जा रही हैं, यह पूरी तरह से सुनियोजित प्रयास लगता है. इसका उद्देश्य पूरी न्यायपालिका को दबाव में लाना और उन्हें डराना है. केजरीवाल ने न्यायपालिका से अपील की कि ऐसे हूलिगन्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.
जूता फेंकने वाले पर सख्त कार्रवाई की मांग
अरविंद केजरीवाल ने जोर देते हुए कहा कि जूता फेंकने वाले व्यक्ति और उन सभी लोगों को, जो CJI को धमकी और अपमानित कर रहे हैं, उदाहरण बनाने के लिए सजा मिलनी चाहिए. ऐसा होना इसलिए जरूरी है ताकि भविष्य में कोई भी न्यायपालिका के साथ खिलवाड़ करने की हिम्मत न करे.
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आगे ऐसी कोशिशों को रोकने के लिए कार्रवाई जरूरी
अरविंद केजरीवाल का यह भी कहना है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता और उसकी प्रभावशीलता बनाए रखना देश की न्याय व्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने न्यायपालिका से आग्रह किया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की जाए और ऐसे प्रयासों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं.