अक्सर सोशल मीडिया पर आपको जादुई इलाज वाली कई कहानियां देखने को मिल जाएंगी. कोई करेले का जूस पीकर डायबिटीज ठीक कर लेता है तो कोई कुछ और नुस्खे बताता है. लेकिन सच्चाई इन सब से थोड़ी अलग है, जिसे लोग ज्यादातर नजरअंदाज कर देते हैं. दिल्ली के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. शैलेश सिंह ने हाल ही में एक्स अकाउंट पर अपने एक दोस्त की कहानी शेयर की, जो दावा करता है कि उसने अपनी डायबिटीज नेचुरल तरीके से रिवर्स की. लेकिन डॉक्टर ने बताया कि ये कोई मैजिक नहीं था बल्कि सालों की मेहनत और लाइफस्टाइल में बड़े बदलाव का नतीजा था.
डॉ. सिंह ने लिखा, 'लोग जादुई नुस्खा ढूंढते हैं, लेकिन असली जादू रोजमर्रा की सही आदतों में छिपा हुआ है.' डॉक्टर ने आगे बताया है कि उनके दोस्त ने सिर्फ करेले के जूस से डायबिटीज को रिवर्स नहीं किया बल्कि उसके साथ उसने अपनी लाइफस्टाइल में भी बदलाव किए थे. जैसे-
अक्सर लोग यह दावा करते हैं कि डायबिटीज को देसी तरीकों से उल्टा किया जा सकता है, लेकिन क्या सच में डायबिटीज रिवर्स हो सकती है. साइंटिस्ट के मुताबिक, डायबिटीज रिवर्स करने का मतलब है ब्लड शुगर लेवल को नॉर्मल रखना, वो भी बिना दवा के. हालांकि यह स्थायी इलाज नहीं होता, लेकिन लाइफस्टाइल में अच्छे बदलाव से कई लोग रिमिशन में जा सकते हैं यानी उनकी शुगर दवाओं के बिना कंट्रोल में रहती है.
'द लैंसेट' में छपी एक रिसर्च के अनुसार, 46% मरीजों ने सिर्फ 12 महीनों में लो-कैलोरी डाइट और एक्सरसाइज से अपनी टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल किया.
बॉडी में ज्यादा फैट खासकर लिवर और पैनक्रियाज में जमा चर्बी इंसुलिन की क्षमता घटा देती है, येल यूनिवर्सिटी की एक स्टडी बताती है कि सिर्फ 10% वजन घटाने से इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार आता है.
ब्लड शुगर कंट्रोल करने का सबसे आसान और असरदार तरीका वॉकिंग है, NIH की रिसर्च बताती है कि खाने के बाद 10–20 मिनट टहलने से शुगर स्पाइक कम होते हैं.
पबमेड सेंट्रल की रिसर्च बताती है कि नींद की कमी से इंसुलिन रेजिस्टेंस बढ़ता है और शरीर का ग्लूकोज कंट्रोल बिगड़ता है, इसलिए रोज 7–8 घंटे की अच्छी नींद जरूरी है.
हार्वर्ड हेल्थ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हफ्ते में 150 मिनट एक्सरसाइज करने वाले लोग चार गुना अधिक संभावना रखते हैं कि उनका ब्लड शुगर नॉर्मल हो जाए. एक्सरसाइज वजन घटाने के साथ-साथ ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, और मूड पर भी पॉजिटिव असर डालती है.
डॉ. सिंह के मुताबिक, डायबिटीज रिवर्स करने की कोशिश में शराब छोड़ना सबसे जरूरी कदम है. शराब इंसुलिन सेंसिटिविटी और ब्लड शुगर दोनों पर बुरा असर डालती है. NIH की एक स्टडी के मुताबिक, जो लोग शराब कम या बंद करते हैं, उनका शुगर कंट्रोल बेहतर रहता है.
करेला जूस वाकई में ब्लड शुगर घटाने में मदद करता है, इसमें मौजूद बायोएक्टिव कंपाउंड्स इंसुलिन को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करते हैं. लेकिन सिर्फ करेले के भरोसे रहना सही नहीं. यह लाइफस्टाइल चेंज करने के साथ करेला का जूस पीना डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद करती है, लेकिन वो अकेले कोई जादुई दवा नहीं है. डॉक्टर का सिंह का कहना है कि डायबिटीज रिवर्स करना कोई जादू नहीं है बल्कि ये लंबे समय तक सच्ची मेहनत के बाद होता है.