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फैक्ट चेक: बुजुर्ग पिता की सेवा न करनी पड़े इसलिए बच्चे उन्हें ले गए श्मशान? जानिए इस वीडियो की असली कहानी

वीडियो में बुजुर्ग के आसपास काफी कोलाहल-सा है. लोग कह रहे हैं- 'हाथ लगाकर देखो, वीडियो बनाओ आंख झपकन लागे है, इसने खोलो भाई'. वीडियो पर लिखा है, 'भाई अपने मां बाप की सेवा नहीं कर सकते हो तो उन्हें जिंदा तो मत जलाओ'. आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं बल्कि साल 2021 में दिल्ली में हुई एक घटना का है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में दिख रहे बुजुर्ग के बच्चे उसकी सेवा नहीं करना चाहते थे इसलिए उसे जिंदा अवस्था में ही श्मशान घाट ले गए.
सोशल मीडिया यूजर्स
सच्चाई
ये वीडियो साल 2021 में हुई एक घटना का है. इस बुजुर्ग के परिवार के लोग उसे मरा हुआ समझ कर श्मशान घाट ले गए थे लेकिन उनके जिंदा होने का एहसास होने पर वापस ले आए थे.

चिता पर लेटे हुए धीरे-धीरे पलकें झपकाते एक बुजुर्ग शख्स का वीडियो ये कहकर खूब शेयर हो रहा है कि इनके बच्चे इनकी सेवा नहीं करना चाहते थे इसलिए जिंदा अवस्था में ही इनका अंतिम संस्कार करने के लिए इन्हें श्मशान घाट ले गए.

वीडियो में बुजुर्ग के आसपास काफी कोलाहल-सा है. लोग कह रहे हैं- 'हाथ लगाकर देखो, वीडियो बनाओ आंख झपकन लागे है, इसने खोलो भाई'. वीडियो पर लिखा है, 'भाई अपने मां बाप की सेवा नहीं कर सकते हो तो उन्हें जिंदा तो मत जलाओ'.  

एक एक्स यूजर ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, "घोर कलयुग, पिता सेवा नहीं कर सके तो जिंदा ही ले गए श्मशान घाट".
 

वीडियो पर प्रतिक्रिया देने वाले कई लोग इसमें दिख रहे बुजुर्ग के बच्चों को कोस रहे हैं. मिसाल के तौर पर, एक व्यक्ति ने लिखा, "ऐसी औलादों को भारत/दुनिया में रहने की कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए". एक अन्य शख्स ने लिखा, "बेचारा बाप अपने नालायक बच्चों का ये करतूत भी सहन करके मरने को तैयार है..!!"

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

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आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं बल्कि साल 2021 में दिल्ली में हुई एक घटना का है. बुजुर्ग के परिवार को ऐसा लगा था कि उनकी मृत्यु हो गई, जिसके चलते वो उसे श्मशान घाट ले गए थे. लेकिन जब वहां पहुंच कर उन्हें एहसास हुआ कि उनकी सांसे चल रही हैं, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी थी और बुजुर्ग को अस्पताल ले गए थे. इस बात का कोई सबूत नहीं है कि बुजुर्ग के परिवार के लोग उन्हें जिंदा जलाने के मकसद से जानबूझकर जिंदा हालत में श्मशान घाट ले गए थे.

कैसे पता लगाई सच्चाई?  

वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें इस वीडियो का स्क्रीनशॉट 27 दिसंबर, 2021 की अमर उजाला की रिपोर्ट में मिला. खबर के मुताबिक वीडियो में दिख रहे बुजुर्ग नरेला, दिल्ली के टिकरी खुर्द गांव के 62 वर्षीय सतीश भारद्वाज हैं.


खबर के अनुसार, सतीश के परिवार के लोग उन्हें मरा हुआ समझ कर अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले गए. लेकिन लाश को अग्नि देने से पहले जब उनके चेहरे से कफन हटाया गया तो ये देखकर सबके होश उड़ गए कि वो सांस ले रहे थे और धीरे-धीरे आंखें खोल रहे थे. ये देखकर लोगों ने तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दी.  

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उस वक्त श्मशान घाट पर मौजूद जिन दो लोगों ने पुलिस पीसीआर को फोन किया था, उन्होंने आजतक को बताया था कि बुजुर्ग के जिंदा होने का एहसास होने पर उन्हें एंबुलेंस से राजा हरिश्चंद्र अस्पताल ले जाया गया.
 
आजतक की 27 दिसंबर, 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, उस वक्त दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया था कि ये बुजुर्ग कैंसर के मरीज थे और एक अस्पताल में भर्ती थे. उनके परिजनों को वेंटिलेटर का खर्च महंगा लग रहा था इसलिए वो उन्हें डिस्चार्ज करके घर ले गए थे. अस्पताल ने उन्हें डिस्चार्ज करते वक्त डिस्चार्ज पेपर पर LAMA (left against medical advice) लिखा था.

इस घटना के बारे में उस वक्त कई खबरें कई खबरें छपी थीं. किसी भी खबर में ऐसा नहीं लिखा है कि बुजुर्ग को उसके परिवार के लोग जानबूझकर जिंदा जलाने के मकसद से श्मशान घाट ले गए. इस मामले की जानकारी पुलिस को भी दी गई थी इसलिए अगर सचमुच ऐसा होता तो इसके बारे में खबरों में भी जरूर जिक्र होता.

वायरल वीडियो से मिलती-जुलती और भी कई घटनाएं हो चुकी हैं. नवंबर 2024 में राजस्थान के झुंझुनू जिले में एक आश्रय गृह में रहने वाले रोहिताश्व की तबीयत बिगड़ने पर उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था. लेकिन जब उसे अंतिम संस्कार के​ लिए श्मशान घाट ले जाया गया तो लोगों को एहसास हुआ कि उसके शरीर में हरकतें हो रही हैं और उसकी सांसें चल रही हैं. इसी तरह, जनवरी 2025 में केरल में एक 67 वर्षीय व्यक्ति जिसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था, उसके परिजनों को उसे शवगृह ले जाते समय ये एहसास हुआ कि वो जीवित है.

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साफ है कि एक बुजुर्ग को गलती से श्मशान घाट ले जाने की एक पुरानी घटना को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

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