अडानी ग्रुप (Adani Group) में कई बड़ी जिम्मेदारियां निभा रहे प्रणव अडानी ने कहा कि बिजनेस में पारदर्शिता सबसे जरूरी है, और उनके ग्रुप का यही मूलमंत्र है. ग्रुप देश की तरक्की के लिए काम कर रहा है.
'एजेंडा आजतक' में श्वेता सिंह से खास बातचीत के दौरान प्रणव अडानी ने कहा कि 2023 में ग्रुप पर जो आरोप लगे थे, उससे कारोबार बिल्कुल प्रभावित नहीं हुए, उससे हमारी ग्रोथ में कोई रुकावट नहीं आई, ग्रुप और तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि जब आप कोई बड़ा काम करते हैं, तो इस तरह के आरोप लगते रहते हैं. लेकिन अगर बिजनेस में पारदर्शिता है, फिर इस तरह की चुनौतियां का कोई खास असर नहीं होता.
अडानी ग्रुप के एग्रो और ऑयल एंड गैस सेगमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रणव अडानी ने कहा कि मौजूदा दौर में कारोबार के लिए भारत में सबसे ज्यादा मौके हैं. युवाओं को देश में ही कारोबार के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक तरह से बिजनेस में ये हमारी पहली पीढ़ी है.
अडानी ग्रुप का 26 राज्यों में बिजनेस
जहां तक राजनीतिक आरोप की बात है तो अडानी ग्रुप का 26 राज्यों में कारोबार है, 400 से ज्यादा बिजनेस में ग्रुप एक्टिव है. अब तरक्की को लेकर देश में ही एक राज्य दूसरे राज्य से तुलना कर रहे हैं, ये अच्छा है.
गौतम अडानी के भतीजे प्रणव अडानी की मानें तो अडानी ग्रुप देश को ध्यान में रखकर निवेश करता है, जहां हर कोई निवेश से बचता है, देश की 10 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लिए ग्रुप निवेश कर रहा है. इसी कड़ी में ग्रुप का रोड, एयरपोर्ट्स और पोर्ट्स पर ज्यादा निवेश है. इंफ्रा में निवेश लंबी अवधि को लेकर किया जाता है. इसलिए इंफ्रा में निवेश पर रिजल्ट के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ता है.
गौतम अडानी की ये खासियत
प्रणव अडानी कहते हैं, 'गौतम भाई अडानी कहते हैं, देश को ध्यान में रखकर बिजनेस को बड़ा करना है, यानी देश की तरक्की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए, गौतम अडानी जी के दो रूप हैं, वो जब घर में होते हैं, काफी प्यार करते हैं, लेकिन ऑफिस में सख्त टास्क मास्टर भी हैं.'
गौतम अडानी लंबी अवधि का नजरिया देखकर काम करते हैं, वो 20 साल, 25 साल और 30 साल की अवधि लेकर चलते हैं. इसी कड़ी देश में पोर्ट्स और एयरपोर्ट्स ग्लोबल मापदंड के बनाए गए हैं. ग्रुप के अधीन देश में 15 पोर्ट्स और 4 विदेशों में हैं. रेटिंग एजेंसियां अब अडानी ग्रुप को अपग्रेड कर रही हैं. रेटिंग बेहतर तब मिलती है, जब आउटपुट बेहतर होता है.
विकसित भारत के लिए 8 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रेट चाहिए. इसके लिए इंफ्रा पर सबसे ज्यादा फोकस होना चाहिए. पिछले 10-12 साल में 'इज ऑफ डूइंग बिजनेस' में काफी बदलाव हुआ है, डिजिटल क्रांति की वजह से ये बदलाव संभव हुआ है. पारदर्शिता बढ़ी है, उद्योगपतियों के लिए बिजनेस करना थोड़ा आसान हुआ है.
कितने घंटे काम करना चाहिए?
कितने घंटे काम करना चाहिए? इस सवाल के जवाब में प्रणव अडानी ने कहा कि इसपर बहुत चर्चा हो चुकी है, और ये बहस का मुद्दा नहीं है. वैसे 8 घंटे का टाइम ठीक है, मैं तो 12-14 घंटे करता हूं. उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि ये आपकी मर्जी है कि आप जितने घंटे काम करना चाहते हैं, उतने घंटे करें. वैसे भी घर जाकर आप फोन तो चलाते ही हैं, तो इस दौरान आप काम भी कर सकते हैं.'