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पवन कल्याण की OG तेलुगू में ही जीत रही उत्तर भारत का दिल, पटना-लखनऊ में भरे शो, हिंदी में चूके मेकर्स?

पवन कल्याण की फिल्म 'OG' तेलुगू के साथ-साथ हिंदी में भी रिलीज हुई है. मगर इसके शोज बहुत लिमिटेड हैं. फिर भी हिंदी दर्शकों वाले इलाकों में 'OG' के हिंदी शोज ही खूब बुक हो रहे हैं. आइए बताते हैं ये फिल्म उत्तर भारत में क्या कमाल कर रही है.

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पावर स्टार पवन कल्याण की 'OG' के तेलुगू शोज, हिंदी मार्किट में भरने लगे हैं  (Photo: IMDB)
पावर स्टार पवन कल्याण की 'OG' के तेलुगू शोज, हिंदी मार्किट में भरने लगे हैं (Photo: IMDB)

तेलुगू सिनेमा के पावर-स्टार पवन कल्याण की नई फिल्म 'OG' का जलवा आज थिएटर्स में खूब नजर आ रहा है. पिछले साल पॉलिटिक्स में नाम बुलंद कर चुके, आंध्र प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री पवन, अब पर्दे पर गैंगस्टर अवतार में धमाका कर रहे हैं. 'OG' का क्रेज ऐसा है कि ये 2025 में सबसे बड़ी ओपनिंग करने वाली भारतीय फिल्म बनने की रेस में है. और इस रेस में इसका मुकाबला सीधा सुपरस्टार रजनीकांत की फिल्म 'कुली' से है. 

'OG' तेलुगू समेत हिंदी, तमिल, कन्नड़ और मलयालम में भी रिलीज हुई है. 'बाहुबली', 'RRR' या 'पुष्पा' से लेकर नए हीरोज और कम बजट वाली 'हनुमान' और 'कार्तिकेय 2' जैसी फिल्में भी हिंदी दर्शकों को थिएटर्स तक खींचने में कामयाब रही हैं. इसलिए कायदे से 'OG' के मेकर्स को हिंदी में अपनी फिल्म के लिए माहौल बनाना चाहिए था. 

लेकिन मेकर्स ने हिंदी में ना इसे बहुत स्क्रीन्स दिलाने के लिए मेहनत की और ना ही हिंदी मार्किट में प्रमोशन किया. जबकि पवन कल्याण का क्रेज उत्तर भारत में एक अलग ही कमाल कर रहा है. 'OG' को हिंदी सिनेमा के गढ़ कहे जाने वाले सेंटर्स में, जनता तेलुगू में ही खूब देख रही है. 

उत्तर भारत में तेलुगू में ही कमाल कर रही 'OG' 
बुक माय शो से शहर-शहर की बुकिंग खंगालने के बाद ये नजर आता है कि उत्तर भारत में 'OG' के तेलुगू शोज ही कमाल कर रहे हैं. दिल्ली-एनसीआर में तो पवन कल्याण की फिल्म के तेलुगू शोज का क्रेज समझ में आता है क्योंकि यहां तेलुगू भाषी दर्शक भी ठीकठाक हैं. और ये दर्शक अपनी मातृभाषा में आई फिल्मों के लिए पूरी लगन के साथ थिएटर्स में पहुंचते भी हैं. 

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मगर असली कमाल तो उन जगहों पर नजर आ रहा है जो हिंदी भाषियों का गढ़ हैं. पूरे उत्तर भारत की तरह, पटना और लखनऊ में 'OG' शोज  बहुत लिमिटेड स्क्रीन्स पर चल रहे हैं. तेलुगू के शोज हिंदी से भी कम हैं, मगर टोटल शोज एवरेज हाइप वाली हिंदी फिल्मों से बहुत कम ही हैं. लेकिन इन बेहद लिमिटेड तेलुगू शोज में भी दर्शकों का इंटरेस्ट अलग लेवल पर है. 

पटना के एक थिएटर में गुरुवार शाम के लिए 'OG' का तेलुगू शो हाउस फुल हो चुका है. जबकि एक थिएटर में कुछ गिनी-चुनी ही सीटें बची हैं. दूसरी तरफ लखनऊ के एक अच्छी खासी कैपेसिटी वाले थिएटर में 'OG' का हिंदी शो 60-70 प्रतिशत तक एडवांस में बुक नजर आ रहा है. 

'OG' के प्रीमियर शोज में ही दिखा क्रेज 
बॉलीवुड हंगामा की एक रिपोर्ट बताती है कि मूवीमैक्स मल्टीप्लेक्स थिएटर चेन ने तेलुगू में ही 'OG' के शोज चलाने का रिस्क लिया और उन्हें अच्छा फायदा हुआ है. इस चेन ने लखनऊ, पुणे, गाजियाबाद और नागपुर की प्रॉपर्टीज में शोज ओपन किए. बुधवार शाम को 6 बजे तक ही 3750 टिकट बिकने के साथ 6.55 लाख रुपये की कमाई हो चुकी थी. 

ये आंकड़ा इसलिए दमदार है क्योंकि ये कमाई सिर्फ 10 थिएटर्स से हुई है. बुकिंग खुलने के दो घंटे के अंदर ही 2000 से ज्यादा टिकट बुक हो गए थे. फिल्म ट्रेड पर नजर रखने वाले कई सोशल मीडिया हैंडल्स ये भी जानकारी शेयर की है कि मूवीमैक्स ने 'OG' के प्रीमियर शोज से ही 30 लाख रुपये की कमाई कर ली थी. 

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क्या हिंदी में चूक गए OG के मेकर्स?
पवन कल्याण की फिल्में हिंदी चैनल्स पर डबिंग में खूब देखी जाती रही हैं. उनके डबिंग टाइटल 'आज का गुंडाराज', 'मेरा टारगेट', 'पुलिसवाला गुंडा' और 'डेयरिंगबाज' वगैरह हिंदी चैनलों पर खूब चले हैं. ऊपर से पिछले साल पवन की शानदार राजनीतिक कामयाबी ने उन्हें खूब चर्चा दिलाई. पवन के तगड़े फिल्मी सफर के साथ-साथ उनका आंध्र प्रदेश का उप-मुख्यमंत्री बनना बहुत बड़ी खबर थी. 

'OG' के मेकर्स अगर अपनी इंडस्ट्री की बाकी फिल्मों का उदाहरण फॉलो करते तो हिंदी में उन्हें अच्छी कामयाबी मिल सकती थी. पवन का नाम उत्तर भारत में भी लोग पहचानते तो हैं ही. ऐसे में एक दमदार प्रमोशनल कैम्पेन फिल्म को और बड़ा बना सकता था. हालांकि, बिना हिंदी मार्किट से बहुत बड़ा कलेक्शन जुटाए ही 'OG' बहुत तगड़ी ओपनिंग करने जा रही है, जिससे कई रिकॉर्ड्स टूटेंगे. 

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