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शशि थरूर के इलाके में खिलेगा कमल या फिर कांग्रेस का दबदबा? केरल निकाय चुनाव की वोटिंग कल

केरल के स्थानीय निकाय चुनाव के पहले चरण के लिए मंगलवार को मतदान है, जिसमें सभी की निगाहें कांग्रेस सांसद शशि थरूर के संसदीय क्षेत्र तिरुवंतपुरम के इलाके पर लगी है. यहां पर कांग्रेस और लेफ्ट ही नहीं बल्कि बीजेपी भी मुकाबले में है.

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर के तिरुवंतमपुरम में क्या होगा (Photo-ANI)
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के तिरुवंतमपुरम में क्या होगा (Photo-ANI)

केरल के स्थानीय निकाय चुनाव को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है. लेफ्ट के नेतृत्व वाले एलडीएफ और कांग्रेस के अगुवाई वाले यूडीएफ के बीच सीधी लड़ाई है, लेकिन कई जगह पर बीजेपी की कोशिश त्रिकोणीय मुकाबला बनाने की है. ऐसे में सभी निगाहें कांग्रेस सांसद शशि थरूर के तिरुवनंतपुरम क्षेत्र पर टिकी हुई हैं, क्योंकि यहां पर तीनों गठबंधनों ने पूरी ताकत झोंक रखी है.

राज्य का निकाय चुनाव दो चरणों में है, जिसमें पहले फेज के लिए मंगलवार को और दूसरे चरण के लिए 11 दिसंबर को वोटिंग होनी है. पहले चरण की जिन स्थानीय निकाय सीटों पर चुनाव है, वहां रविवार को प्रचार का शोर थम गया है. इस तरह केरल स्थानीय चुनाव की पहली अग्निपरीक्षा सोमवार को होनी है.

केरल निकाय चुनाव की कल वोटिंग

केरल की कुल 1200 स्थानीय निकायों में से 1,199 में चुनाव हो रहे हैं. मट्टनूर नगरपालिका का कार्यकाल 2027 तक होने की वजह से चुनाव नहीं हो रहे हैं. केरल के सभी 12 स्थानीय निकायों के 23,576 वार्डों में दो चरण में चुनाव है. पहले चरण में कोल्लम, तिरुवनंतपुरम, पथानामथिट्टा, अलाप्पुझा, इडुक्की, कोट्टायम और एर्नाकुलम जिलों में स्थानीय निकाय के लिए मतदान है.

पहले चरण में तीन नगर निगम, 39 नगरपालिकाएं, सात जिला पंचायतें, 75 ब्लॉक पंचायतें और 471 ग्राम पंचायत क्षेत्रों में चुनाव है. ऐसे में पहले चरण में 595 स्थानीय निकायों के कुल 11,168 वार्डों के लिए चुनाव हो रहे हैं, जिसके लिए 36,000 से ज़्यादा उम्मीदवार मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं. ऐसे में सभी की निगाहें तिरुवनंतपुरम की नगर निगम सीट पर लगी हुई हैं.

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तिरुवनंतपुरम पर सबसे ज्यादा फोकस

केरल की जिन तीन नगर निगम सीटों पर मंगलवार को चुनाव हो रहे हैं, उसमें तिरुवनंतपुरम, कोल्लम और कोच्चि नगर निगम हैं. इन तीनों ही नगर निगम पर लेफ्ट के अगुवाई वाले एलडीएफ का कब्जा है. इन तीनों में सबसे ज्यादा लोगों की निगाहें तिरुवनंतपुरम के चुनाव पर लगी हैं, जहां से कांग्रेस नेता शशि थरूर सांसद हैं. यहां पर बीजेपी, कांग्रेस और लेफ्ट तीनों का सियासी आधार है.

तिरुवनंतपुरम नगर निगम के मेयर बनने के लिए असल मुकाबला है. ऐसे में त्रिकोणीय टक्कर देखने को मिली है, जिसमें कांग्रेस जैसी पार्टियों के पूर्व विधायक केएस सबरीनाथन और बीजेपी से पूर्व डीजीपी आर श्रीलेखा मेयर पद के लिए संभावित उम्मीदवार के रूप में पार्षद का चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में शशि थरूर के ऊपर भी लोगों की नजरें है कि क्या अपने गढ़ में कांग्रेस को जिता पाएंगे? 

निकाय चुनाव में सबरीमाला मंदिर में सोने की चोरी और निष्कासित कांग्रेस विधायक राहुल मामकूटथिल पर गंभीर यौन उत्पीड़न के आरोप, महंगाई और कीमतों में बढ़ोतरी और नेशनल हाईवे विस्तार कार्यों की धीमी गति जैसे समकालीन मुद्दों को सभी प्रमुख मोर्चों द्वारा उठाया और चर्चा की गई है. ऐसे में चुनावी फायदे के लिए सांप्रदायिक ताकतों को लुभाने पर झगड़ा, टैक्टिकल क्रॉस-वोटिंग को मुमकिन बनाने के लिए गुप्त गठबंधनों के आरोप-प्रत्यारोप लगते रहे हैं.

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निकाय चुनाव में स्थानीय मुद्दे रहे हावी

निकाय चुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी रहे. वार्ड-लेवल का कैंपेन कचरा निपटान, ज़्यादा इलाकों में सीवरेज लाइन और पाइप से पीने का पानी पहुंचाने, गड्ढे वाली सड़कों की मरम्मत, और सार्वजनिक जगहों पर टॉयलेट और क्लॉकरूम जैसी बुनियादी सुविधाओं की साफ़ कमी को दूर करने पर केंद्रित था.

सरकारी अस्पतालों में दवाओं और बिस्तरों की कमी, सार्वजनिक सेवाओं में कथित गिरावट, विक्रेता महंगाई, सामर्थ्य संकट, और एनएच-66 के काम से जुड़ी रुकावटों और सुरक्षा चिंताओं ने चुनावी माहौल को गरमा दिया.

निकाय चुनाव का कार्निवल जैसा खुला कैंपेन अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंचा, जो मुकाबला करने वाले गठबंधनों के नेताओं के बीच सिमट गया. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन, और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने हर एक सियासी दांव चला. माना जा रहा है कि निकाय चुनाव के जरिए तीनों गठबंधन इस चुनाव के जरिए 2026 की सियासी जमीन तैयार करना चाहते हैं.

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