जैन मुनि तरुण सागर महाराज का 51 साल की उम्र में निधन हो गया है. तरुण सागर काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. तरुण सागर जी महाराज का अंतिम संस्कार शनिवार दोपहर मुरादनगर के सैंथली गांव में हुआ. वे अपने कड़वे वचनों के लिए भी जाने जाते थे. आप उनके जीवन और विचारों के बारे में तो बहुत कुछ जानते होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी वजह से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ को अपनी गणवेश (ड्रेस) में बदलाव करना पड़ा था.
वो समाज की बुराइयों की आलोचना करते थे. इनके प्रवचनों की किताबें भी 'कड़वे प्रवचन' के नाम से प्रकाशित होती थी. 2017 में इन्होंने कहा था कि देश में करीब 1400 फर्जी बाबा हैं, जिनकी संपत्ति की जांच होनी चाहिए और उन्हें सजा मिलनी चाहिए. इस पर काफी विवाद हुआ था.
कहा जाता है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी थे. साथ ही कई राजनेता उनसे मुलाकात करते थे. एक बार उन्होंने हरियाणा विधानसभा को भी संबोधित किया था.
एक बार साल 2011 में उन्हें राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने विजयदशमी के कार्यक्रम में बुलाया था. उस दौरान ही उन्होंने एक ऐसा प्रवचन दिया था, जिसके बाद आरएसएस की ड्रेस में बदलाव हुआ.
इस दौरान उन्होंने कहा था कि स्वंयसेवक जिस चमड़े की बेल्ट का इस्तेमाल करते हैं वह अहिंसा के विपरीत है. इसके बाद आरएसएस ने अपनी ड्रेस से चमड़े की बेल्ट की जगह कैनवस की बेल्ट इस्तेमाल करनी शुरू कर दी.
बता दें कि 2002 में मध्य प्रदेश सरकार ने इन्हें राजकीय अतिथि का दर्ज दिया था. 2003 में इंदौर में इन्हें राष्ट्रसंत की उपाधि दी गई थी.