BPSC Exam: बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के दौरान पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर हुए हंगामे की जांच रिपोर्ट पटना के जिलाधिकारी ने आयोग को सौंप दी है. रिपोर्ट के आधार पर बीपीएससी सोमवार. 16 दिसंबर 2024 को आगे का फैसला लेगा. साथ ही परीक्षा के दौरान उपद्रवियों की पहचान सीसीटीवी फुटेज से की गई है. परीक्षार्थियों ने प्रश्नपत्र देरी से मिलने और सील टूटी होने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था.
दरअसल, बिहार की बीपीएससी 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 13 दिसंबर को आयोजित की गई थी. राज्य के 36 जिलों में 900 से अधिक परीक्षा केंद्र बनाए गए थे जिनमें पटना का बापू परीक्षा केंद्र शामिल था. इस परीक्षा केंद्र पर कुछ अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि पेपर देरी से बांटा गया, जो पेपर छात्रों को मिला उसकी सील पहले से टूटी हुई थी. इसके बाद कुछ अभ्यर्थियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. कुछ अभ्यर्थी विरोध में परीक्षा खत्म होने के बाद क्वेश्चन पेपर के साथ OMR शीट लेकर केंद्र से बाहर आ गए.
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बीपीएससी परीक्षा के दौरान हंगामे को लेकर बिहार लोक सेवा आयोग ने पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह से रिपोर्ट मांगी थी. डीएम ने रविवार, 15 दिसंबर को आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. रिपोर्ट में क्या-क्या कहा गया है, यहां पढ़ें-
परीक्षा के दौरान समस्याएं
प्रश्न-पत्र वितरण में देरी
परीक्षा आयोजन में पांचों तलों पर हजारों परीक्षार्थी शामिल हुए. परीक्षा नियमानुसार प्रश्न-पत्रों को सील्ड बॉक्स से खोलने के बाद क्रमवार तरीके से वितरित किया जाना था. प्रत्येक परीक्षा हॉल में 273 परीक्षार्थियों को बैठने की व्यवस्था थी, जबकि एक स्टील बॉक्स में 192 प्रश्न-पत्र रखे गए थे. ये प्रश्न-पत्र 16 सील्ड TES बैग में थे, और प्रत्येक बैग में 12 प्रश्न-पत्र रखे गए थे. प्रश्न-पत्रों की संख्या कम होने की वजह से एक हॉल के TES बैग को अन्य हॉल से लाना पड़ा. इससे वितरण में देरी हुई, और ऊपरी तलों तक प्रश्न-पत्र पहुंचाने में और भी समय लगा.
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परीक्षार्थियों की आपत्ति और हंगामा
कई परीक्षार्थियों ने इस बात पर आपत्ति जताई कि उनके एग्जाम रूम में सील्ड बॉक्स क्यों नहीं खोला गया. प्रश्न-पत्र वितरण में हुई देरी से स्थिति और गंभीर हो गई. केंद्राधीक्षक ने समझाने का प्रयास किया कि नियमानुसार सील्ड बॉक्स केवल एक स्थान पर खोला गया है और देरी के लिए उन्हें अतिरिक्त समय दिया जाएगा. इसके बावजूद परीक्षार्थी हंगामा करने पर उतारू थे.
भविष्य के लिए जरूरी सुझाव
विशेष व्यवस्था
बापू सभागार जैसे परीक्षा केंद्रों पर बड़ी संख्या में परीक्षार्थी एक साथ परीक्षा देते हैं. ऐसे में प्रबंधन के लिए प्रत्येक तल को अलग परीक्षा केंद्र मानते हुए प्रत्येक तल पर अलग-अलग केंद्राधीक्षक और दंडाधिकारी नियुक्त किए जाने चाहिए.
जिला प्रशासन की भूमिका
बापू परीक्षा परिसर या अन्य केंद्रों का चयन जिला प्रशासन की अनुशंसा के आधार पर किया जाए. इसके अलावा, केंद्राधीक्षक और वीक्षकों की नियुक्ति भी जिला प्रशासन की निगरानी में हो ताकि समन्वय बेहतर हो और परीक्षा व्यवस्थित ढंग से संपन्न हो.
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लाउडस्पीकर की गुणवत्ता में सुधार
दिनांक 13.12.2024 को आयोजित परीक्षा के दौरान भीड़ प्रबंधन और परीक्षार्थियों को संबोधित करने में लाउडस्पीकर की गुणवत्ता अपर्याप्त रही. हाई क्वालिटी के लाउडस्पीकर्स की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि संदेश परिसर के अंदर और बाहर स्पष्ट रूप से पहुंच सके. इससे भीड़ को मैनेज करने और परीक्षा संचालन में सहायता मिलेगी.
यह घटना क्यों महत्वपूर्ण है?
यह घटना बताती है कि सरकारी परीक्षाओं में पारदर्शिता और व्यवस्था का अभाव कितना बड़ा मुद्दा है. लाखों छात्रों का भविष्य इन परीक्षाओं पर निर्भर करता है और इस तरह की घटनाएं उनके हितों को प्रभावित करती हैं.