IAS Smita Sabharwal: महज 23 साल की उम्र में स्मिता सभरवाल ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की, जिसका बहुत से लोग सपना देखते हैं. वे साल 2000 में तेलंगाना कैडर से IAS ऑफिसर हैं. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया था. उनकी सफलता की नींव बहुत पहले ही रख दी गई थी. सोशल मीडिया पर स्मिता सभरवाल की 12वीं क्लास की मार्कशीट की काफी चर्चा हो रही है. जिसमें उनके असाधारण अंकों ने बहुत से लोगों को प्रभावित किया है.
दरअसल, स्मिता सभरवाल ने IPS मनोज शर्मा की जर्नी से प्रेरित फिल्म '12th Fail' देखने के बाद अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर अपनी 12वीं क्लास की मार्कशीट शेयर की थी. तब उन्होंने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा था, '#12thfail एक प्रेरणा दायक थी! लेकिन 12वीं पास करना एक अच्छी याद की तरह है. अपने 12वीं के परिणाम पर नज़र डाली और याद आया कि अच्छा करने से बड़े सपने देखने का आत्मविश्वास मिलता है. सभी प्यारे बच्चों को जो दुनिया के सबसे कठिन प्रवेश परीक्षाओं में से एक #UPSC की तैयारी कर रहे हैं... #workhard और #WorkSmart दोनों, अभिव्यक्ति/विषय ज्ञान दोनों समान रूप से जरूरी हैं.' एक बार फिर IAS स्मिता सभरवाल की मार्कशीट सोशल मीडिया पर चर्चा में है.
12वीं में आए थे 97-94-94-90-86 मार्क्स
19 जून 1977 में दार्जिलिंग में जन्मी स्मिता सभरवाल कर्नल प्रणब दास की बेटी हैं. पिता के रिटायरमेंट के बाद उनका परिवार हैदराबाद में सेटल हो गया. उनकी प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद में हुई, जहां उन्होंने सिकंदराबाद के सेंट ऐन हाई स्कूल में पढ़ाई की. आईएएस स्मिता सभरवाल (तब स्मिता दास) ने CISCE बोर्ड से साल 1995 में 12वीं बोर्ड परीक्षा पास की थी. उनके द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर की मार्कशीट में उनके मार्क्स कुछ इस तरह थे-
अंग्रेजी: 94
हिंदी: 94
अर्थशास्त्र: 90
स्ट्रक्चर ऑफ कॉमर्स: 86
प्रिंसिपल ऑफ अकाउंट्स: 97
ग्रेड: A
1st अटेंप्ट में फेल, दूसरे में पाई थी चौथी रैंक
सिविल सेवा परीक्षा में अपने पहले प्रयास में शुरुआती असफलता के बावजूद, स्मिता के दृढ़ संकल्प ने उन्हें सफलता दिलाई. अपने दूसरे प्रयास में, उन्होंने न केवल यूपीएससी परीक्षा पास की, बल्कि एक प्रभावशाली अखिल भारतीय रैंक (AIR) 4 भी हासिल की. 23 साल की छोटी उम्र में उनकी उपलब्धि ने उन्हें भारत में सबसे कम उम्र के IAS अधिकारियों में से एक बना दिया.
पहली नियुक्ति में पाया था PM एक्सीलेंस अवार्ड
स्मिता सभरवाल की पहली नियुक्ति चित्तूर जिले में बतौर सब-कलेक्टर हुई और फिर आंध्र प्रदेश के कई जिलों में एक दशक तक काम करते रहने के बाद उन्हें अप्रैल, 2011 में करीमनगर जिले का डीएम बनाया गया. यहां उन्होंने हेल्थ केयर सेक्टर में 'अम्माललाना' प्रोजेक्ट की शुरुआत की. इस प्रोजेक्ट की सफलता के चलते स्मिता को प्राइम मिनिस्टर एक्सीलेंस अवार्ड भी दिया गया. स्मिता के करीमनगर में बतौर डीएम तैनात रहने के दौरान ही करीमनगर को बेस्ट टाउन का भी अवॉर्ड भी मिला चुका है. स्मिता ने 2001 बैच के आईपीएस ऑफिसर अकुन सभरवाल से शादी की है, उनके दो बच्चे नानक और भुविश हैं.