प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों के दौरे पर हैं. पीएम मोदी जॉर्डन, इथियोपिया के बाद अब ओमान पहुंच गए हैं. पीएम मोदी के दौरे की वजह से ओमान की भी काफी चर्चा हो रही है. दरअसल, ओमान लंबे वक्त से भारत के लिए अहम देश रहा है और ओमान में लंबे वक्त से भारतीयों का काफी जलवा रहा है. ओमान के कई बड़े कारोबारियों में हिंदुस्तानी बिजनेसमैन हैं. इसके अलावा भारत के लाखों लोग ओमान में रह रहे हैं. ऐसे में जानते हैं कि भारत और ओमान के रिश्ते कैसे हैं और भारतीयों का ओमान में कितना प्रभाव है?
ओमान में एक बड़ी भारतीय कम्युनिटी रहती है, जिसकी कुल संख्या करीब 676,781 (25 अगस्त 2025 तक) है. ओमान सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, ओमान में 515,917 भारतीय पुरुष और 160,864 भारतीय महिलाएं रह रही हैं. नेशनल सेंटर फॉर स्टैटिस्टिक्स एंड इन्फॉर्मेशन (NCSI) के अक्टूबर 2025 के डेटा के अनुसार, 519,609 भारतीय नागरिकों के पास वर्क वीजा है. कुछ भारतीय परिवार 150-200 से ज्यादा सालों से ओमान में बसे हुए हैं. नवंबर 2025 तक, भारतीय मूल के 2052 लोगों के पास ओवरसीज सिटिजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड है.
क्या करते हैं भारतीय?
बता दें कि ओमान में हजारों भारतीय डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, टीचर, लेक्चरर, नर्स, मैनेजर वगैरह के तौर पर काम करते हैं. ओमान के निर्माण में भारतीय प्रवासी समुदाय की भूमिका को अक्सर ओमान सरकार स्वीकार करती है. इसके साथ ही ओमान में कई भारतीय कारोबारी हैं, जो बड़े स्तर पर ओमान में काम कर रहे हैं. वहां 22 भारतीय स्कूल हैं, जहां 48000 से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं. ओमान में भारतीय समुदाय मस्कट, सलालाह, सोहर और सुर में इंडियन सोशल क्लब्स के तहत आपस में जुड़े हुए हैं.
बिजनेस में कितना प्रभाव?
ओमान के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, ओमान में 4100 से ज़्यादा भारतीय एंटरप्राइज और प्रतिष्ठान हैं, जिनमें अनुमानित 7.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश है. इसके अलावा वहां कई भारतीय बिजनेसमैन ऐसे हैं, जिन्होंने अपना काफी बड़ा कारोबार स्थापित किया हुआ है. पहले भी कई भारतीय कारोबारी काफी चर्चा में रहे हैं, जिनमें खिमजी परिवार के मुखिया, कनकसी खिमजी का नाम भी शामिल है. खिमजी को ओमान में शेख की उपाधि से सम्मानित किया गया था, जिससे वे पूरे इस्लामी जगत में एकमात्र हिंदू शेख बन गए.
कितना है बिजनेस?
भारत और ओमान के बीच मज़बूत आर्थिक और व्यापारिक संबंध हैं और भारत ओमान के टॉप ट्रेडिंग पार्टनर्स में से एक है. भारतीय कंपनियों ने ओमान में आयरन और स्टील, सीमेंट, फर्टिलाइजर, टेक्सटाइल, केबल, केमिकल्स, ऑटोमोटिव जैसे कई सेक्टरों में भारी निवेश किया है. दोनों देशों के बीच काफी निवेश रहा है और भारत-ओमान में कई जॉइंट वेंचर स्थापित किए गए हैं.

कभी हिंदी में भी होता था काम
बता दें कि भारतीय दूतावास ने राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) के सहयोग से 19 से 27 मई 2024 तक भारतीय समुदाय की विरासत का डिजिटलीकरण किया गया था. इसमें ओमान में 250 सालों से अधिक समय से रह रहे 32 पुराने भारतीय प्रवासी परिवारों के 7,000 से अधिक ऐतिहासिक अभिलेखों का डिजिटलीकरण किया गया. इन दस्तावेजों में व्यक्तिगत डायरी, खाता बही, व्यापार चालान, पासपोर्ट, पत्र आदि शामिल थे. इनसे पता चला कि 1838 से 20वीं शताब्दी के आरंभ तक के ये दस्तावेज अंग्रेजी, अरबी, गुजराती और हिंदी में थे.
शिव मंदिर भी है
बता दें कि यहां हिंदू व्यापारी समुदाय के दो मंदिर हैं, जिनमें से एक सौ साल से ज़्यादा पुराना है, और श्मशान घाट भी हैं. एक गुरुद्वारा दो दशकों से ज़्यादा समय से है, साथ ही कम से कम दो और अस्थायी ढांचे भी हैं, जिनका इस्तेमाल गुरुद्वारों के तौर पर किया जाता है.