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व्यापारी के नाम से जारी कराई चेकबुक, बैंक को धोखा देकर निकाले 32 लाख

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बैंको में धोखाधड़ी की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. जहां हाल ही में एक शातिर ने बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में खाता खुलवाया और चेकबुक जारी करवाने के बाद किसी और के अकाउंट से 32 लाख रुपये उड़ा लिए.

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पुलिस मामले की छानबीन कर रही है
पुलिस मामले की छानबीन कर रही है

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बैंको में धोखाधड़ी की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. जहां हाल ही में एक शातिर ने बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा में खाता खुलवाया और चेकबुक जारी करवाने के बाद किसी और के अकाउंट से 32 लाख रुपये उड़ा लिए.

मामला रायपुर शहर की शाखा का है. इस घटना का खुलासा उस समय हुआ जब एक पीड़ित व्यापारी अपने अकाउंट से 32 लाख रुपये निकाले जाने की शिकायत लेकर बैंक अफसरों के पास पहुंचा. पीड़ित ने किसी के पक्ष में कोई चेक जारी नहीं किया था और ना ही ATM का इस्तेमाल किया.

बावजूद इसके बैंक अफसरों ने उस शातिर के चेक पर भरोसा करके उसे व्यापारी के अकाउंट से 32 लाख रुपये निकाल कर दे दिए. शातिर शख्स ने जिस फर्म के नाम से चेक भुनाया उसके खाते में महज 3.77 लाख थे, फिर भी कैशियर ने बिना देखे भुगतान कर दिया. बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा के मैनेजर संजय शर्मा ने पुलिस को धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है.

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पुलिस के मुताबिक 55 वर्षीय एक व्यक्ति महावीर गोशाला के पास स्थित बैंक ऑफ़ बड़ौदा की शाखा में पहुंचा. उसने खुद को मारुती प्लाईवुड कंपनी का संचालक दिलीप पंजवानी बताते हुए तत्काल उसके खाते की चेकबुक जारी करने की मांग की. बैंक अफसरों ने इतनी जल्दी चेकबुक देने से इंकार कर दिया.

तब उस शातिर ने फेमिली कोर्ट में 37 चेक लगाने की बात बताई. इससे बैंक अधिकारी उसके झांसे में आ गए और उसे चेकबुक दे दी. अगले दिन उस शातिर ने 3.40 लाख रुपये का चेक बैंक में लगाया और टोकन ले लिया. चेक क्लियरेंस के लिए तीन स्थानों से होते हुए बैंक अधिकारी वीके दास के पास पहंचा. दास को उस ग्राहक पर शक हुआ.

अधिकारी ने कहा कि फेमिली कोर्ट में जरुरत पड़ने के नाम पर चेक लिया था, लेकिन अब इससे नगद राशि निकाल रहे हो. चेक से आहरण नहीं हो सकेगा. यह कहते हुए उन्होंने चेक वापस कर दिया. इसके बाद शातिर ने दूसरा चेक लगाया और सीधे कैश काउंटर पर चला गया. दूसरे चेक में उसने 32 लाख रुपये भरे थे. और खाताधारक में राजेश गोयल का नाम भर दिया.

साथ ही पहले वाले चेक पर जिन सेक्शन के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए थे. उनके फर्जी हस्ताक्षर करके उसने कैश काउंटर से 32 लाख रुपये निकाल लिए. दिलचस्प बाद यह है कि रकम निकालने के लिए इस शातिर शख्स ने महज पंद्रह मिनट के भीतर काउंटर पर खड़े रहकर बैंक अफसरों के फर्जी साइन किए थे.

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पुलिस और बैंककर्मी हैरान हैं कि ग्राहकों का डाटा ठगों के हाथ आखिर कैसे लगा? जबकि यह गोपनीय होता है और बैंक अफसरों से सीधे संपर्क होने के बाद ही खाते धारको को उनके अकाउंट में जमा और निकासी की जानकारी दी जाती है. पुलिस अब इस बात की तफ्तीश कर रही है कि आखिर कैसे उसने किसी और के खाते से 32 लाख रुपये निकाल लिए.

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