महाराष्ट्र के नांदेड़ के एक शांत से मोहल्ले में 21 साल की आंचल ममिडवार की ज़िंदगी हमेशा की तरह चल रही थी, लेकिन उसके दिल में एक राज़ था. तीन साल से सक्षम से उसका गहरा प्यार. दोनों एक-दूसरे के बिना रह नहीं सकते थे, लेकिन उनकी दुनिया उन्हें साथ नहीं रहने देना चाहती थी.
आंचल जानती थी कि उसके परिवार को यह रिश्ता मंज़ूर नहीं है. पिता और भाइयों की जाति को लेकर आपत्तियां, धमकियां और डर ये सब उसकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन चुके थे. लेकिन प्यार अपनी राह खुद बनाता है, और वह सक्षम का हाथ छोड़ने को तैयार नहीं थी.
मौत से एक दिन पहले का तूफान
घटना वाले दिन सुबह, उसका भाई हिमेश उसे जबरन इतवारा थाने ले गया. उसका इरादा साफ था. आंचल से सक्षम के खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज करवाना. आंचल ने साफ मना कर दिया. लेकिन वहीं एक बात हुई जिसने पूरी कहानी की दिशा तय कर दी.
आंचल के अनुसार, दो पुलिसकर्मियों ने हिमेश को उकसाते हुए कहा, 'अगर इतना ही गुस्सा है, तो जाकर उसे ही खत्म कर दो जिससे यह प्यार करती है.' यह सुनते ही हिमेश आगबबूला हो गया. उसने वहीं चैलेंज किया, 'ठीक है, पहले उसे मारता हूं... फिर थाने आऊंगा.' आंचल को अंदाजा भी नहीं था कि यह चुनौती सक्षम की ज़िंदगी खत्म कर देगी.
खूनी शाम और सक्षम की मौत
शाम को पुराने गंज इलाके में सक्षम अपने दोस्तों के साथ खड़ा था. तभी हिमेश पहुंचा. पहले बहस हुई, फिर गोली चली. गोली सक्षम की पसलियों को चीरती हुई भीतर उतर गई. लेकिन हिमेश रुका नहीं. उसने टाइल उठाकर सक्षम के सिर पर दे मारी और वहीं उसकी मौत हो गई. कुछ ही देर में उसका पिता, भाई और दूसरा भाई गिरफ्तार कर लिए गए.
मौत के बाद की शादी
अगले दिन, जब सक्षम के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी, आंचल वहां पहुंची. रो-रोकर उसकी हालत बिगड़ चुकी थी. लेकिन उसने एक फैसला किया, वह अपने प्रेम को अधूरा नहीं रहने देगी. वह सक्षम के पार्थिव शरीर के पास बैठी, और रस्मों के साथ उससे 'विवाह' कर लिया. लोग हैरान थे, लेकिन आंचल केवल इतना कह रही थी, 'अब मैं उसकी पत्नी हूं... और हमेशा रहूंगी.'
'मेरे पिता और भाइयों को फांसी दो'
आंचल ने मीडिया से कहा, 'मेरे पिता और भाई जाति के कारण हमारे प्यार को नहीं मानते थे. उन्होंने उसे मार डाला. मैं चाहती हूं कि उन्हें भी वही सज़ा मिले फांसी. उसने यह भी कहा, 'अब मैं सक्षम के घर में ही रहूंगी. मैं उसकी मां-बाप की देखभाल करूंगी.'
पुलिस की कहानी और समाज का सच
पुलिस ने बताया कि सक्षम और मुख्य आरोपी हिमेश कभी दोस्त थे. बाद में रिश्ते बिगड़ते गए. दोनों के खिलाफ पहले भी कई केस दर्ज थे. लेकिन परिवार की जातिगत जिद और हिंसा ने इस कहानी का अंत खून से लिख दिया. यह सिर्फ हत्या नहीं थी. यह प्रेम पर समाज की जंजीरों का क्रूर वार था. आंचल का दर्द, उसका बिखरना, और फिर टूटे हुए दिल के साथ लिया गया उसका 'विवाह' यह सब मिलकर एक ऐसी कहानी बनाते हैं जिसकी पीड़ा लंबे समय तक याद रहेगी.