बिहार के एक छोटे से गांव में एक किशोरी का जीवन अचानक उजड़ गया. यह कहानी उस मासूम लड़की की है, जिसने दरिंदगी की सारी हदें पार कर देने वाले अपराध का शिकार होना पड़ा. एक रात, जब गांव की सन्नाटा पसरा था, एक युवक ने उसे घर से बहाने से बुलाया. वह युवक उसकी पहचान का था, जिस पर भरोसा करके वह चली गई. युवक ने उसे बाइक पर बिठाया और गांव के बांध की ओर ले गया.
ड्रिंक्स में टेबलेट मिला दिया
वहां पहुंचकर उसने एक नशीला पेय पदार्थ पिलाया, जिसमें टेबलेट मिलाई गई थी. मासूम को इसकी भनक तक नहीं लगी. धीरे-धीरे उसकी आंखें भारी होने लगीं. तभी, पांच अन्य युवक वहां पहुंचे. इन छह बालिग लड़कों ने मिलकर उस मासूम के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घिनौनी वारदात को अंजाम दिया. बारी-बारी से उन्होंने उसका शोषण किया. जब लड़की बेहोश हो गई, तो सभी दरिंदे वहां से फरार हो गए, उसे बांध पर अधमरी हालत में छोड़कर.
रातभर वह बेहोशी की हालत में पड़ी रही. सुबह जब उसकी आंखें खुलीं, तो दर्द और डर ने उसे घेर लिया. किसी तरह वह घर पहुंची और अपने परिजनों को आपबीती सुनाई. उसकी हालत देखकर घर में कोहराम मच गया. परिजनों ने तुरंत परबत्ता थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने आधे दर्जन नामजद युवकों के खिलाफ केस दर्ज किया, लेकिन सभी आरोपी फरार हैं.
क्या कहते हैं गांव के लोग?
पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर कार्रवाई शुरू हो गई है. पुलिस टीमें आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही हैं. पीड़िता, जो महज 14 साल की है, अब खतरे से बाहर है, लेकिन उसके दिल और दिमाग पर यह दाग जिंदगीभर रहेगा. गांव में इस घटना से आक्रोश है. लोग सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं. पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन इस किशोरी की जिंदगी अब पहले जैसी नहीं रह सकती.