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दिल्ली ब्लास्ट: जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंची NIA और FSL, दिल्ली से कश्मीर तक छापेमारी शुरू

लाल किले के पास हुए भीषण बम धमाके की जांच अब NIA के हाथ में है. पुलवामा का डॉक्टर उमर नबी, जो कार चला रहा था, इस हमले का केंद्रबिंदु बन गया है. फरीदाबाद, कश्मीर और यूपी तक फैले टेरर नेटवर्क से उसके कनेक्शन ने जांच एजेंसियों को चौका दिया है.

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पुलवामा का डॉक्टर उमर नबी चला रहा था कार, इंटरस्टेट टेरर मॉड्यूल से जुड़ा लिंक. (File Photo: ITG)
पुलवामा का डॉक्टर उमर नबी चला रहा था कार, इंटरस्टेट टेरर मॉड्यूल से जुड़ा लिंक. (File Photo: ITG)

दिल्ली के लाल किले के पास एक चलती कार में हुए भीषण बम धमाके की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है. गृह मंत्रालय के आदेश के बाद NIA और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीमें क्राइम सीन पर पहुंची हैं. जांच अधिकारी एक चेन बनाकर इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. उनके हाथों में पारदर्शी प्लास्टिक बैग हैं, जिनमें वे हर छोटे-बड़े सबूत को सावधानी से इकट्ठा कर रहे हैं. 

सोमवार की शाम हुए इस धमाके में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 25 से अधिक लोग घायल हुए हैं. कई गाड़ियां जलकर खाक हो गईं. शुरुआती जांच में सामने आया है कि धमाका हुंडई i20 कार में हुआ. इस कार को कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला डॉक्टर उमर नबी चला रहा था. उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी. उसकी पहचान की पुष्टि के लिए मंगलवार को उसकी मां से DNA सैंपल लिया गया.

सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय (MHA) ने मंगलवार को इस ब्लास्ट की जांच औपचारिक रूप से NIA को सौंप दी है. यह साफ संकेत है कि सरकार इस धमाके को आतंकी हमला मान रही है, क्योंकि NIA को सिर्फ आतंक से जुड़े मामलों की जांच करने का अधिकार होता है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ''गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद इस धमाके की जांच की जिम्मेदारी NIA को सौंप दी गई है.''

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delhi terror attack

गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार दोपहर एक और उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है. सभी टॉप जांच एजेंसियों को इस हमले की तह तक जाने के निर्देश दिए हैं. इस हमले से कुछ घंटे पहले सोमवार दोपहर को आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनमें तीन डॉक्टर भी शामिल थे. जांच में सामने आया कि ये सभी एक व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल का हिस्सा थे, जो जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़ा था. 

यह नेटवर्क कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ था. फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से करीब 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया गया था. गिरफ्तार डॉक्टरों में डॉ. मुज़म्मिल गनई और डॉ. शाहीन सईद शामिल हैं. शाहीन सईद भारत में जैश-ए-मोहम्मद के महिला भर्ती विंग की हेड थी और जमात-उल-मोमिनात नाम से सक्रिय थी. उमर नबी भी अल फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा था.

जांचकर्ताओं के मुताबिक, उमर नबी को शक था कि पुलिस जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर सकती है. इसी डर से उसने यह आत्मघाती हमला किया. उमर पुलवामा के लेथपोरा इलाके का रहने वाला था और कार में भारी मात्रा में विस्फोटक, संभवतः अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल ऑयल और डेटोनेटर ले जा रहा था. आत्मघाती हमले की संभावना को अभी तक नकारा नहीं गया है.

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