Covid Peak in India: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron in India) की वजह से देश में कोविड संक्रमित मरीजों की संख्या में उछाल आना जारी है. लेकिन इस बीच एक राहत वाली बात भी सामने आई है. पहले लग रहा था कि जिस तरह से कोविड केस बढ़ रहे हैं, उससे प्रतिदिन 7 लाख से भी ज्यादा केस आ सकते हैं. लेकिन अब उम्मीद है कि कोविड के पीक में भी रोज 4 लाख से ज्यादा केस नहीं आएंगे.
पिछले कुछ दिनों से यह देखा भी गया है कि रोजाना कोविड के नए केसों की संख्या ढाई लाख से ऊपर और तीन लाख से नीचे ही बनी हुई है.
केस स्थिर होने के पीछे अलग-अलग वजहें
कानपुर IIT के प्रोफेसर डॉक्टर मनिंद्र अग्रवाल ने अब इसके पीछे की वजह टटोलने की कोशिशें की हैं. उन्होंने बताया कि केस स्थिर होने के पीछे अलग-अलग वजहें हो सकती हैं. पहली यह कि जनसंख्या में दो ग्रुप हैं. पहला वह जिनमें ओमिक्रॉन से लड़ने वाली इम्यूनिटी कम है, दूसरा वह जिसमें इम्यूनिटी ज्यादा है.
ऐसे में म्यूटेंट ने पहले ग्रुप को पहले ही निशाने पर ले लिया, जिसकी वजह से केस तेजी से बढ़े. लेकिन अब जब उस ग्रुप के ज्यादातर लोग संक्रमित हो चुके हैं, तो कोविड के फैलने की स्पीड धीमी हो गई है.
'11 जनवरी तक के डेटा ने दर्शाया था कि 23 जनवरी के आसपास कोविड का पीक हो सकता है, जिसमें 7.2 लाख केस रोजाना आ सकते हैं. लेकिन अब इसमें बदलाव देखने को मिल रहा है. अब जब असल पीक आएगा तो रोजाना शायद चार लाख केस भी ना आएं.'
मनिंद्र अग्रवाल केस कम आने के पीछे टेस्टिंग को भी वजह मानते हैं. उन्होंने कहा कि पहले ओमिक्रॉन को लेकर लोगों में चिंताएं थीं. लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से लोग मान रहे हैं कि यह हल्के इंफेक्शन के अलावा कुछ नहीं है. ऐसे में वे लोग टेस्टिंग ना कराकर खुद इसका इलाज कर रहे हैं.
शहरों में आए कोरोना पीक पर क्या बोले प्रोफेसर
प्रोफेसर ने कहा कि दिल्ली में कोरोना का पीक 16 जनवरी को आने का अंदेशा था और ऐसा हुई भी. लेकिन मॉडल प्रिडिक्शन के मुकाबले पीक वेल्यू लगभग आधी थी. वहीं कोलकाता में 13 जनवरी को पीक आने की भविष्यवाणी की गई थी. वहां एक दिन पहले पीक आया. बेंगलुरु में 22 जनवरी को पीक आ सकता है. लेकिन 13 जनवरी को शुरू हुआ नया फेज बताता है कि पीक उतना भयावह नहीं होगा, जिसकी आशंका थी.
इसी तरह यूपी में 19 जनवरी को कोरोना पीक आना है. लेकिन वहां भी एक्चुअल ग्राफ पहले जताए गए अंदेशे के मुकाबले कम होगा जैसा बिहार में हुआ.