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आज क्‍यों बंद है स्‍टॉक मार्केट? 8 राज्‍यों में बैंक भी क्‍लोज, जानिए वजह

दिवाली के विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के बाद शेयर बाजार आज बंद है. किसी भी तरह की आज ट्रेडिंग नहीं होगी. वहीं 8 राज्‍यों में बैंकों की भी छुट्टी रहने वाली है.

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शेयर बाजार की छुट्टी. (Photo: File/ITG )
शेयर बाजार की छुट्टी. (Photo: File/ITG )

दिवाली के विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के बाद शेयर बाजार में आज छूट्टी है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों बुधवार, 22 अक्टूबर यानी आज बंद रहेंगे, क्‍योंकि आज दिवाली बलिप्रतिपदा मनाई जाएगी. नियमित कारोबार गुरुवार 23 अक्‍टूबर को फिर से शुरू होगा. 

वहीं बैंक भी कई राज्‍यों में बंद रहने वाले हैं. दिवाली की छुट्टियों के विस्तारित कैलेंडर के तहत आज, बुधवार, 22 अक्टूबर को कई राज्यों में बैंक बंद रहेंगे. आज की बैंक छुट्टी गोवर्धन पूजा, बलि प्रतिपदा और गुजरात जैसे राज्यों में विक्रम संवत नववर्ष के कारण है. यह त्‍योहार दिवाली के बाद आते हैं और हिंदू परंपराओं में महत्‍वपूर्ण हैं. 

आज शेयर बाजार में छुट्टी
मंगलवार को दिवाली के कारण शेयर बाजार बंद था और इस साल अब केवल दो छुट्टियां बाकी हैं. एक 5 नवंबर को गुरु नानक जयंती और दूसरी 25 दिसंबर को क्रिसमस की. इन दोनों दिन भी स्‍टॉक मार्केट क्‍लोज रहने वाला है. 

8 राज्‍यों में बैंक भी बंद 
RBI के क्षेत्रीय अवकाश के अनुसार, आज बंद रहने वाले राज्यों में गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड, सिक्किम, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार शामिल हैं. इन छुट्टियों का असर चेक क्लीयरेंस, कैश हैंडलिंग और शाखाओं में कामकाज जैसी भौतिक बैंकिंग सेवाओं पर पड़ेगा. 

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बता दें कि त्‍योहारी सप्ताह की शुरुआत 18 अक्टूबर को धनतेरस से हुई, जिसके बाद 21 अक्टूबर को दिवाली अमावस्या और लक्ष्मी पूजा रही और चुनिंदा राज्यों में यह भाई दूज (23 अक्टूबर) और छठ पूजा (27-28 अक्टूबर) तक जारी रहने वाला है. 

किस-किस दिन बैंक रहेंगे बंद? 
23 अक्टूबर: भाई दूज, चित्रगुप्त जयंती - गुजरात, सिक्किम, मणिपुर, यूपी, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश में मनाई जाएगी. 
27-28 अक्टूबर: छठ पूजा - पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड में मनाई जाएगी.
31 अक्टूबर: सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती - गुजरात में मनाई जाएगी.

दिवाली बलिप्रतिपदा क्यों मनाई जाती है?
दिवाली के एक दिन बाद मनाई जाने वाली दिवाली बलिप्रतिपदा, जिसे गोवर्धन पूजा या पड़वा भी कहा जाता है. यह त्‍योहार राजा बलि को समर्पित है, जो अपनी भक्ति और उदारता के लिए जाने जाते थे. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने अपने वामन अवतार में राजा बलि को हर साल एक बार अपनी प्रजा से मिलने का वरदान दिया था. यह दिन उनके आगमन का प्रतीक है और नवीनीकरण, समृद्धि और अहंकार-लोभ पर विनम्रता और सुशासन की विजय का प्रतीक है.

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