सोना (Gold) और शेयर (Share)... दोनों में ही निवेश लगातार बढ़ रहा है और इसके साथ ही इन दोनों से ही निवेशकों को जोरदार रिटर्न भी मिल रहा है. भले ही सालाना आधार पर दोनों के रिटर्न में उतार-चढ़ाव देखने को जरूर मिलता है, लेकिन बीते 15 साल का डाटा देखें तो सोना और शेयर दोनों ही अपने इन्वेस्टर्स को करीब 500 फीसदी का मुनाफा देने का काम किया है. ऐसे में क्या सोने में सुरक्षित निवेश बेहतर है, या फिर शेयर बाजार में पैसा लगाना फायदे का सौदा? आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इनमें से कौन सा ऑप्शन चुनने में समझदारी है?
एक लाख का निवेश बना 5 लाख रुपये
सबसे पहले बात कर लेते हैं सोना (Gold) और सेंसेक्स (Sensex) से मिले रिटर्न के बारे में, तो बता दें बीते 17 सालों में इन दोनों ने ही अपने निवेशकों को 500 फीसदी तक का मुनाफा दिया है. साल 2006 में जहां सोने का भाव 10,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आस-पास था, तो वहीं सेंसेक्स भी इसी आंकड़े पर ,कारोबार कर रहा था. फिर साल-दर-साल इनमें तेजी आती गई और अब जहां सोने का भाव 61,500 रुपये के लेवल पर पहुंच चुका है, तो सेंसेक्स भी 63,000 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है. यानी इस अवधि में दोनों ही 60,000 के पार पहुंच चुके हैं.
17 साल में सोने और सेंसेक्स का सफर
| साल | सोना (प्रति 10 ग्राम) | सेंसेक्स |
| 2006 | 10,000 | 13,787 |
| 2007 | 10,800 | 20,286 |
| 2008 | 12,500 | 9,647 |
| 2009 | 14,500 | 17,464 |
| 2010 | 18,500 | 20,509 |
| 2011 | 26,400 | 15,454 |
| 2012 | 31,050 | 19,436 |
| 2013 | 29,600 | 21,720 |
| 2014 | 28,600 | 27,499 |
| 2015 | 26,300 | 26,117 |
| 2016 | 28,600 | 26,626 |
| 2017 | 29,600 | 34,056 |
| 2018 | 31,400 | 36,068 |
| 2019 | 35,200 | 41,253 |
| 2020 | 48,600 | 47,751 |
| 2021 | 48,700 | 58,253 |
| 2022 | 52,600 | 60,840 |
| 2023 | 62,917 (15 जून) | 60,250 (14 जून) |
इन आंकड़ों को देखकर जो बात सामने आती है. उसके मुताबिक, 2006 के बाद जहां सेंसेक्स की चाल में तेज बदलाव और उतार-चढ़ाव देखने को मिला है, तो वहीं सोने की कीमतों में तेजी और गिरावट का दौर जारी रहा. हालांकि, दोनों का स्तर अब लगभग एक समान ही है. ऐसे में इन्वेस्टमेंट के लिहाज से देखा जाए तो अगर दोनों में ही किसी निवेशक ने एक लाख रुपये का निवेश किया था, तो इस अवधि में वो करीब 5 लाख रुपये या उससे ज्यादा हो गया होगा.
बीते 10 साल की अवधि में सोने और सेंसेक्स से मिले रिटर्न के लिहाज से देखें तो जरूर Sensex बेहतर रहा है.
| साल | सेंसेक्स (रिटर्न % में) | सोना (रिटर्न % में) |
| 2013 | 8.98 | -7.9 |
| 2014 | 29.89 | -6.05 |
| 2015 | -5.03 | -6.64 |
| 2016 | 1.95 | 10.08 |
| 2017 | 27.91 | 6.23 |
| 2018 | 5.91 | 7.67 |
| 2019 | 14.38 | 24.58 |
| 2020 | 15.75 | 28.24 |
| 2021 | 22.04 | -4.09 |
| 2022 | 4.4 | 14.29 |
| 2023 | 8.41 | 6.95 |
| कुल | 129.59 | 73.36 |
सेंसेक्स और सोने में निवेश में अंतर
यहां ये समझना बेहद जरूरी है कि आखिर सेंसेक्स और सोने में किए गए निवेश में क्या अंतर है और इनमें कौन ज्यादा जोखिमकारक है. तो बता दें कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज BSE पर लिस्टेड देश की बड़ी-बड़ी कंपनियां लिस्टेड हैं. ये 30 शेयरों वाला इंडेक्स है, जो हर कारोबारी दिन के साथ अपडेट होता रहता है. शेयर में निवेश में जोखिम अधिक होता है, क्योंकि कोई शेयर रफ्तार पकड़ता है, तो निवेशकों का पैसा एक झटके में डबल-ट्रिपल हो जाता है, जबकि अगर शेयर टूट तो उनका निवेश भी उसी रफ्तार से घट जाता है.
दूसरी ओर सोने को परंपरागत रूप से निवेश का सबसे बेहतर और सुरक्षित जरिया समझा जाता है. यही कारण है कि दुनिया में भारत सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है. देश में सोने को लेकर जो मान्यताएं हैं, उनका भी इस खपत में बड़ा योगदान है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
शेयर मार्केट और गोल्ड मार्केट के एक्सपर्ट अनुज गुप्ता (CEO, IIFL Securities) की मानें तो निवेश के नए अवसर और बाजार में नए ट्रेडर्स के आने से कोविड काल में सेंसेक्स ने जोरदार तेजी का रुख अख्तियार किया हुआ है. अब 10 करोड़ से अधिक डिमांड अकाउंट जमाकर्ताओं के पास हैं, जहां कोविड से पहले यह आंकड़ा केवल 4 करोड़ तक सीमित था. वहीं दूसरी ओर अनिश्चितता और सुरक्षित ठिकाने की मांग ने सोने की कीमतों को सहारा दिया है. महंगाई और युद्ध की स्थिति ने दुनिया में सोने की मांग को लगातार बढ़ाने का काम किया है.
एक्सपर्ट के मुताबिक, सोना एक डेड एसेट है, जो आपको नियमित आय नहीं देता लेकिन लॉन्ग टर्म में फायदेमंद ही साबित होता है. वहीं बीएसई पर रजिस्टर्ड लगभग 5000 कंपनियों में आप इंडिविजुअल कंपनियों में पैसे लगाकर मुनाफा कमा सकते हैं, हालांकि इसमें रिस्क ज्यादा रहता है.
(नोट- शेयर बाजार में निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)