वेतन वृद्धि की मांग को लेकर बुधवार को देशभर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारी हड़ताल पर जा रहे हैं. जाहिर तौर पर इससे सामान्य बैंकिंग कामकाज प्रभावित होगा और खाताधारकों को परेशानी होगी. यूनाइटेड फोरम और बैंक यूनियंस और नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स का आरोप है कि बैंक प्रबंधन अपने पुराने रख पर अड़ा है इसलिए 12 नवंबर को हड़ताल की अपील की गई है.
यूनाइटेड फोरम के संयोजक एमवी मुरली ने कहा, 'सोमवार को हुई बातचीत में इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) 11 फीसदी वेतन वृद्धि की पेशकश के पुराने रूख पर अड़ा रहा, जबकि यूनियन ने अपनी मांग को कमकर 23 फीसदी कर दी है. बातचीत बेनतीजा रही, इसीलिए 12 नवंबर को हड़ताल का आह्वान कायम है. नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने बताया कि पहले वेतन वृद्धि में 25 फीसदी वृद्धि की मांग थी, जिसे कम कर 23 फीसदी कर दिया गया है, लेकन आईबीए टस से मस नहीं हो रहा.
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) समेत बैंकों ने अपने ग्राहकों को बुधवार को होने वाली असुविधा के बारे में सूचना दे दी है. ऑल इंडिया बैंक इंप्लायज एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला इसीलिए यूनियनों से हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है. इससे पहले, आईबीए के साथ बातचीत विफल होने पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारी 10 फरवरी से दो दिन की हड़ताल पर गए थे.
गौरतलब है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि नवंबर 2012 से होनी है. यूएफबीयू नौ बैंक कर्मचारी और अधिकारी यूनियनों का मंच है. देश में सार्वजनिक क्षेत्र के 27 बैंक हैं, जिसमें करीब 8 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं. -इनपुट भाषा से