दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट बाजार में आजकल तेजी से उभरते रियल एस्टेट हब नोएडा और गुरुग्राम के बीच लगातार तुलना देखने को मिल रही है. गुरुग्राम को एक अधिक परिपक्व और विकसित बाजार माना जाता है, जो अब कीमतों के मामले में अपने शिखर पर पहुंच चुका है. वहीं, नोएडा बाजार में यमुना एक्सप्रेसवे, नोएडा एक्सटेंशन और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं.
नोएडा का मार्केट अपनी किफायती कीमतों, सुनियोजित बुनियादी ढांचे और तेजी से मूल्य वृद्धि के लिए जाना जाता है. हालांकि, इसका एक बड़ा हिस्सा अभी भी विकास के चरण में है, जहां पर्याप्त बुनियादी ढांचे की कमी है और दिल्ली, एनसीआर के अन्य क्षेत्रों से निर्बाध कनेक्टिविटी अभी बाकी है.
नोएडा के प्राइम इलाकों जैसे सेक्टर 150 में, अपार्टमेंट की कीमतें ₹11,000 से ₹12,000 प्रति वर्ग फुट तक हैं. नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर, अपार्टमेंट की कीमतें ₹16,000 से ₹17,000 प्रति वर्ग फुट के दायरे में हैं. जेवर हवाई अड्डे के पास, अपार्टमेंट की कीमतों में पिछले पांच वर्षों में 158% की वृद्धि हुई है, जो ₹3,950 प्रति वर्ग फुट से बढ़कर ₹10,200 प्रति वर्ग फुट हो गई है.
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कैसा है गुरुग्राम का मार्केट
इस बीच, गुरुग्राम का बाजार लग्जरी और कमर्शियल सेगमेंट में मजबूत पकड़ रखता है, जहां गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड पर प्रॉपर्टी की दरें ₹18,000 से ₹19,000 प्रति वर्ग फुट तक हैं. द्वारका एक्सप्रेसवे क्षेत्र में, अपार्टमेंट की कीमतें लगभग ₹15,000 प्रति वर्ग फुट हैं. जहां नोएडा किफायती आवास और उच्च विकास क्षमता के लिए बेहतर है, वहीं गुरुग्राम का बाज़ार लग्जकी जीवनशैली और किराये से होने वाली आय को पूरा करता है.
कीमतों में वृद्धि की बात करें तो, 2020 से 2025 के बीच नोएडा में आवासीय कीमतें गुरुग्राम की तुलना में कहीं अधिक तेजी से बढ़ी हैं, जिसमें अधिकांश नोएडा स्थानों का मूल्य दोगुना या लगभग दोगुना हो गया है. पिछले पांच वर्षों में नए हवाई अड्डे, लॉजिस्टिक्स पार्क, फिल्म सिटी परियोजना, और बढ़ते विनिर्माण गतिविधियों के कारण कमर्शियल और आवासीय प्रॉपर्टी दोनों की मांग में वृद्धि हुई है.
गुरुग्राम के मुकाबले नोएडा में दाम कम
डेवलपर्स नोएडा को एनसीआर के अगले प्रमुख लैंड बैंक के रूप में देख रहे हैं, जिसके चलते राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों ही डेवलपर्स प्रीमियम, लक्जरी और ब्रांडेड रेजिडेंस की घोषणा या योजना बना रहे हैं.
इसके मुकाबले, गुरुग्राम का बाजार अब भी महंगा है, लेकिन वहां नई बड़ी योजनाएं शुरू करने में दिक्कत आ रही है, क्योंकि वहां जमीन की कमी हो गई है. लोहिया वर्ल्डस्पेस के निदेशक, पीयूष लोहिया का कहना है: "पिछले दस सालों में, नोएडा सिर्फ दिल्ली से आने-जाने वालों की जगह नहीं रहा, बल्कि यह पूरे क्षेत्र का विकास इंजन बन गया है. पहले यह सिर्फ घरों की जगह थी, लेकिन अब यहां बहुत कुछ जुड़ गया है. नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, व्यवस्थित औद्योगिक जमीनें, नई रेल परियोजनाएं और सरकार की नई नीतियां. इन सबने मिलकर लंबी अवधि में प्रॉपर्टी के मूल्य की दौड़ में नोएडा को गुरुग्राम से आगे कर दिया है. साफ बात यह है कि निवेशक और बिल्डर अब अपना पैसा और प्रोजेक्ट वहां लगा रहे हैं, जहां उन्हें जमीन, अच्छी कनेक्टिविटी और सरकारी समर्थन मिल रहा है."
प्रोपटेक कंसल्टेंसी एमओआरईएस के सीईओ, मोहित मित्तल इस बदलाव को समझाते हुए कहते हैं: "बुनियादी ढांचे के मामले में आज नोएडा का विकास पूरे एनसीआर में सबसे बेहतरीन है. अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, तेजी से बढ़ता लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग का कारोबार, फिल्म सिटी और बड़े प्रोजेक्ट में पैसा लगा रहे बड़े अंतरराष्ट्रीय लक्जरी ब्रांड्स के कारण नोएडा अब एक अलग ही स्तर पर पहुंच रहा है. यह शहर बड़े पैमाने पर विकास, अच्छी प्लानिंग और एक ऐसा प्रशासन देता है, जो लंबे समय के शहरी विकास को प्राथमिकता देता है.
यही कारण है कि नोएडा, इस पूरे क्षेत्र के किसी भी छोटे बाजार के मुकाबले, बुनियादी तौर पर ज़्यादा मजबूत है और प्रॉपर्टी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के लिए बेहतर स्थिति में है."
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(ये आर्टिकल पहले बिजनेस टुडे पर पब्लिश हुआ है, जिसे असीम थपलियाल ने लिखा है)