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बुर्ज खलीफा से महंगे फ्लैट, लग्जरी गाड़ियां लेकिन बेहाल शहर... हर बारिश में क्यों बेबस हो जाता है गुरुग्राम?

गुरुग्राम में हर साल बारिश का मौसम आफत लेकर आता है, शहर में तमाम विकास हो रहा है, लेकिन सड़कों की हालत बेहाल है. बारिश होते ही लोगों को सड़क पर लंबे ट्रैफिक जाम से जूझना पड़ता है.

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गुरुग्राम की चकाचौंध पर भारी पड़ती है बारिश (Photo-PTI)
गुरुग्राम की चकाचौंध पर भारी पड़ती है बारिश (Photo-PTI)

करोड़ों के प्रीमियम घर, सड़कों पर लाखों की चमचमाती लग्जरी गाड़ियां, शानदार लाइफस्टाइल. दिल्ली से कुछ दूर निकलते ही आप एंट्री करते हैं एक ऐसे शहर में जो देश के लाखों लोगों के लिए सपनों का शहर है. चारों तरफ कांच की गगनचुंबी इमारतें, शानदार मॉल और दुनिया की बड़ी-बड़ी कपनियों के आलीशान दफ्तर, लेकिन जरा ठहरिए. सपनों के इस शहर की असली हकीकत सामने आती है जब बारिश की बूंदे पड़ती है. इस चमक- धमक के पीछे एक कड़वी हकीकत भी है.

मिलेनियम सिटी गुरुग्राम बारिश के सामने एक बार फिर बेबस नजर आया. सोमवार को जो भी अपने दफ्तर से घर के लिए निकला वो घंटों तक ट्रैफिक में फंसा रहा. कुछ मिनटों की दूरी तय करने में लोगों को घंटों लग गए, हालात इस कदर खराब हुए कि लोगों की गाड़ियां बीच सड़क पर खराब हो गईं. वो शहर जहां एक 2bhk फ्लैट की कीमत भी करोड़ों में हैं. यहां तक कि यहां के कई इलाके ऐसे हैं जहां के फ्लैट की कीमत बुर्ज खलीफा के फ्लैट से भी महंगे हैं, लेकिन इस शहर की असली हकीकत बारिश में सामने आती है. अब तो यहां जलभराव, ट्रैफिक जाम आम बात हो गई है, जिस शहर में नौकरी करना लोगों का सपना होता था अब वो इस शहर को कोसते हैं कि आखिर यहां क्यों काम करना पड़ रहा है. लोग अपनी जिंदगी के कई घंटे अपनी कार में बैठकर ट्रैफिक जाम में गुजारने को मजबूर हैं.

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पूरा शहर हुआ पानी-पानी 

सोमवार को 100 एमएम की बारिश में हाल बेहाल हो गया. हाइवे, अंडरपास, न्यू गुरुग्राम, ओल्ड सिटी, इस शहर के कई इलाकों में 3 फीट कर पानी भर गया. सड़क पर जगह-जगह जाम लोग परेशान होकर गाड़ियों के हॉर्न बजाते रहे. उनकी गाड़ियां धीरे-धीरे रेंगती रही कोई आधी रात को घर पहुंचा, तो कोई घंटों तक बीच रास्ते में फंसा रहा. हालात बिगड़ते देख आज प्रशासन ने स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों को ऑनलाइन मोड पर काम करने का आदेश दे दिया है.   


 
करोड़ों के घर और बारिश में बेहाल शहर

गुरुग्राम की चमक-दमक और ऊंची इमारतों को देखकर लगता है कि यह शहर विकास की नई परिभाषा गढ़ रहा है. यहां अरबों-खरबों के रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स, लग्जरी घर, और बड़े-बड़े स्टार्टअप्स के दफ्तर हैं, जहां देश के सबसे अमीर लोग रहते हैं. लेकिन, जब भी बारिश होती है, गुरुग्राम का यह सारा चकाचौंध फीका पड़ जाता है. करोड़ों के आलीशान घर में रहने वाले भी आखिर घर से निकलकर इन्हीं रास्तों से अपने मंजिल पर जाएंगे.

बारिश में घंटों तक लगा रहता है जाम (Photo-PTI)

गुरुग्राम में गोल्फ कोर्स रोड, डीएलएफ फेज-1, 5, और सुशांत लोक जैसे इलाकों में करोड़ों की प्रॉपर्टी है. यहां एक घर की कीमत 5 करोड़ से 50 करोड़ तक हो सकती है. इन महंगे घरों में रहने वाले लोग अक्सर आईटी कंपनियों के बड़े अधिकारी, स्टार्टअप के मालिक, और उद्योगपति होते हैं. सवाल यह उठता है कि जिस शहर में इतनी महंगी और आधुनिक सुविधाएं हैं, वहां बुनियादी ढांचा इतना कमज़ोर क्यों है? गुरुग्राम की योजना बनाते समय पानी की निकासी पर सही से ध्यान नहीं दिया गया.

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ड्रेनेज सिस्टम क्यों फेल हो जाता है?

पुराने गांवों की ज़मीन पर बने इस शहर में ड्रेनेज सिस्टम या तो है ही नहीं, या फिर पूरी तरह से फेल हो चुका है. कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां का ड्रेनेज नेटवर्क शहर की ज़रूरत के हिसाब से बहुत छोटा है, जिससे हल्की बारिश भी शहर को डुबाने के लिए काफी है. अरबों-खरबों के रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स, लग्जरी घर, और बड़े-बड़े स्टार्टअप्स के दफ्तर हैं, जहां देश के सबसे अमीर लोग रहते हैं. लेकिन, जब भी बारिश होती है, गुरुग्राम का यह सारा चकाचौंध फीका पड़ जाता है. सड़कें पानी में डूब जाती हैं और ट्रैफिक जाम से बुरा हाल हो जाता है.

बारिश के दिनों में गुरुग्राम में 5 से 10 किलोमीटर के सफर में घंटों लग जाते हैं. हीरो होंडा चौक, नरसिंहपुर, शंकर चौक और राजीव चौक जैसे मुख्य चौराहे सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं. गुरुग्राम में एक तरफ जहां लोग लग्जरी गाड़ियों में चलते हैं, वहीं दूसरी तरफ ये गाड़ियां पानी में फंसी हुई दिखाई देती हैं. यही वजह है कि लोग अपनी महंगी गाड़ियों को सड़कों पर छोड़कर पैदल चलने को मजबूर हो जाते हैं.

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इस समस्या की एक और बड़ी वजह तेज़ी से हुआ अनियोजित शहरीकरण है. शहर के चारों ओर बन रही हाई-राइज बिल्डिंग्स और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स ने प्राकृतिक जल निकासी के रास्तों को बंद कर दिया है. शहर में खुले मैदानों और हरियाली की कमी है, जिससे बारिश का पानी सोखने की जगह ही नहीं बची है.

गुरुग्राम की इस समस्या का समाधान सिर्फ बड़े वादे करने से नहीं होगा. सरकार और शहर के प्राधिकरण को मिलकर एक मजबूत और आधुनिक ड्रेनेज सिस्टम बनाना होगा. साथ ही, सड़कों को चौड़ा करने और ट्रैफिक के प्रबंधन पर भी काम करना होगा. जब तक गुरुग्राम में बुनियादी ढांचे को मजबूत नहीं किया जाता, तब तक यहां रहने वाले करोड़ों के मालिक भी बारिश में बेहाल ही रहेंगे.

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