हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर सोशल मीडिया पर कई तरह की चर्चाएं हो रही थीं. कई लोगों ने दावा किया कि भाजपा के कई बड़े नेताओं को लगभग 1.22 लाख वोट मिले, जिसे 'संदिग्ध समानता' बताया गया. इस पर चुनाव आयोग ने सफाई देते हुए कहा कि वोटों के आंकड़े पूरे चुनाव में अलग-अलग रहे हैं.
चुनाव आयोग ने जारी किए आंकड़े
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि जीतने वाले उम्मीदवारों को पूरे चुनाव में 60 हजार से लेकर 1.5 लाख तक वोट मिले हैं. आयोग ने कहा कि सभी पार्टियों के प्रत्याशियों को अलग-अलग रेंज में वोट मिले, इसलिए 'एक जैसी वोट संख्या' वाले आरोप तथ्यहीन हैं.
कई उम्मीदवारों को मिले 60 से 69 हजार वोट
डेटा के अनुसार 4 उम्मीदवार जिनमें एक BJP और तीन JDU के हैं को 60,000 से 69,999 वोट मिले. इससे साफ होता है कि कम वोटों में भी जीतने वाले उम्मीदवार मौजूद हैं.
90 हजार से 99 हजार वोट पाने वाले 65 उम्मीदवार
चुनाव आयोग के दिए आंकड़ों के मुताबिक 65 विजेताओं को 90,000 से 99,999 के बीच वोट मिले. यह संख्या दिखाती है कि बड़ी संख्या में उम्मीदवार लगभग 1 लाख से कम वोटों पर जीत दर्ज कर पाए.
1 लाख से 1.09 लाख वोट वाले 63 विजेता
इस श्रेणी में 63 उम्मीदवार हैं, जिन्हें 1,00,000 से 1,09,999 वोट हासिल हुए. यह रेंज सबसे अधिक विजेताओं वाली कैटेगरी साबित हुई.
1.4 लाख से ज्यादा वोट पाने वाला BJP का उम्मीदवार भी शामिल
चुनाव आयोग के आंकड़ों में यह भी सामने आया कि एक BJP उम्मीदवार को 1,40,000 से 1,49,999 तक वोट मिले. यह बताता है कि वोटिंग का पैटर्न हर सीट पर अलग था और सभी पर कोई 'कॉमन आंकड़ा' लागू नहीं हुआ.
बिहार विधानसभा की कुल सीटें 243
आयोग ने याद दिलाया कि बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं और इस बार सभी सीटों पर अलग-अलग राजनीतिक माहौल और मतदाता पैटर्न देखने को मिला. इसलिए समान वोट संख्या की बात सही नहीं है.