बिहार के अंचल कार्यालयों में प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया में लापरवाही का एक और नमूना सामने आया है. हाल ही में 'सोनालिका ट्रैक्टर' के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र जारी होने का मामला अभी चर्चा में था कि अब पटना जिले के बाढ़ अंचल से 'ब्लूटूथ' के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र जारी होने की घटना सुर्खियां बटोर रही है.
अभय राज ने नाम के आवेदक ने दावा किया है कि उसने ही 'ब्लूटूथ' के लिए आवासीय प्रमाण बनवाया है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि अंचल कार्यालय के कर्मचारियों ने बिना जांच के इस आवेदन पर ऑनलाइन प्रमाण पत्र जारी कर दिया.
आवासीय प्रमाण पत्र में निवासी का नाम 'ब्लूटूथ', पिता का नाम 'ईस्टवुड' और तस्वीर में ब्लूटूथ डिवाइस की फोटो दर्ज है. मामले की जानकारी सामने आने के बाद अंचल कार्यालय में हड़कंप मच गया है.
अभय राज नाम के आवेदक ने बताया कि उसने यह ऑनलाइन आवेदन जानबूझकर किया था ताकि यह जांचा जा सके कि अंचल कार्यालय के कर्मचारी प्रमाण पत्र जारी करने में कितनी सावधानी बरतते हैं.
युवक का आरोप है कि वैध प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कई बार कर्मचारियों के पीछे दौड़ना पड़ता है, फिर भी समय पर प्रमाण पत्र नहीं बन पाता, जिससे आम लोगों को परेशानी होती है. इस बारे में अंचल के अधिकारी कैमरे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे हैं.
बता दें कि मुंगेर के सदर प्रखंड कार्यालय से जारी एक अन्य निवास प्रमाण पत्र के कारण भी प्रखंड कार्यालय की खूब किरकिरी हुई है. 8 जुलाई को जारी इस प्रमाण पत्र में आवेदक की तस्वीर के स्थान पर 'सोनालिका' ट्रैक्टर की फोटो लगाई गई थी, जबकि नाम में सोनालिका कुमारी, पिता का नाम बेगूसराय चौधरी, माता का नाम बलिया देवी, ग्राम ट्रैक्टरपुर दियारा, वार्ड-17, डाकघर-कुत्तापुर, पिन कोड-811202, थाना व प्रखंड-मुफस्सिल सदर मुंगेर, जिला मुंगेर, राज्य बिहार के स्थायी निवासी के रूप में दर्ज किया गया था. इस प्रमाण पत्र को देखकर लोग प्रखंड कार्यालय के कर्मचारियों और अधिकारियों की जमकर आलोचना कर रहे हैं.
वहीं, निवास प्रमाण पत्र के वायरल होने के बाद मुंगेर सदर एसडीएम कुमार अभिषेक ने संज्ञान लेते हुए बताया कि सदर प्रखंड कार्यालय से सोनालिका चौधरी के नाम से निवास प्रमाण पत्र जारी हुआ था. संज्ञान में आते ही इसे रद्द करने का आदेश दे दिया गया है.
इसमें लापरवाही बरतने वाले कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है. जांच की जा रही है कि यह आवेदन किस साइबर कैफे से और किस आईपी एड्रेस से किया गया था. उक्त प्रमाण पत्र को रद्द करने के लिए सदर अंचलाधिकारी और आरओ को आदेश भी दिया गया है.
(बाढ़ से धर्मेंद्र की रिपोर्ट)