US प्रेसिडेंशियल इलेक्शन: इकलौते मुस्लिम बहुल शहर के मेयर ने किया ट्रंप को समर्थन देने का ऐलान

अमेरिका के हैमट्रैक शहर की आबादी करीब 28 हजार है. साल 2021 में हैमट्रैक उस वक्त सुर्खियों में आया, जब यह एक मुस्लिम नगर परिषद और एक मुस्लिम मेयर को चुनने वाला पहला अमेरिकी शहर बन गया.

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डोनाल्ड ट्रंप और अमीर ग़ालिब (तस्वीर: Facebook/Ameer Ghalib) डोनाल्ड ट्रंप और अमीर ग़ालिब (तस्वीर: Facebook/Ameer Ghalib)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:12 AM IST

संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के एकमात्र मुस्लिम बाहुल्य शहर के मेयर आमेर ग़ालिब (Amer Ghalib) राष्ट्रपति चुनाव के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया है. मिशिगन के अहम राज्य के हैमट्रैमक शहर का नेतृत्व करने वाले आमेर ग़ालिब ने रविवार को कहा कि रिपब्लिकन उम्मीदवार कुछ मुद्दों पर उनकी असहमति के बावजूद 'सिद्धांतों वाले व्यक्ति' और 'सही च्वाइस' हैं.

ग़ालिब ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, "डोनाल्ड ट्रंप और मैं हर मुद्दे पर सहमत नही हैं लेकिन मैं जानता हूं कि वे सिद्धांतों वाले आदमी हैं." उन्होंने आगे कहा कि अच्छा लग रहा है, वह चुनाव जीतें या नहीं, राष्ट्रपति बने या नहीं लेकिन मेरा मानना है कि वह इस अहम वक्त के लिए सही च्वाइस हैं. नतीजे कुछ भी हों, मुझे अपने फैसले पर पछतावा नहीं होगा और मैं नतीजों का सामना करने के लिए तैयार हूं. ग़ालिब ने कहा, "अब कारवां को अपना सफर शुरू करना चाहिए, यह तो बस शुरुआत है."

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इस बात के ऐलान करने के तुरंत बाद ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर ग़ालिब के समर्थन वाले पोस्ट का स्क्रीनशॉट पोस्ट किया. 

कौन हैं आमेर ग़ालिब?

हैमट्रैक शहर की आबादी करीब 28 हजार है. साल 2021 में हैमट्रैक उस वक्त सुर्खियों में आया, जब यह एक मुस्लिम नगर परिषद और एक मुस्लिम मेयर को चुनने वाला पहला अमेरिकी शहर बन गया. ग़ालिब, 17 साल की उम्र में यमन से अमेरिका आ गए थे. उन्होंने मिशिगन के फ्लिंट शहर में एक टाउन हॉल में रिपब्लिकन उम्मीदवार से मिलने के एक हफ्ते से भी कम वक्त बाद ट्रंप को अपना समर्थन देने की पेशकश की.

ग़ालिब ने पिछले हफ्ते Detroit News को बताया, "दोनों ने अरब और मुस्लिम अमेरिकियों की चिंताओं पर चर्चा की थी और ट्रंप ने उनसे समर्थन मांगा था. मिशिगन उन सात प्रमुख स्विंग राज्यों में से एक है, जहां से नवंबर में ट्रंप और उनकी डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रतिद्वंद्वी, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच होने वाले मुकाबले का नतीजा तय होने की उम्मीद है.

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यह भी पढ़ें: 'अगर चुनाव हारा तो...', कमला हैरिस के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव लड़ रहे डोनाल्ड ट्रंप ने क्यों कहा ऐसा?

ओपिनियन पोल्स क्या कहते हैं?

Al Jazeera की रिपोर्ट के मुताबिक, ओपिनियन पोल्स से पता चलता है कि नेशनल लेवल पर और मिशिगन जैसे युद्ध के मैदानों में ट्रंप और हैरिस के बीच कड़ी टक्कर है. The New York Times के सर्वे से पता चलता है कि मिशिगन में हैरिस, ट्रंप से 50 फीसदी से 47 फीसदी आगे हैं.

ट्रंप ने 2016 के चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ मिशिगन में जीत हासिल की थी, जो 1988 में जॉर्ज एचडब्ल्यू बुश के बाद राज्य में जीतने वाले पहले रिपब्लिकन बन गए. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साल 2020 में राज्य को डेमोक्रेट्स के पक्ष में कर दिया, उन्होंने ट्रंप को करीब 150,000 वोटों के अंतर से हराया.

डेमोक्रेट्स से नाराज हैं मुस्लिम-अमेरिकी

गाजा पर इजरायल के युद्ध के लिए बाइडेन प्रशासन के समर्थन पर मुस्लिम-अमेरिकी गुस्सा डेमोक्रेट्स के लिए चिंता की वजह बन गया है. अगस्त में काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस (Council on American-Islamic Relations) द्वारा जारी एक सर्वे में मिशिगन के अंदर केवल 12 फीसदी मुस्लिम वोटर्स ने हैरिस को समर्थन दिया, 18 फीसदी ने ट्रंप का समर्थन किया और 40 फीसदी ने ग्रीन पार्टी की जिल स्टीन को सपोर्ट किया. 

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यह भी पढ़ें: इंतजार कर रहे हैं ट्रंप, क्या इस वीकेंड होगी PM मोदी से मुलाकात! विदेश मंत्रालय का आया जवाब

गुरुवार को, जमीनी स्तर के एक कैंपेन 'अनकमिटेड नेशनल मूवमेंट', ने ऐलान किया कि वह कमला हैरिस का समर्थन नहीं करेगा, क्योंकि उनकी टीम गाजा में मारे गए फिलिस्तीनियों के परिवारों के साथ बैठक के गुजारिश का जवाब देने के लिए 15 सितंबर की समय सीमा को पूरा करने में फेल रही है.

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