पूर्वी प्रशांत महासागर में अमेरिका का घातक हमला, बोट पर स्ट्राइक कर 3 ड्रग तस्कर को मार गिराया

अमेरिकी सेना ने पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में संदिग्ध ड्रग्स तस्करी वाली नाव पर फिर हमला किया, जिसमें तीन लोग मारे गए. यह दो महीने में 21वां हमला है, जिसमें अब तक 83 लोग मारे जा चुके हैं. इस बीच, क्षेत्र में तनाव के बीच सबसे उन्नत विमानवाहक पोत USS गेराल्ड फोर्ड भी तैनात किया गया है.

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अमेरिकी दक्षिणी कमान ने कहा कि हमले के समय नाव अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में चल रही थी. (फोटो: X) अमेरिकी दक्षिणी कमान ने कहा कि हमले के समय नाव अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में चल रही थी. (फोटो: X)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 6:25 AM IST

अमेरिकी सेना ने पूर्वी प्रशांत समुद्री क्षेत्र में एक और संदिग्ध मादक पदार्थ तस्करी वाली नाव पर घातक हमला किया, जिसमें सवार तीन लोगों की मौत हो गई. यह वाशिंगटन के दशकों के सबसे आक्रामक समुद्री आतंकवाद निरोधी अभियानों में से एक बन गया है.

अमेरिकी दक्षिणी कमान के अनुसार, इस ऑपरेशन को शनिवार को अंजाम दिया गया जब एक ड्रग-ट्रैफिकिंग रूट पर जा रही एक छोटी नौका को जॉइंट टास्क फोर्स साउदर्न स्पीयर ने निशाना बनाया.

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कमान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा कि खुफिया जानकारी ने पुष्टि की थी कि यह नौका नशीले पदार्थों की अवैध तस्करी में शामिल थी.यह हमला सितंबर की शुरुआत से लेकर अब तक कथित ड्रग्स नौकाओं पर किया गया 21वां ज्ञात अमेरिकी हमला है.

पेंटागन के आंकड़ों के अनुसार, अब तक कम से कम 83 लोग मारे गए हैं. ट्रंप प्रशासन ने इन अभियानों का बचाव करते हुए कहा है कि इस तरह की कार्रवाई अमेरिका की ओर जा रही ड्रग्स शिपमेंट को बाधित करने के लिए आवश्यक हैं.

यह भी पढ़ें: कैरिबियाई सागर में अमेरिका ने फिर किया हमला... ड्रग तस्करी कर रही शिप को बनाया निशाना, वेनेजुएला संग बढ़ा तनाव

 क्षेत्र में बढ़ा तनाव 
मानवाधिकार संगठनों और विदेशी सहयोगियों ने इन हमलों की कानूनी वैधता पर सवाल उठाए हैं, लेकिन अमेरिका ने अपने हमलों में और तेजी कर दी है. इस बीच, क्षेत्र में तनाव बढ़ने की संभावना है क्योंकि अमेरिका का सबसे उन्नत विमानवाहक पोत, USS गेराल्ड आर फोर्ड, कैरिबियाई सागर में आ गया है. 

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नौसेना ने घोषणा की कि युद्धपोतों, विमान स्क्वाड्रनों और हजारों कर्मियों के साथ यह वाहक ऑपरेशन सदर्न स्पीयर में शामिल हो गया है, जिससे यह दशकों में क्षेत्र में सबसे बड़ी अमेरिकी सैन्य उपस्थिति बन गई है.

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