'यूक्रेन सिर्फ बहाना, चीन तो...', भारत पर टैरिफ को लेकर अब अमेरिकी संसदीय कमेटी ने ही ट्रंप से पूछे चुभने वाले सवाल

अमेरिका की हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी में इस बात पर जोर दिया गया है कि चीन को अभी तक इसी तरह की सजा से मुक्त क्यों रखा गया है. जो रूसी तेल का सबसे बड़ा आयातक है और डिस्काउंट पर तेल खरीद रहा है. यह ट्वीट ट्रंप की असमान नीति को उजागर करता है और सुझाव देता है कि ट्रंप प्रशासन की रणनीति में भेदभाव है. 

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27 अगस्त से भारत पर US का 50% टैरिफ लागू हो गया है. (Photo: AI generated) 27 अगस्त से भारत पर US का 50% टैरिफ लागू हो गया है. (Photo: AI generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:07 AM IST

अमेरिकी फॉरेन पॉलिसी को आकार देने में अहम भूमिका निभाने वाली हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी ने अपने ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति की तीखी आलोचना की है. हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी ने कहा है कि ट्रंप भारत पर टैरिफ लगाकर उसे निशाना बना रहे हैं, जिससे अमेरिकियों को नुकसान पहुंच रहा है और इस प्रक्रिया में अमेरिका-भारत संबंधों को नुकसान पहुंच रहा है. 

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अमेरिका की हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी भारत की ससंदीय समितियों की तरह है. ये अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की एक स्थायी समिति है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका की विदेश नीति से संबंधित बिलों और जांचों की देखरेख करती है. 

इस कमेटी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को कठघरे में खड़ा किया है, खासकर ट्रंप की भारत पर हैवी टैरिफ लगाने की नीति पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. 

इस कमेटी ने कहा है कि चीन या अन्य देशों द्वारा रूसी तेल की बड़ी मात्रा में खरीद पर प्रतिबंध लगाने के बजाय ट्रंप भारत पर टैरिफ लगाकर उसे निशाना बना रहे हैं, जिससे अमेरिकियों को नुकसान पहुंच रहा है और इस प्रक्रिया में अमेरिका-भारत संबंधों को नुकसान पहुच रहा है. 

कमेटी का मानना है कि ऐसा लग रहा है कि ट्रंप की ये सारी कोशिश यूक्रेन के बारे में है ही नहीं.

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इस कमेटी में वर्तमान में 52 सदस्य हैं. हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी में अभी ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन पार्टी का वर्चस्व है, क्योंकि हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में रिपब्लिकन बहुमत में हैं. इस समिति में 27 रिपब्लिकन और 25 डेमोक्रेटिक सदस्य हैं. कमेटी के चेयरमैन ब्रायन मास्ट भी रिपब्लिकन हैं. डेमोक्रेट ग्रेगरी मीक्स वर्तमान में अल्पमत पक्ष के रैंकिंग मेंबर हैं.

हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी में रिपब्लिकन्स का बहुमत होने के बावजूद भी इनका अपनी ही पार्टी के राष्ट्रपति ट्रंप की आलोचना करना बड़ी बात है. 

इस कमेटी ने ट्रंप की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि "अगर ट्रंप प्रशासन ने रूस से तेल खरीदने वाले किसी भी देश के लिए द्वितीयक प्रतिबंधों की धमकी को लागू करने का फैसला किया होता, तो यह एक बात होती. लेकिन केवल भारत पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय शायद सबसे भ्रमित करने वाला नीति परिणाम बन गया है: चीन, जो रूसी ऊर्जा का सबसे बड़ा आयातक है, अभी भी छूट पर तेल खरीद रहा है, और उसे अब तक इसी तरह की सजा से बख्शा गया है."

गौरतलब है कि भारत पर ट्रंप का 50 प्रतिशत टैरिफ 27 अगस्त से लागू हो गया है. इस 50 में से 25 प्रतिशत टैरिफ अमेरिका ने रूस से सिर्फ कच्चा तेल आयात करने के लिए लगाया है. अमेरिका का मानना है कि भारत द्वारा रूस से कच्चा तेल खरीदने की वजह से रूस को यूक्रेन के खिलाफ अपना जंग जारी रखने में मदद मिलती है. 

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वहीं भारत ने कहा है कि उसे अपनी एनर्जी सिक्योरिटी का हक है और यूरोप चीन समेत स्वयं अमेरिका का भी रूस से कारोबार बदस्तूर जारी है. 

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