शेख हसीना को मौत की सजा, UN ने किया कड़ा विरोध, कहा- ट्रायल में अंतरराष्ट्रीय मानक जरूरी

UN मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री पर ICT के फैसले को पीड़ितों के लिए महत्वपूर्ण क्षण बताया. हालांकि, उन्होंने मौत की सजा का विरोध किया और निष्पक्ष सुनवाई पर जोर दिया.

Advertisement
बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी मानते हुए उन्हें मौत की सजा सुनाई है. (File Photo: PTI) बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध का दोषी मानते हुए उन्हें मौत की सजा सुनाई है. (File Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:05 AM IST

बांग्लादेश में पिछले साल हुए छात्र आंदोलन पर हिंसक दमन और उससे जुड़े मानवाधिकार उल्लंघनों पर आए ताज़ा फैसले पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिक्रिया दी है. UN मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने एक बार फिर मौत की सजा का कड़ा विरोध जताया, लेकिन पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया.

जुलाई 2024 में हुए छात्र विरोध प्रदर्शनों के हिंसक दमन के बाद, एक UN-नेतृत्व वाली जांच में पाया गया था कि पिछले साल जुलाई और अगस्त के दौरान 1,400 लोग मारे गए और हजारों घायल हुए थे.

Advertisement

OHCHR ने इस फैसले को "पिछले साल विरोध प्रदर्शनों के दमन के दौरान किए गए गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों के पीड़ितों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण" बताया है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने कहा था कि एकत्र किए गए सबूत "राज्य की बेलगाम हिंसा और लक्षित हत्याओं की एक परेशान करने वाली तस्वीर पेश करते हैं." यह मानवाधिकारों का सबसे गंभीर उल्लंघन है और अंतर्राष्ट्रीय अपराध भी हो सकता है.

यह भी पढ़ें: शेख हसीना को मौत की सजा क्या सिर्फ बहाना... भारत के खिलाफ बड़ी साजिश रच रहे मोहम्मद यूनुस और आसिम मुनीर?

मौत की सज़ा पर विरोध और न्याय की मांग
फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए, संयुक्त राष्ट्र ने सभी परिस्थितियों में मौत की सज़ा का विरोध करने की अपनी स्थिति दोहराई है. OHCHR ने कहा कि भले ही उन्हें इस मुकदमे के संचालन की जानकारी नहीं थी, लेकिन उन्होंने लगातार इस बात की वकालत की है कि सभी जवाबदेही कार्यवाही, विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय अपराधों के आरोपों पर निश्चित रूप से ड्यू प्रोसेस और निष्पक्ष सुनवाई के अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करे.

Advertisement

जवाबदेही आवश्यक
आयोग ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह विशेष रूप से तब महत्वपूर्ण है जब मुकदमे अभियुक्त की अनुपस्थिति में चलाए गए हों और इसका परिणाम मृत्युदंड हो. OHCHR फरवरी 2025 में अपनी रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद से मांग कर रहा है कि दोषियों, जिनमें कमांड और नेतृत्व के पदों पर बैठे व्यक्ति शामिल हैं, को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार जवाबदेह ठहराया जाए और पीड़ितों को प्रभावी समाधान और मुआवजा मिले.

यह भी पढ़ें: सोची-समझी साजिश या संयोग? शेख हसीना को शादी की सालगिरह पर मिली सजा-ए-मौत

वोल्कर तुर्क ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश अब राष्ट्रीय सुलह और उपचार के मार्ग के रूप में "सत्य-कथन, मुआवजा और न्याय" की व्यापक प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ेगा. उन्होंने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने और संयम बरतने का आह्वान किया है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement