चीन से विवाद के बीच अब ताइवान का शक्ति प्रदर्शन, शुरू किया युद्धाभ्यास

चीन ने ताइवान के चारों ओर 6 जगहों पर युद्धाभ्यास किया था. चीन ने युद्धाभ्यास के लिए 10 युद्धपोत उतारे थे. ये ताइवान की सीमा से काफी करीब थे. ताइवान का दावा है कि युद्धाभ्यास के दौरान चीन के लड़ाकू विमान उसकी सीमा में भी घुसे थे. इसके बाद ताइवान ने चीन को चेतावनी दी थी और अपने लड़ाकू विमानों को तैनात किया था.

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चीन ने भी युद्धाभ्यास जारी रखने का ऐलान किया चीन ने भी युद्धाभ्यास जारी रखने का ऐलान किया

aajtak.in

  • ताइपे,
  • 09 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:39 AM IST

अमेरिकी सीनेट स्पीकर नैंसी पेलोसी की यात्रा को लेकर चीन और ताइवान के बीच जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पहले इस यात्रा के विरोध में चीन ने ताइवान के चारों तरफ 6 जगहों पर युद्धाभ्यास किया. अब ताइवान ने भी चीन के सामने अपनी ताकत का शक्ति प्रदर्शन करने का फैसला किया है. ताइवान ने चीनी हमले से अपनी रक्षा करने के लिए फायर आर्टिलरी ड्रिल शुरू की है. उधर, चीन ने ताइवान के पास फिर युद्धाभ्यास शुरू करने का ऐलान किया था. चीन ने ये कदम ऐसे वक्त पर उठाया, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन के युद्धाभ्यास पर चिंता व्यक्त की थी.

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दरअसल, चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है. जबकि ताइवान खुद को स्वतंत्र देश करार देता है. अमेरिकी सीनेट की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने हाल ही में ताइवान की यात्रा की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि अमेरिका ताइवान से किया हर वादा निभाएगा. चीन पेलोसी की इस यात्रा से भड़का हुआ है. 

चीन ने ताइवान को घेरकर दिखाई थी ताकत

चीन ने इस यात्रा के विरोध में युद्धाभ्यास करने का ऐलान किया था. चीन ने ताइवान के चारों ओर 6 जगहों पर युद्धाभ्यास किया था. चीन ने युद्धाभ्यास के लिए 10 युद्धपोत उतारे थे. ये ताइवान की सीमा से काफी करीब थे. ताइवान का दावा है कि युद्धाभ्यास के दौरान चीन के लड़ाकू विमान उसकी सीमा में भी घुसे थे. इसके बाद ताइवान ने चीन को चेतावनी दी थी और अपने लड़ाकू विमानों को तैनात किया था.   

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ताइवान के मुताबिक, चीन ने युद्धाभ्यास के दौरान Island पर कब्जे, ताइवानी नौसेना पर हमले का मॉक टेस्ट भी किया था. अब ताइवान ने चीनी हमले से अपनी रक्षा करने के लिए युद्धाभ्यास शुरू किया है. 

अमेरिका को भी दी चेतावनी

इस पूरे मामले में चीन अमेरिका पर भड़का हुआ है. उसने अमेरिका को भी चेतावनी दी थी. दरअसल, अमेरिका के ताइवान के साथ आधिकारिक रूप से राजनयिक संबंध नहीं है. वह चीन की वन पॉलिसी का समर्थन करता है. लेकिन अमेरिका ताइवान रिलेशंस एक्ट के तहत उसे हथियार बेचता है. इस कानून में कहा गया है कि अमेरिका ताइवान की आत्मरक्षा के लिए जरूरी मदद देगा. ऐसे में चीन नैंसी पेलोसी के तालिबान दौरे को सीधे तौर पर वन चाइना पॉलिसी को चुनौती के तौर पर देख रहा है. चीन ने ये भी धमकी दी है कि यह दौरा हथियार उठाने की वजह भी बन सकती है. 

 

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