'गोरे किसानों को मारा जा रहा, G-20 में रहने लायक नहीं ये देश', ट्रंप ने खोला टकराव का नया मोर्चा

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का ताजा टकराव दक्षिण अफ्रीका से हुआ है. ट्रंप ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका में गोरे किसानों को मारा जा रहा है, उनके खेत छीने जा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि ये देश जी-20 का सदस्य रहने लायक नहीं है.

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ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीकी सरकार पर गोरे किसानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है. (Photo: ITG) ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीकी सरकार पर गोरे किसानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है. (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:09 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले वर्ष यूएस के मियामी में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका को नहीं बुलाने का फैसला किया है. 2026 का जी-20 शिखर सम्मेलन ट्रंप की अध्यक्षता में होने वाला है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि देश कहीं से भी जी-20 की सदस्यता के 'योग्य' नहीं है. 

अभी हाल ही में दक्षिण अफ्रीका में जी-20 का शिखर सम्मेलन हुआ है. इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नहीं पहुंचे थे. 

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अब अमेरिका साउथ अफ्रीका से G20 की प्रेसीडेंसी ले रहा है और 1 दिसंबर, 2025 से 30 नवंबर, 2026 तक जी-20 का हेड रहेगा. 

ट्रंप ने बुधवार को ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, "यूनाइटेड स्टेट्स साउथ अफ्रीका में G20 में शामिल नहीं हुआ क्योंकि साउथ अफ्रीकी सरकार अफ्रीकी लोगों और डच, फ्रेंच और जर्मन सेटलर्स के दूसरे वंशजों द्वारा सहे गए भयानक ह्यूमन राइट्स के हनन को मानने या उस पर ध्यान देने से इनकार करती है."

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि साउथ अफ्रीका ने दुनिया को दिखा दिया है कि वे कहीं से भी मेंबरशिप के लायक देश नहीं हैं, और हम उन्हें दिए जाने वाले सभी पेमेंट और सब्सिडी तुरंत रोक देंगे. 

ट्रंप ने कहा, "G20 के खत्म होने पर साउथ अफ्रीका ने G20 की प्रेसीडेंसी हमारे US एम्बेसी के एक सीनियर रिप्रेजेंटेटिव को देने से मना कर दिया, जो क्लोजिंग सेरेमनी में शामिल हुए थे. इसलिए मेरे कहने पर साउथ अफ्रीका को 2026 G-20 का इनविटेशन नहीं मिलेगा, जिसे अगले साल फ्लोरिडा के ग्रेट सिटी मियामी में होस्ट किया जाएगा."

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दक्षिण अफ्रीका ने 1 दिसंबर 2024 को साल भर चलने वाली G20 की अध्यक्षता संभाली. यहां 22 से 23 नवंबर तक जोहान्सबर्ग में एक शिखर बैठक के लिए समूह के नेताओं की मेजबानी की. यह पहली बार था जब G20 शिखर सम्मेलन अफ्रीकी धरती पर आयोजित किया गया था.  

ट्रंप ने पहले कहा था कि वह मियामी के पास अपने गोल्फ़ क्लब में 2026 के समिट के लिए G20 नेताओं को होस्ट करेंगे. ट्रंप समिट के लिए जोहान्सबर्ग नहीं गए थे और उन्होंने कहा था कि जब तक मानवाधिकारों का उल्लंघन जारी रहेगा, कोई भी अमेरिकी सरकारी अधिकारी इसमें शामिल नहीं होगा. 

ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका पर गोरे लोगों को “मारने” का आरोप लगाया और अमेरिकी दूतावास के एक सीनियर अमेरिकी प्रतिनिधि को G20 प्रेसीडेंसी सौंपने से इनकार करने के लिए देश की आलोचना की. 

ट्रंप ने कहा, “साफ़-साफ़ कहूं तो वे गोरे लोगों को मार रहे हैं और उनके खेत बेतरतीब ढंग से छीनने दे रहे हैं. शायद सबसे बुरी बात यह है कि जल्द ही बंद होने वाला न्यूयॉर्क टाइम्स और फेक न्यूज़ मीडिया इस नरसंहार के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोलेंगे.”

रिपब्लिक ऑफ़ साउथ अफ्रीका की प्रेसीडेंसी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि G20 साउथ अफ्रीका 2025 लीडर्स समिट में कई देशों के हेड और सरकारों ने हिस्सा लिया था और समिट में शामिल होने वाले सभी लोगों ने इसे सबसे सफल समिट्स में से एक बताया.

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दक्षिण अफ्रीका ने बयान में कहा है कि G-20 के फाउंडिंग मेंबर्स में से एक होने के नाते साउथ अफ्रीका ने हमेशा आम सहमति, सहयोग और पार्टनरशिप की भावना को महत्व दिया है, जो G20 को इंटरनेशनल इकोनॉमिक कोऑपरेशन के लिए सबसे बड़ा फोरम बनाती है.

इसमें आगे कहा गया है कि साउथ अफ्रीका की प्रेसीडेंसी के दौरान यूनाइटेड स्टेट्स से G-20 की सभी मीटिंग्स में हिस्सा लेने की उम्मीद थी, लेकिन बदकिस्मती से उसने अपनी मर्ज़ी से जोहान्सबर्ग में G-20 लीडर्स समिट में शामिल नहीं होने का फैसला किया. 

दक्षिण अफ्रीका ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि साउथ अफ्रीका अपने नाम और हक से G-20 का मेंबर है. इसकी G-20 मेंबरशिप बाकी सभी मेंबर्स के कहने पर है. साउथ अफ्रीका एक संप्रभु संवैधानिक गणतांत्रिक देश है और ग्लोबल प्लेटफॉर्म्स में हिस्सा लेने की अपनी मेंबरशिप और काबिलियत के बारे में किसी दूसरे देश से बेइज्जती बर्दाश्त नहीं करता है. 
 

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