'सत्ता से चिपकी रहती तो नरसंहार हो जाता...', शेख हसीना का संबोधन, यूनुस को बताया हिंदुओं पर हमले का मास्टरमाइंड

शेख हसीना ने न्यूयॉर्क में अवामी लीग के कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि मैं खूनखराबा नहीं चाहती थी. अगर मैं सत्ता में बनी रहती और इस्तीफा नहीं देती तो देश में नरसंहार हो जाता. जब लोगों को मारा जा रहा था तो मैंने देश छोड़ने का फैसला कर लिया. 

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शंख हसीना शंख हसीना

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 10:31 AM IST

बांग्लादेश इस समय हिंसा की आग में जल रहा है. बीते पांच अगस्त को मुल्क में हुए तख्तापलट के बाद से शेख हसीना भारत में हैं. उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों और बांग्लादेश छोड़ने को लेकर बड़ा बयान दिया है. 

शेख हसीना ने न्यूयॉर्क में अवामी लीग के कार्यकर्ताओं के कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि मैं खूनखराबा नहीं चाहती थी. अगर मैं सत्ता में बनी रहती और इस्तीफा नहीं देती तो देश में नरसंहार हो जाता. जब लोगों को मारा जा रहा था तो मैंने देश छोड़ने का फैसला कर लिया. 

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उन्होंने कहा कि मुझे सत्ता की जरूरत नहीं है. हथियारबंद लोग गणभवन में घुस आए थे. मेरे पिता और राष्ट्रपिता बंगबंधु की तरह मेरी हत्या की भी योजना थी. मैंने सिक्योरिटी को बोल दिया था कि वे फायरिंग नहीं करे. अगर फायरिंग होती को गणभवन में बहुत लोग मारे जाते, मैं ये नहीं चाहती थी.

शेख हसीना ने कहा कि आज, टीचर्स, पुलिस, नेतां सभी पर हमले किए जा रहे हैं. हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों को निशाना बनाया जा रहा है. 11 चर्च और कई मंदिरों पर हमले किए गए हैं. इस्कॉन पर हमला किया गया. सवाल ये है कि अब बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले क्यों किए जा रहे हैं?

मास्टरमाइंड हैं मोहम्मद यूनुस!

शेख हसीना ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेष रूप से हिंदुओं पर हमले और उनकी हत्या के लिए मोहम्मद यूनुस को मास्टरमाइंड बताया है. उन्होंने कहा कि आज, मैं मास किलिंग की आरोपी हूं. असल में मोहम्मद यूनुस एक तय योजना तहत सामूहिक नरसंहार में शामिल हैं. ये मास्टरमाइंड हैं. यहां तक कि बीएनपी नेता और खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान ने लंदन में कहा था कि अगर देश में इसी तरह मौतें होती रही तो सरकार नहीं चलेगी. 

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चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा

बांग्लादेश के चटगांव इस्कॉन पुंडरीक धाम के अध्यक्ष चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं. चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में हिंदू समाज के लोग सड़कों पर उतर आए हैं. इस दौरान उन पर BNP और जमात के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया था, जिसमें 50 हिंदू घायल हो गए थे.

चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने हर जिले में शांतिपूर्ण सभाएं आयोजित कीं. हालांकि इन शांतिपूर्ण सभाओं पर चरमपंथी समूहों ने हमले किए. इस्लामिक समूहों ने चटगांव में हिंदू समुदाय के सदस्यों पर हमला किया.

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