'रूस के हमले पर भारत का रुख नरम, लेकिन...', Russia-Ukraine जंग पर बोले अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन

Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन जंग पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का बयान आया है. उन्होंने कहा कि रूसी हमले पर भारत का रुख नरम रहा है.

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राष्ट्रपति जो बाइडेन (फाइल फोटो) राष्ट्रपति जो बाइडेन (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 8:44 AM IST
  • रूस-यूक्रेन की जंग के 26 दिन बीते
  • भारत ने इस जंग पर न्यूट्रल रुख अपनाया है

रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि रूस पर प्रतिबंध लगाने के मामले में भारत 'नरम' पड़ गया, वहीं यूएस के बाकी बड़े साथियों ने रूस की हिमाकत के लिए उसे कड़ी सजा (प्रतिबंधों के जरिए) दी.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन में जंग की शुरुआत करने के बाद रूस पर पश्चिमी देशों ने कड़े प्रतिबंध लगाए. बाइडेन ने आगे कहा कि Quad (Quadrilateral Security Dialogue) की बात करें तो भारत भले नरम पड़ा हो लेकिन जापान ने कड़ा रुख अपनाया. वहीं पुतिन के आक्रमण का ऑस्ट्रेलिया ने भी जापान जैसा ही रुख अपनाया. बता दें कि दोनों देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं.

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भारत का रुख बाइडेन को भले नागवार गुजरा हो, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने भारत का सपोर्ट किया है. ऑस्ट्रेलिया के राजदूत Barry O’Farrel ने सोमवार को कहा कि Quad ने यूक्रेन पर भारत के रुख का समर्थन किया है.

रूस-यूक्रेन जंग में भारत ने अपना न्यूट्रल रुख

दोनों देशों की जंग को 26 दिन पूरे हो चुके हैं. जंग के मसले पर भारत ने अपना रुख न्यूट्रल रखा है. भारत की तरफ से संयुक्त राष्ट्र समेत अलग-अलग मंचों पर साफ किया गया है कि उसकी प्राथमिकता यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालना थी. बता दें कि यूक्रेन के विभिन्न इलाकों में 20 हजार के करीब भारतीय छात्र और नागरिक फंसे हुए थे. इनमें से 18 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित भारत वापस लाया जा चुका है. फंसे लोगों को निकालने के लिए केंद्र सरकार ने 'ऑपरेशन गंगा' चलाया था.

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भारत ने वैसे इस युद्ध को खत्म करने की कोशिश भी की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की थी. पीएम मोदी ने फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षा के साथ-साथ यह भी कहा था कि बातचीत के जरिए मसले का हल निकाला जा सकता है.

 

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