अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने बुधवार को कहा कि उनके देश में दिल्ली बम ब्लास्ट की जांच में भारत को मदद की पेशकश की थी. रुबियो ने भारतीय जांच एजेंसियों की तारीफ करते हुए कहा, 'उनके जांच अधिकारी बहुत प्रोफेशनल हैं और जांच करने में पूरी तरह सक्षम हैं. उन्हें हमारी मदद की जरूरत नहीं.'
जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद कनाडा में पत्रकारों से बात करते हुए रुबियो ने कहा, 'हमने मदद की पेशकश की है, लेकिन मुझे लगता है कि वे इस तरह की घटनाओं की जांच करने में बहुत सक्षम हैं. उन्हें हमारी मदद की जरूरत नहीं है, और वे अच्छा काम कर रहे हैं.'
दिल्ली ब्लास्ट में 12 लोगों की हुई मौत
भारत की राजधानी दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए एक कार विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए. भारत सरकार ने इसे आतंकी हमला माना है और सुरक्षा एजेंसियों ने बड़े पैमाने पर जांच शुरू की है. फोरेंसिक टीमें और एंटी टेरर यूनिट्स लगातार सबूतों की जांच कर रही हैं और अधिकारी इस हमले के पीछे के मकसद और इसके लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाने में लगे हैं.
नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास ने भी भारत के साथ एकजुटता दिखाई और रेड फोर्ट कार ब्लास्ट की निंदा करते हुए बयान जारी किया. भारत में अमेरिका के राजदूत सर्जियो गोर ने 11 नवंबर को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, 'हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उन लोगों के परिवारों के साथ हैं जो नई दिल्ली में हुए भयानक विस्फोट में मारे गए. हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.'
कनाडा में मिले जयशंकर और रुबियो
इससे पहले, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी जी-7 विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने कई द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें दिल्ली के लाल किले के पास हुए हालिया विस्फोट का मुद्दा भी शामिल था. एक्स पर एक पोस्ट में जयशंकर ने कहा कि वह दिल्ली विस्फोट में लोगों की मौत पर रुबियो की संवेदना की सराहना करते हैं.
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