'मौत की सजा सुन सन्न रह गया था...', कतर से लौटे पूर्व नेवी अफसरों ने सुनाई आपबीती

कतर की जेल में बंद आठ पूर्व नौसैनिकों में से सात सोमवार को ही दिल्ली पहुंच गए हैं. स्वदेश लौटने के बाद पूर्व नौसेनिकों के परिवार वालों ने खुशी जाहिर की है. अगस्त 2022 से ही ये सभी कतर की जेल में बंद थे.

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कतर की जेल में बंद रहने के कारण पूर्व नेवी ऑफिसर बीके वर्मा अपनी बेटी की शादी में शामिल नहीं हो सके थे. कतर की जेल में बंद रहने के कारण पूर्व नेवी ऑफिसर बीके वर्मा अपनी बेटी की शादी में शामिल नहीं हो सके थे.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:42 PM IST

एक साल से भी अधिक समय से कतर की जेल में बंद आठ पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया गया है. अक्टूबर 2023 में कतर की अदालत ने आठों नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई थी. हालांकि, दिसंबर में 'कोर्ट ऑफ अपील' ने मौत की सजा पर रोक लगा दी थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में सभी को अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था.

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कतर की जेल से रिहा हुए आठ पूर्व नौसैनिकों में से सात सोमवार को ही दिल्ली पहुंच गए हैं. स्वदेश लौटने के बाद नौसैनिकों के परिवार वालों ने खुशी जाहिर की है. कतर द्वारा रिहा किए गए पूर्व नौसैनिकों में से एक कैप्टन सौरभ वशिष्ठ की पत्नी मनसा वशिष्ठ ने कहा है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मेरे पति को वापस लाने का वादा किया था. नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपना वादा निभाया है.

विदेश मंत्री ने वापस लाने का किया था वादाः मनसा वशिष्ठ

कतर की अदालत ने जिस समय कैप्टन सौरभ और अन्य सात लोगों को मौत की सजा सुनाई गई थी. उस समय को याद करते हुए सौरभ की पत्नी मनसा वशिष्ठ कहती हैं, 'मेरे लिए उस समय को बयां करना काफी कठिन है. बहुत अनिश्चतता थी. आगे क्या होगा, नहीं होगा. मैं पूरे समय कतर की राजधानी दोहा में रही. इस दौरान मुझे बहुत कम समय के लिए मेरे पति से मिलने की अनुमति दी गई.

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लेकिन जब हम विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिले तो उन्होंने सभी को देश वापस लाने का वादा किया और उन्होंने अपना वादा निभाया भी. मैं सरकार को इसके लिए धन्यवाद देती हूं."

कैप्टन सौरभ वशिष्ठ ने अपनी रिहाई का श्रेय भारत सरकार को दिया है. उन्होंने कहा है कि कतर सरकार के साथ पीएम मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के कारण ही आज यह दिन आया है. आज मैं अपने परिवार के साथ अपने घर देहरादून में हूं.

मौत की सजा सुन रह गया था दंगः कमांडर संजीव गुप्ता

कतर की जेल से रिहा होकर भारत पहुंचे पूर्व नौसेना अधिकारी कमांडर संजीव गुप्ता ने आज तक से बातचीत में कहा कि हमारे खिलाफ क्या आरोप थे, हमें भी इसकी कोई जानकारी नहीं है. हमारी रिहाई में प्रधानमंत्री मोदी का अहम रोल है. उन्हीं के हस्तक्षेप के कारण हम आज यहां हैं.

संजीव गुप्ता ने आगे कहा कि जब फांसी की सजा दी गई थी तो मैं यह सुनकर सन्न रह गया था. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर पर मुझे पूरा भरोसा था. विश्व में भारत के बढ़ते प्रभाव और कतर के अमीर के साथ पीएम मोदी के निजी रिश्तों के कारण हम सभी को जेल से रिहा कर दिया गया है. कतर में भारत के राजदूत विपुल ने भी हमारी काफी मदद की. 

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यह भी जीवन का हिस्साः कमांडर बीके वर्मा

कतर की जेल से रिहा हुए एक अन्य पूर्व नेवी पर्सनल कमांडर बीके वर्मा जेल में बंद रहने के कारण नवंबर 2022 में हुई अपनी बेटी की शादी में शामिल नहीं हो पाए थे. कतर से वापस लौटने के बाद उन्होंने कहा कि यह होता है. यह जीवन का हिस्सा है. मैं एक नेवी ऑफिसर था. जब मैं नेवी अधिकारी था, हमें कई जगह ट्रैवल करना होता था. उस वक्त भी मैं परिवार के कई मौकों पर शामिल नहीं हो पाता था. यह सब जीवन का हिस्सा है. 

अपने कमांडर पति की रिहाई के लिए भगवान को शुक्रिया करते हुए बीके वर्मा की पत्नी ने कहा कि यह एक ऐसा क्षण है जिसका वह बेसब्री से इंतजार कर रही थी. उन्होंने कहा, बेटी की शादी में मेरे पति नहीं शामिल हो सके थे. आज मेरी बेटी भी साथ है. भतीजे की शादी में मेरे पति की मौजूदगी से मुझे ऐसा महसूस हो रहा है जैसे हम अपनी अपनी बेटी की शादी के मौके को फिर से जी रहे हैं. 

कौन हैं ये 8 पूर्व नौसैनिक?

भारतीय नौसेना के आठ पूर्व सैनिकों में- कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक राकेश शामिल हैं. जो कतर में अलदाहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी में काम कर रहे थे, जो कि एक सर्विसेज और रक्षा सेवा प्रदान करने वाली कंपनी है.

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