तेल कंपनियों पर अमेरिकी बैन को रूस ने कहा- Act of war, पुतिन बोले- टॉमहॉक मिसाइल आई तो...

अमेरिका ने रूस की उन दो तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है जो रूस का 50 फीसदी तेल निकालती हैं. रूस ने इसे 'एक्ट ऑफ वॉर' कहा है. इसके अलावा राष्ट्रपति पुतिन ने यह भी कहा है कि अगर रूस की जमीन पर अमेरिकी टॉमहॉक मिसाइल आया तो जवाब विध्वंसकारी होगा.

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नए प्रतिबंधों को रूस ने Act of war कहा है. (Photo: ITG) नए प्रतिबंधों को रूस ने Act of war कहा है. (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 8:42 AM IST

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने दो टूक कहा है कि यदि यूक्रेन को रूस के भीतर तक हमला करने के लिए टॉमहॉक क्रूज मिसाइल जैसे लंबी दूरी के हथियार दिए गए तो मास्को की प्रतिक्रिया "कुचल डालने वाली और चौंकाने वाली" (Overwhelming and stunning) होगी. पुतिन जेलेंस्की द्वारा रूसी क्षेत्र में अंदर तक हमला कर सकने में सक्षम लंबी दूरी के हथियार हासिल करने की संभावना पर पत्रकारों को जवाब दे रहे थे. 

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ट्रंप-पुतिन के बीच बुडापेस्ट शिखर सम्मेलन रद्द होने और अमेरिका द्वारा रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर नए प्रतिबंध लगाने के बाद पैदा हुई स्थितियों का जवाब दे रहे थे. पुतिन ने नए प्रतिबंधों को रूस पर दबाव बनाने का एक और प्रयास बताया. 

वहीं रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने नए अमेरिकी प्रतिबंधों को "रूस के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई- Act of war" कहा है. 

मेदवेदेव जो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष भी हैं, ने कहा, "अगर कई टिप्पणीकारों में से किसी को भी अभी भी कोई भ्रम है, तो आप समझ लीजिए. अमेरिका हमारा दुश्मन है. और उनका बातूनी 'शांति रक्षक' अब पूरी तरह से रूस के खिलाफ युद्ध की राह पर है."

बुडापेस्ट शिखर सम्मेलन रद्द , नए प्रतिबंध, टेंशन का नया दौर

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बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच मुलाकात के लिए प्रस्तावित बुडापेस्ट शिखर सम्मेलन रद्द हो चुका है. बुधवार को ट्रंप ने इसकी घोषणा की थी. इसके बाद अमेरिका ने रूस की दो तेल कंपनियों रुक ऑयल और रोजनेफ्ट पर प्रतिबंध लगा चुके हैं. ये दोनों कंपनियां रूस का 50 प्रतिशत तेल निकालती है. यूक्रेन लंबे समय से लंबी दूरी की टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों की मांग अमेरिका से कर रहा है. 

टॉमहॉक मिसाइलें लगभग 1,600 किलोमीटर तक की रेंज वाली हैं और अमेरिकी नौसेना द्वारा इस्तेमाल की जाती हैं. जेलेंस्की ने कहा है कि ये मिसाइलें केवल रूसी सैन्य टारगेट पर इस्तेमाल की जाएंगी.

इस नए परिदृश्य में राष्ट्रपति पुतिन का ये बयान आया है. 

कोई भी स्वाभिमानी देश...

राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि, "कोई भी स्वाभिमानी देश बाहरी दबाव के आगे नहीं झुक सकता, खासकर रूस जैसा देश." उन्होंने याद दिलाया कि रूस पर ज़्यादातर अमेरिकी प्रतिबंध ट्रंप के पहले कार्यकाल में ही लगाए गए थे.

पुतिन ने कहा कि 16 अक्टूबर को बुडापेस्ट में उनकी फोन पर हुई बातचीत में ट्रंप ने ही बैठक का प्रस्ताव रखा था. "हमारा मानना ​​है कि यह बैठक रद्द नहीं की गई है बल्कि स्थगित है."

पुतिन ने कहा, "हमारा मानना ​​है कि बातचीत किसी विवाद या युद्ध से बेहतर है." उन्होंने यह भी संकेत दिया कि दोनों पक्ष पर्दे के पीछे संपर्क बनाए हुए हैं. पुतिन ने चेतावनी दी कि रूसी कच्चे तेल पर अमेरिकी प्रतिबंधों का अमेरिकी उपभोक्ताओं पर बुरा असर पड़ेगा, जिन्हें वैश्विक तेल की आसमान छूती कीमतों का असर महसूस होगा, क्योंकि एक अहम चुनाव ट्रंप का इंतजार कर रहा है. 

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इस तरह पुतिन ने स्पष्ट कर दिया है कि रूस पर टॉमहॉक मिसाइलों से अगर हमले किए गए तो इसका खतरनाक प्रत्युत्तर दिया जाएगा.

पश्चिम को लेकर कड़क मिजाज हैं मेदवेदेव

मेदवेदेव अपने बॉस (पुतिन) के विपरीत पश्चिम के खिलाफ आक्रामक बयानों के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने अपने घरेलू मैक्स चैनल पर लिखा,"इससे मुख्य बात नहीं बदलती. लिए गए फैसले रूस के खिलाफ युद्ध की कार्रवाई हैं. और अब ट्रंप पूरी तरह से पागल यूरोप के साथ जुड़ गए हैं."

मेदवेदेव ने कहा, "ट्रंप के पेंडुलम के इस नए बदलाव का एक स्पष्ट सकारात्मक पहलू है. अब यूक्रेन पर अनावश्यक बातचीत की परवाह किए बिना हमला किया जा सकता है और जहां भी संभव हो, वहां जीत हासिल की जा सकती है - जमीन पर, किसी मेज के पीछे नहीं."
 

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