टैरिफ वॉर, H-1B वीजा और गैंगस्टर्स का बढ़ता आतंक... ट्रंप को साध पाएंगे यूएस जा रहे पीएम मोदी?

पीएम मोदी और ट्रंप के बीच मुलाकात में व्यापार संतुलन सबसे बड़ा मुद्दा हो सकता है, इसके अलावा रक्षा सहयोग, आतंकवाद, भारत-प्रशांत क्षेत्र, चीन की दादागीरी, रूस-यूक्रेन युद्ध, H1B वीजा और गैंगस्टर जैसे मुद्दों पर भी बात हो सकती है.

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PM नरेंद्र मोदी के साथ डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो) PM नरेंद्र मोदी के साथ डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

आजतक ब्यूरो

  • नई दिल्ली,
  • 12 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:39 AM IST

प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका पहुंच गए हैं. ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी का ये पहला दौरा है, जिसे काफी अहम माना जा रहा है. क्योंकि 20 जनवरी को शपथ लेने वाले डोनाल्ड ट्रंप का इतनी जल्दी पीएम मोदी को मिलने के लिए बुलाना, अपने आप में काफी कुछ बताता है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के लिए इस दौरे की सबसे बड़ी चुनौती ये होगी कि वो ट्रंप को कैसे भारत के हितों पर चोट करने से रोकें. 

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पीएम मोदी और ट्रंप के बीच मुलाकात में व्यापार संतुलन सबसे बड़ा मुद्दा हो सकता है, इसके अलावा रक्षा सहयोग, आतंकवाद, भारत-प्रशांत क्षेत्र, चीन की दादागीरी, रूस-यूक्रेन युद्ध, H1B वीजा और गैंगस्टर जैसे मुद्दों पर भी बात हो सकती है.

अमेरिका की कमान संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप हर किसी को धमका रहे हैं, वो हमास को बंधक छोड़ने का अल्टीमेटम दे चुके हैं, वो गाजा के लोगों को मिस्र-जॉर्डन में बसने के लिए कह चुके हैं, वो गाजावासियों को नहीं लेने पर मिस्र-जॉर्डन को पाई-पाई के लिए मोहताज करने की धमकी दे चुके हैं. ट्रंप के तेवर से हर कोई परेशान है. जॉर्डन के किंग उनकी सख्ती का ताजा शिकार बने हैं, अब सारी दुनिया की नजरें प्रधानमंत्री मोदी पर हैं. जिनकी फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की तरह डोनाल्ड ट्रंप से बहुत गहरी मित्रता है. अमेरिका रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने मैक्रों को गले लगाया फिर दोनों ने एक-दूसरे से थोड़ी देर बातचीत की और मैक्रों ने पीएम मोदी को नमस्ते करते हुए विदा किया.

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क्या ट्रंप का रवैया भारत के लिए चुनौती खड़ी कर सकता है?

प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप में खास दोस्ती है, चुनाव के दौरान भी ट्रंप ने मोदी की खूब तारीफ की. लेकिन ट्रंप ने इसी दौरान भारत को टैरिफ किंग भी बताया और इस महीने की शुरुआत में ही अमेरिका से 104 भारतीयों को लेकर अमेरिका का मिलिट्री एयरक्राफ़्ट अमृतसर पहुंचा था. इन भारतीयों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां लगी थीं. अब सवाल ये है कि जो ट्रंप कई देशों पर टैक्स लगा चुके हैं, वो भारत को लेकर क्या रुख अपनाएंगे? ट्रंप को भारत कैसे साधेगा? जो गाजा पर अमेरिकी कब्जा जैसी हैरतअंगेज बातें करने में जुटे हैं. लिहाजा ट्रंप कुछ भी कह रहे हैं और समझ भी नहीं रहे. उनका ये रवैया भारत के लिए भी चुनौती खड़ी कर सकता है.

क्या है एक्सपर्ट्स का मानना?

पीएम मोदी ये जानते हैं इसलिए वो अमेरिका जाने से पहले अमेरिकी बाइक हार्ले डेविससन से टैक्स कम करने की घोषणा कर इस दौरे की जमीन तैयार करके वॉशिंगटन गए हैं. जानकारों का मानना है कि भारत डोनाल्ड ट्रंप को ये समझा सकता है कि प्रीमियम मोटरसाइकिल और व्हिस्की को छोड़कर भारत क़रीब 75 प्रतिशत अमेरिकी उत्पादों पर महज 5 प्रतिशत टैरिफ लगाता है. 

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कई अमेरिकी कंपनियों को बाज़ार मुहैया कराता है भारत

भारत एमेजॉन से लेकर ओपन एआई तक तमाम अमेरिकी टेक कंपनियों को अपना बाज़ार मुहैया कराता है, जबकि चीन में अमेरिका को यह सुविधा नहीं है. भारत ने परमाणु जवाबदेही क़ानून में संशोधन करते हुए 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का फ़ैसला किया है. माना जा रहा है कि इससे भी अमेरिकी कंपनियों को ही फ़ायदा होगा, लेकिन सबसे बड़ी बात जो ट्रंप को समझनी होगी कि भारत और अमेरिका के संबंधों को व्यापार के आईने से अलग भी देखने की ज़रूरत है. हाल के वर्षों में भारत ने रूसी हथियारों पर निर्भरता कम की है और अमेरिका के साथ रक्षा साझेदारी बढ़ाई है. ये साझेदारी मोदी के दौरे के बाद और बढ़ सकती है. भारत ने अमेरिका में रह रहे अपने अवैध प्रवासियों को लेकर भी ट्रंप प्रशासन की बात मानी है. 

गैंगस्टर के बुरे वक्त की शुरुआत!

प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिकी दौरा गैंगस्टर के बुरे वक्त की शुरुआत हो सकता है. भारतीय एजेंसियां जल्द ही अमेरिका में रह रहे गैंगस्टर की सूची अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों को सौंप सकती हैं. जिसमें गोल्डी बराड़, अनमोल बिश्नोई समेत 10 गैंगस्टर शामिल हैं. सरकार ये कदम भारत-अमेरीका के बीच हुए एक समझौते के तहत उठाएगी, जो दोनों देश में छिपे अपराधियों पर कार्रवाई में मदद की बात कहता है. पिछले 8 महीने से भारत और अमेरिका के वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के बीच इस मुद्दे पर कई अहम बैठक हो चुकी हैं और भारत ने भी अमेरिका को इसी तरीके की जानकारी मुहैया करवाई है.

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अनमोल बिश्नोई और गोल्डी बराड़ छिपे हैं अमेरिका में 

बता दें कि अनमोल बिश्नोई गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई है, जो अमेरिकी डिटेंशन सेंटर में है. जो NIA और मुंबई पुलिस की लिस्ट में वांटेड हैं, अनमोल बिश्नोई बाबा सिद्दीकी की हत्या केस में शामिल है. गोल्डी बराड़- लॉरेंस बिश्नोई का करीबी है, उसका नाम सिद्धू मूसेवाला केस में सामने आया था. गोल्डी बराड़ को जनवरी 2024 में आतंकवादी घोषित किया गया था.

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