'मेरे भी पोते-पोतियां हैं...', गाजा में तबाही का मंजर बयां करते हुए UN में फफक-फफक कर रोने लगे फिलिस्तीनी राजदूत

सात अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था, जिसमें 1200 इजरायली नागरिकों की मौत हो गई थी जबकि कई लोगों को अगवा कर लिया गया था. इसके बाद शुरू हुए इजरायल और हमास के युद्ध में अब तक पचास हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. गाजा तबाह हो चुका है. लोग युद्ध से थक चुके हैं और शांति से जीवन गुजर-बसर करना चाहते हैं. 

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संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के राजदूत रियाद मंसूर संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के राजदूत रियाद मंसूर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2025,
  • अपडेटेड 10:41 AM IST

इजरायल और हमास की जंग में गाजा की निर्दोष जनता लंबे समय से इसकी कीमत चुका रही है. इजरायल के हमले में तबाह घर और शहर के मलबे के बीच भूख और बीमारी से तपड़ते लोग मौत से बदतर जिंदगी जीने को मजबूर है. इनमें सबसे दयनीय स्थिति महिलाओं और बच्चों की है. संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के राजदूत जब गाजा की इस बदहाल तस्वीर को बयां कर रहे थे तो वह रोने लगे.

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संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के राजदूत रियाद मंसूर गाजा में युद्ध के दौरान के हालात के बारे में महासभा को संबोधित कर रहे थे. वह जैसे-जैसे गाजा के दयनीय हालात बयां कर रहे थे. वह खुद की भावनाओं पर नियंत्रण नहीं कर पाए और फफक-फफक कर रोने लगे.

मंसूर ने संयुक्त राष्ट्र को संबोधित कर कहा कि मेरे भी पोते-पोतियां हैं. मैं समझ सकता हूं कि गाजा में जो बच्चे भूख से तड़प-तड़पकर मर रहे हैं. उनके परिवारों पर क्या गुजर रही होगी. 

उन्होंने कहा कि इस साल मार्च महीने में जब से इजरायल ने सीजफायर तोड़ा है. 1300 से ज्यादा फिलिस्तीनी बच्चे मारे गए हैं और 4000 से ज्यादा बच्चे घायल हुए हैं. ये बच्चे हैं, बच्चे और वो कह रहे हैं कि ये युद्ध बर्बरता के खिलाफ है. बच्चे! दर्जनों बच्चे भूख से मर रहे हैं. वो तस्वीरें जिनमें माएं अपने बच्चों के बेजान शरीर को सीने से लगा रही हैं, उनके बालों पर हाथ फेर रही हैं, उनसे बात कर रही हैं, उनसे माफी मांग रही हैं.... इतना कहते ही मंसूर फफक-फफक कर रोने लगे.

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लेकिन उन्होंने खुद पर कंट्रोल कर अपनी बात को पूरा करते हुए कहा कि ये असहनीय है. कोई ऐसा कैसे कर सकता है? मेरे भी पोते-पोतियां हैं. मुझे पता है कि परिवार में बच्चों की क्या अहमियत होती है. मुझे समझ सकता हूं कि गाजा के इन परिवारों पर क्या गुजर रही होगी. हम फिलिस्तीनियों की इस स्थिति को देखकर सिहर गए हैं. 

बता दें कि सात अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था, जिसमें 1200 इजरायली नागरिकों की मौत हो गई थी जबकि कई लोगों को अगवा कर लिया गया था. इसके बाद शुरू हुए इजरायल और हमास के युद्ध में अब तक पचास हजार से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. गाजा तबाह हो चुका है. लोग युद्ध से थक चुके हैं और शांति से जीवन गुजर-बसर करना चाहते हैं. 

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बार-बार कहा है कि इस युद्ध का मकसद हमास का खात्मा करना है, और इस संगठन को एक प्रशासनिक इकाई के रूप में नष्ट करना है. हालांकि, अब उनका कहना है कि इस नए अभियान का मकसद समूह को बचे हुए बंधकों को छोड़ने के लिए मजबूर करना है.

हमास ने आरोप लगाया है कि इजरायल ने जनवरी के संघर्ष विराम समझौते की शर्तों को तोड़ा है, क्योंकि वो युद्ध को समाप्त करने और गाजा से अपने सैनिकों की वापसी और वार्ता शुरू करने में विफल रहा है. हमास ने कहा कि वे अब भी बातचीत के लिए तैयार हैं.

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