'ये किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं...', सऊदी अरब के साथ रक्षा समझौता पर पाकिस्तान की सफाई

पाकिस्तान और सऊदी अरब ने रणनीतिक आपसी रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस पर अब पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि यह समझौता क्षेत्रीय और वैश्विक शांति व सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.

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यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब कुछ दिन पहले इजरायल ने कतर में हमास नेतृत्व पर हमला किया था. (File Photo- Reuters) यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब कुछ दिन पहले इजरायल ने कतर में हमास नेतृत्व पर हमला किया था. (File Photo- Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:17 PM IST

पाकिस्तान ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि हाल ही में सऊदी अरब के साथ हुआ आपसी रक्षा समझौता (Mutual Defence Pact) किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं है. इस समझौते को दोनों देशों की रक्षा सहयोग बढ़ाने और साझा सुरक्षा सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता के रूप में पेश किया गया है.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि यह समझौता क्षेत्रीय और वैश्विक शांति व सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.

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दरअसल, गुरुवार को पाकिस्तान और सऊदी अरब ने रणनीतिक आपसी रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए. इसके अनुसार, यदि किसी एक देश पर हमला होता है तो उसे दोनों पर आक्रमण माना जाएगा. समझौते का उद्देश्य रक्षा सहयोग और संयुक्त सुरक्षा को मजबूत करना है. यह समझौता पूरी तरह रक्षात्मक प्रकृति का है और किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं है. पाकिस्तान का कहना है कि यह क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता में योगदान देगा.

बता दें कि यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब कुछ दिन पहले इजरायल ने कतर में हमास नेतृत्व पर हमला किया था. कतर अमेरिका का अहम सहयोगी है और खाड़ी क्षेत्र में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. भारत ने इस विकास पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह इस समझौते के अपने राष्ट्रीय सुरक्षा, क्षेत्रीय संतुलन और वैश्विक स्थिरता पर प्रभावों का अध्ययन करेगा.

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प्रवक्ता शफकत अली खान ने कहा कि दोनों देशों के नेतृत्व द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की हालिया रियाद यात्रा के दौरान उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडलों ने आधिकारिक वार्ता में भाग लिया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच भाईचारे और सहयोग का अनोखा रिश्ता है, और पाकिस्तानी जनता मक्का व मदीना स्थित दो पवित्र मस्जिदों की भूमि के प्रति गहरी श्रद्धा रखती है.

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