राम मंदिर की धर्म ध्वजा पर पाकिस्तान की ड्रामेबाजी, कहा- भारत में मुसलमानों की विरासत को खतरा, UN से की ये अपील

अयोध्या में राम मंदिर पर केसरिया ध्वज की स्थापना पर पाकिस्तान चिढ़ गया है. अपने मुल्क में हिन्दुओं और ईसाइयों की रक्षा करने में नाकाम रहने वाले पाकिस्तान ने राम मंदिर पर केसरिया ध्वज की स्थापना को इस्लामोफोबिया, हेट स्पीच से जोड़ दिया है और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है.

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PM मोदी ने राम मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज की स्थापना की है.(Photo: ITG) PM मोदी ने राम मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज की स्थापना की है.(Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:05 AM IST

अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा की स्थापना के बाद पाकिस्तान की प्रतिक्रिया आई है. पाकिस्तान में लगातार धार्मिक अल्पसंख्यकों के शोषण, बलात्कार और हत्याओं पर नजरे फेर लेने वाले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि इससे भारत के अल्पसंख्यक और मुस्लिम सांस्कृतिक विरासत को खतरा है. 

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने झूठ का पुलिंदा गढ़ते हुए कहा है कि, 'यह भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर दबाव के एक बड़े पैटर्न और हिंदुत्व की सोच के असर में मुस्लिम सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को जानबूझकर खत्म करने की कोशिशों को दिखाता है.'

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अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भारत के उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद हुआ है. मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद 25 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने यहां केसरिया ध्वज की स्थापना मंदिर के शिखर पर की है. 

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद पर राम मंदिर के निर्माण और ध्वजारोहण को पाकिस्तान ने चिंता और गंभीरता के साथ लिया है.

भारत के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में न रखते हुए पाकिस्तान के विदेश विभाग ने  कहा है कि बाबरी मस्जिद सदियों पुरानी एक ऐतिहासिक इबादतगाह थी. इसके बाद पाकिस्तान ने 6 दिसंबर 1992 की घटना की जिक्र किया है. 

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने वाहियात प्रोपगैंडा फैलाते हुए कहा है कि भारत का सिस्टम अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करता है. 

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जिस पाकिस्तान में हिन्दुओं के ऐतिहासिक और पौराणिक धरोहर धूल खा रहे हैं वहां की सरकार ने कहा कि भारत में हिन्दुत्व की विचारधारा के तहत मुस्लिम सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को मिटाने की कोशिश की जा रही है. 

पाकिस्तान को हिन्दू मंदिरों की फिक्र नहीं

पाकिस्तान में शारदा पीठ मंदिर, कराची का 150 साल पुराना जाग नाथ मंदिर, रावलपिंडी स्थित 1930 में बना मोहन मंदिर जैसे हिन्दुओं के धार्मिक विरासत विलुप्त होने के कगार पर हैं, इन पर सरकार का और स्थानीय लोगों का कब्जा है. इन पर एक शब्द न बोलने वाला पाकिस्तान कहता है कि भारत में ऐसे ही कई मस्जिदों पर खतरा है और उसे नष्ट किया जा रहा है. 

राम मंदिर के बहाने अपना एजेंडा पूरा करने वाले पाकिस्तान ने कहा कि भारतीय मुसलमानों के साथ तेजी से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक भेदभाव हो रहा है. 

कथित इस्लामोफोबिया, हेट स्पीच और घृणा का जिक्र

आगे पाकिस्तान ने बेशर्मी की हदें पार करते हुए कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया, हेट स्पीच और घृणा आधारित हमलों को गौर करे.

पाकिस्तान ने अतंर्राष्ट्रीय संगठनों से अपील की है कि वे भारत में कथित रूप से बढ़ते इस्लामोफोबिया, हेट स्पीच और नफरत की बुनियाद पर हो रहे कथित हमलों की ओर ध्यान दें. पाकिस्तान ने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र को भी घसीटा है. पाकिस्तान ने कहा है कि यूएन और दूसरी संस्थाएं भारत में इस्लामिक विरासत को सुरक्षित रखने में अपनी भूमिका निभाएं और सभी अल्पसंख्यकों के धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सुरक्षित रखने में सक्रिय सहयोग दें. इसके अलावा पाकिस्तान ने तरीके से कहा है कि भारत मस्जिदों की रक्षा करे. 

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9  मासूम अफगानी बच्चों की हत्या कर चुका है पाकिस्तान

गौरतलब है कि भारत को मानवता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का मशविरा देने वाला पाकिस्तान ने कल ही अफगानिस्तान की सीमा में आधी रात को सोते ग्रामीणों पर हमला कर चुका है. इस हमले में 9 अफगानी बच्चों की मौत हो गई थी. 
 

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