पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्तों में गर्माहट लगातार महसूस की जा रही है. हाल-फिलहाल में पाकिस्तान के कई सैन्य अधिकारियों ने बांग्लादेश का दौरा किया है. अब खबर है कि पाकिस्तान के धार्मिक नेता और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान भी ढाका पहुंच गए हैं.
मौलाना फजुलर रहमान को पाकिस्तान के विवादित नेताओं में गिना जाता है. वह बांग्लादेश में कई धार्मिक कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे. वह ढाका के सुहरावर्दी एवेन्यू पर आयोजित एक बड़े जलसे में हिस्सा लेंगे. इस कार्यक्रम के दौरान मौलाना रहमान अहमदियों को गैर-मुस्लिम घोषित करने की मांग को आगे बढ़ाएंगे और मुसलमानों से इस्लाम के दुश्मनों के खिलाफ जिहाद में शामिल होने का आह्वान करेंगे.
मौलाना फजलुर रहमान की इस यात्रा का औपचारिक उद्देश्य धार्मिक और चिंतनशील कार्यक्रमों में शामिल होना है. उनका कहना है कि वे बांग्लादेश में कई इस्लामिक सम्मेलनों, मदरसा सभाओं और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे. उनके साथ JUI-F के वरिष्ठ नेता भी हैं.
रिपोर्टों के मुताबिक, वह ढाका और चटगांव जैसे शहरों में हो रहे विभिन्न धार्मिक आयोजनों में शामिल हो रहे हैं. उनका उद्देश्य पाकिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक संस्थानों के बीच सहयोग और विचार को बढ़ावा देना बताया जा रहा है. वे बांग्लादेश के प्रमुख इस्लामी विद्वानों, संगठनों और मदरसों के प्रमुखों से मुलाकातें भी कर रहे हैं.
हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह दौरा केवल धार्मिक नहीं है. मौलाना रहमान दक्षिण एशिया में इस्लामी राजनीतिक नेटवर्क को मजबूत करने और अपनी अंतरराष्ट्रीय साख बढ़ाने की भी कोशिश कर रहे हैं. बांग्लादेश जैसे देश में जहां धार्मिक राजनीति पर कड़ी निगरानी रहती है, उनकी मौजूदगी को प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
बता दें कि उनका ये दौरा न सिर्फ धार्मिक एंव शैक्षणिक संवाद का अवसर है बल्कि दक्षिण एशिया में धार्मिक संगठन एवं उनकी भूमिका को ट्रेडिशनल साझेदारी के रूप में देखने का संकेत भी देता है.
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