पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पिछले दिनों शुरू हुई उठापटक खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. तुर्की के इस्तांबुल में वार्ता होने के बाद भी फाइन तौर पर सहमति नहीं बन सकी. अब पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने दोनों देशों के बीच विवाद पर बयान देते हुए भारत का नाम लिया है. ख्वाजा आसिफ ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान के साथ समझौता होने ही वाला था, लेकिन अफगान वार्ताकारों ने काबुल से बातचीत की और समझौते से पीछे हट गए.
इस्तांबुल में दोनों पक्षों के बीच बातचीत का दूसरा दौर शनिवार को शुरू हुआ था. कतर वार्ता पाक-अफगान सीमा पर लगातार लड़ाई और अफगानिस्तान में गुल बहादुर समूह के शिविरों पर इस्लामाबाद के हमलों के बाद हुई थी.
डिफेंस मिनिस्टर ने Geo News के कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि वार्ताकार काबुल से निर्देश मिलने के बाद 'चार या पांच बार' समझौते से पीछे हट चुके हैं. ख्वाजा आसिफ ने आरोप लगाया कि समझौते से पीछे हटने के पीछे काबुल में बैठे लोग हैं, जिन्हें दिल्ली कंट्रोल कर रही है.
'काबुल से निर्देश मिलने पर बिगड़ी बात...'
ख्वाजा आसिफ ने कहा, "जब भी हम किसी समझौते के करीब पहुंचे, चाहे पिछले चार दिनों में हो या पिछले सप्ताह, जब वार्ताकारों ने काबुल को रिपोर्ट किया, तो हस्तक्षेप हुआ और समझौता वापस ले लिया गया." उन्होंने शिकायत की है कि समझौता हो गया था, लेकिन काबुल को फोन करने के बाद वार्ताकार डील से पीछे हट गए.
आसिफ ने अफगान वार्ताकारों की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने सहयोग किया और बातचीत की, जो काफी चुनौतीपूर्ण थी. हालांकि, उन्होंने तुरंत ये भी कहा कि काबुल में तार खींचने वाले और कठपुतली शो मंचित करने वाले लोगों को दिल्ली कंट्रोल कर रही है." उन्होंने कहा कि अफगान सरकार के पास अधिकार की कमी है क्योंकि भारत ने उसमें "पैठ" बना ली है.
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'भारत का प्रॉक्सी वॉर...'
रक्षा मंत्री का मानना है कि भारत, अफगानिस्तान का इस्तेमाल इस्लामाबाद के खिलाफ एक प्रॉक्सी वॉर को मंच देने के लिए कर रहा है. ख्वाजा आसिफ ने कहा, "भारत अपने पश्चिमी बॉर्डर पर अपनी हार की भरपाई काबुल के जरिए कर रहा है. वहां (अफगानिस्तान) के जंटा में ऐसे तत्व हैं, जो भारत का दौरा कर चुके हैं और उनके मंदिरों में गए हैं."
उन्होंने कहा कि अगर अफगानिस्तान ने इस्लामाबाद की तरफ देखा भी, तो हम उनकी आंखें निकाल देंगे. काबुल, पाकिस्तान में आतंकवाद के लिए जिम्मेदार है और दिल्ली के लिए एक उपकरण है.
ख्वाजा आसिफ ने कहा, "अफगान आतंकवादियों का इस्तेमाल कर सकते हैं, और वे पहले से ही कर रहे हैं. पिछले चार सालों से, वे आतंकवादियों का उपयोग कर रहे हैं. अगर वे अल्लाह न करे, इस्लामाबाद पर हमला करना चाहते हैं, तो पाकिस्तान 50 गुना ज्यादा मजबूत जवाब देगा."
हठधर्मिता के बावजूद जारी बातचीत...
Dawn की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि तालिबान की हठधर्मिता के बावजूद, इस मुद्दे को तर्क और बातचीत के जरिए किसी तरह हल करने के लिए एक आखिरी कोशिश अभी भी चल रही है और वार्ता अंतिम दौर की ओर बढ़ रही है. बंद दरवाजों के पीछे की चर्चाओं से परिचित सूत्रों ने पहले कहा था कि ज्यादातर बिंदुओं पर दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति बन गई थी.
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पाकिस्तान के गृह मंत्री की अफ़गान उप मंत्री से मुलाकात
पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने तेहरान में अफ़गान उप मंत्री से मुलाकात की और मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत का आह्वान किया. मोहसिन नकवी ने इकोनॉमिक कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (ECO) काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स फोरम के मौके पर अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के सुरक्षा मामलों के सीनियर उप मंत्री मोहम्मद इब्राहिम सद्र से मुलाकात की. मीटिंग के दौरान, दोनों पक्षों ने बातचीत की और नकवी ने एक ईरानी पत्रकार से कहा, "हर घर में मतभेद होते हैं, और हम ऐसे मुद्दों को बातचीत से सुलझाते हैं."
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