'एक मित्र के रूप में... भारत से युद्ध में चीन ने सैटेलाइट से की थी मदद', पाकिस्तान का कुबूलनामा

पाकिस्तान ने स्वीकार कर लिया है कि भारत के खिलाफ जंग में उसे चीन की ओर से मदद मिली थी. एक इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ये बात स्वीकार ली है. इस दौरान उन्होंने चीन को एक सच्चा दोस्त भी बताया है. वहीं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने दावा किया है कि पाक की वजह से ईरान और इजरायल के बीच जंग रुकी है.

Advertisement
पाकिस्तान ने कबूल की जंग में मदद मिलने की सच्चाई (फाइल फोटो) पाकिस्तान ने कबूल की जंग में मदद मिलने की सच्चाई (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 जून 2025,
  • अपडेटेड 6:55 AM IST

पाकिस्तान गजब का देश है. एक तरफ तो भारत में काम करने के लिए इनके अभिनेता तड़प रहे हैं, दूसरी तरफ भारत से बातचीत करने के लिए इनकी हुकूमत गुहार लगाते रहती है. खबर आई है कि सऊदी अरब से 24 जून को शहबाज़ शरीफ की बात हुई है. बात करके कहा कि भारत से बात करा दो, बड़ी मेहरबानी होगी क्योंकि भारत ने पाकिस्तान का पानी रोका हुआ है और पाकिस्तान जानता है कि इसकी उसे बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. इसीलिए वह कह रहा है कि भारत से कोई बात तो करा दे, बस एक बात करा दो.

Advertisement

लेकिन भारत तो पहले ही साफ कर चुका है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद फैलाएगा, बातचीत हो ही नहीं सकती.

पाकिस्तान का नया फर्जी दावा

उधर पाकिस्तान में एक अजीब तरह का वायरस भी चल रहा है. और यह वायरस फर्जी दावे करके दुनिया को फंसाने का है. अब पाकिस्तान का नया दावा है कि इजरायल और ईरान की जंग उसने रोकी है. पाकिस्तान अब यह दावा कर रहा है कि इजरायल और ईरान की जंग उसी ने रुकवाई है, वह भी अपने फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की बदौलत.

हासिम मुनीर की अमेरिका यात्रा का दावा

शहबाज़ शरीफ ने गुरुवार को अपनी कैबिनेट मीटिंग में दावा किया कि जब आसिम मुनीर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने अमेरिका गया तो वह उससे पहले ही ईरान के विदेश मंत्री से इस्तांबुल में मिला और वहां ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि अगर इजरायल हमले रोक दे तो सीजफायर के लिए हम तैयार हैं. इसके बाद मुनीर ट्रंप से मिला और यह जंग रुक गई. 

Advertisement

ये दावे खोखले हैं. क्योंकि खबरें तो ये थी की मुनीर अमेरिका के हाथों पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को बेचने के लिए गया था और अगर कल को अमेरिका की ईरान पर हमले की नौबत आए तो वो पाकिस्तान के ठिकानों का इस्तेमाल करें और अब शहबाज़ अपनी पब्लिक को एक अलग ही कहानी पढ़ा रहे. सोच रहे हैं कि इसे सच मान लेंगे. 

यह भी पढ़ें: आतंकवाद पर बलूचिस्तान का जिक्र चाहते थे चीन-पाकिस्तान, राजनाथ ने क्यों दस्तखत से किया इनकार? Inside story

शहबाज़ शरीफ ने क्या कहा?

शहबाज़ शरीफ ने कहा, हमारे फील्ड मार्शल की जब मीटिंग हुई लंच एंड मीटिंग, वहां वॉशिंगटन में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ, आज भी ट्रंप ने बड़े खुले अंदाज में फील्ड मार्शल का नाम लेते हुए तारीफ़ की. फिर इस्तांबुल में सिपहसालार की मीटिंग हुई अब्बास के साथ, एक-डेढ़ घंटा. वहां पर उन्होंने उनको कहा कि पाकिस्तान यह एक प्रयास कर रहा है, तो इसमें हम आगे बढ़ें. उसका तो उन्होंने कहा कि मुझे भी कहा था राष्ट्रपति मसूद ने, उनको भी डॉक्टर साहब को भी. "हमला हमने नहीं किया और बिल्कुल ठीक बात कर रहे हो. हमला किया इजराइल ने. हम अपने बचाव में सब कुछ कर रहे हैं. इजरायल हमला बंद करे तो हम फिर बातचीत के लिए तैयार हैं."

Advertisement

उन्होंने कहा, फिर आपने देखा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने यह जंग बंद कराई और ख़ुद का शुक्र है कि जंग बंद हो गई. 

लेकिन सच तो यह भी है कि भारत के साथ हुए 4 दिन के युद्ध में पाकिस्तान भी हारा था. और सच यह भी है कि पाकिस्तान ने अपनी हार को जीत बताया था. खूब जश्न मनाया था. जैसे कि इन दिनों ईरान मना रहा है.

चीन की मदद स्वीकार

सच तो यह भी है कि इस युद्ध में पाकिस्तान की चीन ने खूब मदद की थी और अब यही सच पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार किया है. यह वही ख्वाजा आसिफ हैं, जो यह भी स्वीकार चुके हैं कि पाकिस्तान ने पश्चिमी देशों के लिए आतंकी पैदा किए हैं.

ख्वाजा आसिफ का कबूलनामा

मीडिया कर्मी का ख्वाजा से सवाल: चीन के पास सैकड़ों सैटेलाइट हैं और उनमें से बहुत सारे खुफिया निगरानी जैसे कामों के लिए समर्पित हैं. ऐसा माना जाता है कि कम से कम 40 से अधिक सैटेलाइट पाकिस्तान के लिए संकट के समय उपलब्ध थे. क्या आप इसकी पुष्टि कर सकते हैं?

ख्वाजा का जवाब: मुझे नहीं लगता कि हमें इसकी पुष्टि करनी चाहिए. हम इस क्षेत्र में काफी एडवांस हैं. आप पाकिस्तान की ख़ुद की रक्षा करने की क्षमता को कम मत आंके. आप जानते हैं चीन से मदद हमेशा बहुत मूल्यावन होती है और चीन एक बहुत ख़ास मित्र है. इसमें कोई संदेह नहीं है. लेकिन ये लड़ाई पाकिस्तान ने लड़ी थी.  

Advertisement

यह भी पढ़ें: गजब! जंग में पिटा ईरान पाकिस्तान की तरह मना रहा जश्न, विजेता नेतन्याहू और ट्रंप सवालों में घिरे

मीडिया कर्मी का ख्वाजा से सवाल: क्या पाकिस्तान उन्हें चीजें मॉनिटर करने की अनुमति दे रहे थे जैसे कि 7 और 10 के बीच हो रहा था?

ख्वाजा का जवाब: नहीं मुझे ऐसा नहीं लगता कि ऐसा था. लेकिन वे वहां थे. एक पड़ोसी के रूप में एक मित्र के रूप में वो स्थिति को बहुत बारीकी से देख रहे थे. 

पाकिस्तान के कबूलनामे ने दुनिया के सामने सच्चाई ला दी है कि चीन के साथ कैसे मिलकर यह सब कुछ कर रहे थे. लेकिन दिलचस्प यह है कि जो पाकिस्तान यह दावा करता है कि मुनीर ने जाकर ट्रंप से कहा और फिर इजरायल-ईरान का यह जंग रुका, जब मुनीर वापस पाकिस्तान लौटा था, उसके बाद तो अमेरिका ने हमला किया था ईरान को. तो अगर वादा कर दिया था कि जंग रुकवा रहे हैं ट्रंप ने मुनीर को, तो फिर उसके बाद हमला क्यों कर दिया?

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement