लाख छुपाए PAK मगर दुनिया को पता चल जाएगा... किराना हिल्स की नई तस्वीरें दे रहीं ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की गवाही

एक अन्य सैटेलाइट तस्वीर में सरगोधा एयरबेस के रनवे की हालिया मरम्मत को देखा जा सकता है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह एयरबेस भारतीय हमलों में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ था. तेजी से किए गए मरम्मत कार्य यह दिखाते हैं कि इस एयरबेस को एक उच्च प्राथमिकता वाला सामरिक ठिकाना माना जाता है.

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तस्वीर में सरगोधा एयरबेस के रनवे की हालिया मरम्मत को देखा जा सकता है. (फोटो: X/@detresfa_) तस्वीर में सरगोधा एयरबेस के रनवे की हालिया मरम्मत को देखा जा सकता है. (फोटो: X/@detresfa_)

aajtak.in

  • इस्लामाबाद/नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 10:21 AM IST

ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के किराना हिल्स स्थित न्यूक्लियर हब को निशाना बनाए जाने की खबरों के लगभग दो महीने बाद नई सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं. इनमें पाकिस्तान के संवेदनशील सरगोधा जिले में भारत के मिसाइल हमले के प्रभाव क्षेत्र को साफतौर पर देखा जा सकता है.

सैटेलाइट तस्वीरों में क्या दिखा?

भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर के तहत 10 मई को पाकिस्तान के प्रमुख सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया था. इन सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण जियो-इंटेलिजेंस एक्सपर्ट डेमियन सिमोन ने किया और इन्हें एक्स पर पोस्ट किया.

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उन्होंने लिखा, 'जून 2025 में गूगल अर्थ से प्राप्त सरगोधा क्षेत्र (पाकिस्तान) की नई तस्वीरें दिखाती हैं- मई 2025 में किराना हिल्स पर भारत की स्ट्राइक का प्रभाव क्षेत्र. भारत के हमलों के बाद सरगोधा एयरबेस पर मरम्मत किए गए रनवे.'

नजर आए मरम्मत किए हुए रनवे

एक अन्य सैटेलाइट तस्वीर में सरगोधा एयरबेस के रनवे की हालिया मरम्मत को देखा जा सकता है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह एयरबेस भारतीय हमलों में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ था. तेजी से किए गए मरम्मत कार्य यह दिखाते हैं कि इस एयरबेस को एक उच्च प्राथमिकता वाला सामरिक ठिकाना माना जाता है.

पाकिस्तान का एक हाई सिक्योरिटी जोन

ऑपरेशन सिंदूर के बाद, भारतीय वायुसेना ने यह दावा खारिज कर दिया था कि उसने किराना हिल्स को निशाना बनाया था. बता दें कि किराना क्षेत्र पाकिस्तान के परमाणु हथियार कार्यक्रम से जुड़ा एक हाई-सिक्योरिटी जोन है. 

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माना जाता है कि यहां परमाणु हथियारों को रखने के अंडरग्राउंड ठिकाने हैं और न्यूक्लियर रिसर्च और टेस्टिंग जैसे काम इसी जगह पर किए जाते हैं. हालांकि स्वतंत्र विशेषज्ञ अब भी इन तस्वीरों और सूचनाओं का विश्लेषण कर रहे हैं, लेकिन पाकिस्तान की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि या खंडन सामने नहीं आया है.

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