'हथियारों की सप्लाई रोकी जा रही, ये इजरायल की घेराबंदी की कोशिश', नेतन्याहू बोले- हम खुद की वेपन इंडस्ट्री मजबूत करेंगे

इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऐलान किया कि वे देश की हथियार इंडस्ट्री को और सशक्त बनाएंगे. उन्होंने कतर और चीन पर इज़रायल के खिलाफ मीडिया घेराबंदी का आरोप लगाया, जो विशेष रूप से पश्चिमी यूरोप और अमेरिका में सक्रिय है. नेतन्याहू ने कहा कि हथियारों की सप्लाई पर प्रतिबंध के चलते इज़रायल को आत्मनिर्भर बनना होगा, ताकि सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.

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नेतन्याहू ने कहा कि कतर और चीन के नेतृत्व में इजरायल की घेराबंदी हो रही (Photo: AP) नेतन्याहू ने कहा कि कतर और चीन के नेतृत्व में इजरायल की घेराबंदी हो रही (Photo: AP)

aajtak.in

  • तेल अवीव,
  • 16 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:07 AM IST

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ऐलान किया है कि वे देश के हथियार उद्योग को और मजबूत बनाएंगे, ताकि इज़राइल को बाहरी दबाव और प्रतिबंधों से बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि कतर के नेतृत्व में विभिन्न देशों द्वारा इज़रायल पर घेराबंदी लगाने की कोशिश हो रही है.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नेतन्याहू ने कहा कि हम एक मीडिया नाकेबंदी का सामना कर रहे हैं. यह घेराबंदी भारी धन राशि से वित्त पोषित है, खासकर कतर और चीन जैसे देशों से इसे फंडिंग की जा रही है, उन्होंने कहा कि ये पश्चिमी देशों में सक्रिय हैं, और विशेष रूप से अमेरिका में भी इसका असर दिखाई देता है.

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इजरायली पीएम ने बताया कि पश्चिमी यूरोपीय देशों में ये घेराबंदी मुसलिम अल्पसंख्यकों के सक्रिय होने से और बढ़ गई है, जो अब ज़्यादा मुखर, हिंसक और देशों के लिए खतरा बनते जा रहे हैं. यही कारण है कि यह घेराबंदी मुख्य रूप से पश्चिमी यूरोप में केंद्रित हो रही है. यही कारण है कि हम इस घेराबंदी को पश्चिमी यूरोप में केंद्रित होते हुए देखते हैं. 

नेतन्याहू ने कहा कि हमारे लिए हथियारों की सप्लाई रोकी जा रही है, ये लगातार और बहुत बड़े स्तर पर हो रहा है. लिहाजा आने वाले वर्षों में हमें अपनी स्वतंत्र हथियार इंडस्ट्रीज़ को मजबूत करना पड़ेगा, ताकि हम हथियारों में आत्मनिर्भर बन सकें. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इज़राइल अब पूरी तरह से अपनी औद्योगिक क्षमता के ज़रिए हथियार बना सकेगा. इसका उद्देश्य बाहरी नाकेबंदी को तोड़ना और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

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रॉयटर्स के मुताबिक, खाड़ी देश ने सोमवार को कहा कि उनकी सुरक्षा ऐसी है जिसे बांटा नहीं जा सकता. ये बयान इज़रायल द्वारा कतर में हमास के खिलाफ हमला किए जाने के बाद आयोजित आपातकालीन अरबी-इस्लामी शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में दिया गया.

दोहा में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजेद अल-अंसारी, खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के महासचिव जस्सिम मोहम्मद अल-बुदाइवि, अरब लीग के सह महासचिव होस्सम ज़ाकी और OIC के राजनीतिक मामलों के सह महासचिव यूसुफ बिन मोहम्मद अल-दुबाइ ने कतर के साथ एकजुटता जताई. सभी ने इज़राइल के कतर में हमले की निंदा की और कतर का समर्थन किया.

GCC की संयुक्त रक्षा प्रणाली पर जोर

एक लिखित बयान में खाड़ी नेताओं ने यह भी घोषणा की किखाड़ी सहयोग परिषद (GCC) की संयुक्त रक्षा संस्था जल्द ही दोहा में बैठक करेगी. साथ ही उन्होंने इस क्षेत्रीय संगठन की संयुक्त रक्षा प्रणाली को सक्रिय करने के कदम उठाने की अपील की. हालांकि उन्होंने इस पर और कोई विस्तार से जानकारी नहीं दी.

नेतन्याहू ने किया हमलों का इशारा 

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि वे हमास नेताओं पर और हमले करने से इनकार नहीं करते हैं, चाहे वे कहीं भी हों. ये यह बयान अरब और इस्लामी देशों के नेताओं के सम्मेलन के दौरान आया है. 

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