रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस की तरफ से लड़ रहे नेपाली नागरिकों की मौत को देखते हुए नेपाली सरकार ने रूस और यूक्रेन की यात्रा के लिए अपने नागरिकों को वर्क परमिट जारी करना निलंबित कर दिया है. गुरुवार को मीडिया रिपोर्टों में कहा गया कि रूस-यूक्रेन युद्ध में रूसी सेना में शामिल कम से कम 10 नेपाली नागरिकों की मौत हो गई है जिसके बाद नेपाल सरकार ने यह फैसला लिया है.
माई रिपब्लिका अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल के विदेश रोजगार विभाग (DOFE) ने एक नोटिस में कहा कि यह मामला गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि कई नेपाली युवाओं को अवैध रूप से रूसी सेना में भर्ती किया जा रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया, 'रूसी सेना में शामिल होने वाले नेपाली नागरिकों की मौत की खबरों के कारण डीओएफई ने रूसियों और यूक्रेनियों को वर्क परमिट की मंजूरी रोक दी है. हाल ही में, नेपाली युवाओं को अवैध रूप से रूसी सेना में भर्ती किया जा रहा है. रूसी सेना में काम कर रहे अब तक 10 नेपाली नागरिकों की मौत हो गई है.
बिना सरकार की मंजूरी के रूसी सेना में शामिल हुए नेपाली
नेपाली सरकार का कहना है कि लगभग 150-200 नेपाली नागरिक रूस की सेना में काम कर रहे हैं. ये लोग टूरिस्ट और स्टूडेंट वीजा पर रूस गए और बिना नेपाली सरकार की मंजूरी के रूसी सेना में शामिल हो गए.
रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 में युद्ध छिड़ा था जो अब तक चल रहा है. इस युद्ध में रूस के लिए यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे कम से कम 10 नेपाली नागरिकों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है.
नेपाली अखबार, द काठमांडू पोस्ट ने रूस में नेपाल के राजदूत राज तुलाधर के हवाले से लिखा है, अनुमान है कि लगभग 150-200 नेपाली नागरिक रूसी सेना में सेवा कर रहे हैं.
रूस और यूक्रेन दोनों देशों के लिए लड़ रहे नेपाली नागरिक
पिछले साल 4 दिसंबर को नेपाली प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने कहा था कि सरकार को जानकारी है कि कुछ नेपाली नागरिक यूक्रेनी सेना में भी काम कर रहे हैं. हालांकि, नेपाली सरकार के पास इसका सटीक आंकड़ा नहीं है कि फिलहाल रूस और यूक्रेन की सेनाओं में उसके कितने नागरिक सेवा कर रहे हैं.
नेपाल के विदेश मंत्रालय का कहना है कि नेपाली सरकार ने रूस से कहा है कि वो रूसी सेना में काम कर रहे उसके नागरिकों की जल्द से जल्द वापसी कर दे.
इसी बीच खबर है कि रूस के लिए काम कर रहे नेपाली युवक बिबेक खत्री को यूक्रेनी सेना ने बंधक बना लिया है. इसे लेकर नेपाल के विदेश मंत्रालय का कहना है कि खत्री को बचाने और उन्हें नेपाल वापस लाने के लिए राजनयिक प्रयास जारी हैं.
aajtak.in