पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में तख्तापलट को आज यानि 5 अगस्त को एक साल पूरे हो गए हैं. 5 अगस्त, 2024 को छात्र आंदोलन और देशव्यापी हिंसा के बाद शेख हसीना ने की सरकार गिर गई थी और उन्होंने भारत का शरण लिया था. इसके बाद मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के हाथ में कमान सौंप दी गई.
मोहम्मद यूनुस ने टेलीविजन संबोधन में राष्ट्र को संबोधित करते हुए बताया कि अगले साल फरवरी में संसदीय चुनाव का आयोजन होगा. उन्होंने कहा, अंतरिम सरकार की ओर से मैं मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र भेजूंगा, जिसमें फरवरी 2026 में रमजान से पहले राष्ट्रीय चुनाव कराने का अनुरोध करूंगा.'
यह संबोधन पिछले साल हुए छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन 'जुलाई विद्रोह' की पहली वर्षगांठ पर दिया गया. इस आंदोलन के बाद ही प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना को सत्ता से हटा दिया गया था. बता दें कि इससे पहले बांग्लादेश में संसदीय चुनाव अगले साल अप्रैल में होने तय थे.
बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद भारत के साथ रिश्ते बिगड़ गए हैं. शेख हसीना को भारत में शरण देने के लिए बांग्लादेश बिफर गया. बांग्लादेश ने औपचारिक तौर से भारत सरकार से शेख हसीना को वापस भेजने का आग्रह किया.
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बांग्लादेश की नई सरकार का चीन और पाकिस्तान के साथ झुकाव ज्यादा है. साथ ही बांग्लादेश की ओर से कई बार भारत विरोधी बयान दिए गए.
भारत ने भी कड़ा रुख़ अपनाते हुए बांग्लादेशी रेडीमेड वस्त्रों और कई वस्तुओं के आयात पर नियंत्रण लगा दिया. ट्रांजिट और सीमा व्यापार, नॉर्थईस्ट भारत के बाजार के लिए, भी बंद कर दिया गया.
इस तल्खी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोहम्मद यूनुस की 4 अप्रैल 2025 को बैंकॉक में BIMSTEC समिट के दौरान मुलाक़ात हुई. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंता ज़ाहिर की. यूनुस ने प्रधानमंत्री मोदी को 2015 में मिले पुराने सम्मान का फोटोग्राफ भेंट किया.
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