जिनेवा की धरती से मंडाविया ने WHO को दिखाया आईना, कोरोना मौत वाली रिपोर्ट को बताया निराशाजनक

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने विश्व स्वास्थ्य सभा के 75वें सत्र को संबोधित करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन पर निशाना साधा है. कोरोना मौत को लेकर जो आंकड़े जारी किए गए, उस पर भी आपत्ति दर्ज करवाई गई.

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केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया

मिलन शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2022,
  • अपडेटेड 5:27 AM IST
  • WHO ने कहा था- भारत में कोरोना से 47 लाख मौतें
  • मंडाविया बोले- सर्वसम्मति से सामूहिक निराशा वाला प्रस्ताव पास

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने विश्व स्वास्थ्य सभा के 75वें सत्र को संबोधित करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन को आईना दिखाने का काम किया है. उनकी तरफ से साफ कर दिया गया है कि कोरोना मौतों को लेकर संगठन ने भारत के लिए जो आंकड़े जारी किए थे, वो काफी निराशाजनक और भ्रमित करने वाले रहे.

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मनसुख मंडाविया ने कहा कि भारत इस बात पर निराशा और चिंता जाहिर करता है कि WHO द्वारा India’s Statutory Authority के कोरोना मौत के आंकड़ों को दरकिनार किया गया. केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण परिषद द्वारा सर्वसम्मति के साथ एक प्रस्ताव पारित किया गया है जहां पर WHO के आंकड़ों पर सामूहिक निराशा जाहिर की गई है.

इस सब के अलावा मनसुख मंडाविया ने अपने संबोधन के दौरान पूरी दुनिया के सामने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजेन भी पेश किया. उन्होंने कहा कि इस समय पूरी दुनिया को ग्लोबल सप्लाई चेन को मजबूत करने की जरूरत है जिससे सभी तक समान रूप से वैक्सीन और जरूरी दवाइयां पहुंच सकें. मंडाविया ने इस बात पर भी जोर दिया कि कोरोना काल में डब्ल्यूएचओ की अनुमोदन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की भी जरूरत है.

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अब जानकारी के लिए बता दें कि कुछ समय पहले WHO द्वारा कोरोना मौतों को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की गई थी. उस रिपोर्ट में भारत को लेकर दावा किया गया कि वहां पर दो साल के अंदर कोरोना की वजह से 47 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई. भारत सरकार की तरफ से उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया गया और WHO के मॉडल पर भी सवाल खड़े किए. ये आरोप भी लगाया गया कि भारत की तमाम चिंताओं को WHO ने दरकिनार करते हुए उस रिपोर्ट को सार्वजनिक किया था.

ऐसे में जब मनसुख मंडाविया को विश्व स्वास्थ्य सभा के 75वें सत्र को संबोधित करने का मौका मिला, उन्होंने उस खास मौके पर WHO को आईना भी दिखाया और पूरी दुनिया के सामने भारत का पक्ष भी रखा.

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