लंदन में महात्मा गांधी की मूर्ति से तोड़फोड़, भारतीय उच्चायोग ने जताई आपत्ति

गांधी जयंती से पहले सोमवार को लंदन के टैविस्टॉक स्क्वायर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ तोड़फोड़ की घटना सामने आई है. भारतीय उच्चायोग ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे अहिंसा के विचार पर हिंसक हमला बताया है.

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गांधी जी की प्रतिमा के चबूतरे पर कुछ विचलित करने वाले भित्तिचित्र अंकित पाए गए. (photo: Photo:X/@rootofall3vil) गांधी जी की प्रतिमा के चबूतरे पर कुछ विचलित करने वाले भित्तिचित्र अंकित पाए गए. (photo: Photo:X/@rootofall3vil)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:16 AM IST

लंदन के टेविस्टॉक स्क्वायर में स्थित महात्मा गांधी की मूर्ति के साथ हुई तोड़फोड़ को लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है. भारतीय उच्चायोग ने इस घटना को अहिंसा के विचार पर हिंसक हमला बताते हुए स्थानीय अधिकारियों को सूचना दे दी है. 

दरअसल, राष्ट्रपिता की आइकॉनिक प्रतिमा का आधार (plinth) जो उन्हें बैठे हुए ध्यान की मुद्रा में दर्शाती है, उस पर कुछ आपत्तिजनक भित्तिचित्र (graffiti) पाए गए, जिससे वहां मौजूद लोग और भारतीय समुदाय में गहरा आक्रोश फैल गया. इसके बाद लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने घटना पर कड़ी आपत्ति जताई और प्रतिमा के तोड़फोड़ की घटना के बारे में स्थानीय अधिकारियों को जानकारी दी. साथ ही मूर्ति को उसके मूल स्वरूप में बहाल करने के लिए समन्वय शुरू कर दिया है.

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हाई कमीशन ने की कड़ी निंदा

लंदन में भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा, 'लंदन के टैविस्टॉक स्क्वायर में महात्मा गांधी की मूर्ति के साथ हुई तोड़फोड़ से भारतीय उच्चायोग गहरे दुख में है और इस शर्मनाक कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करता है.'

'अहिंसा के विचार पर हिंसक हमला'

इसमें कहा गया है, 'ये सिर्फ़ तोड़फोड़ नहीं है, बल्कि अहिंसा के विचार और महात्मा के विरासत पर हिंसक हमला है जो अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस से तीन दिन पहले हुआ. हमने तत्काल कार्रवाई के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है और हमारी टीम पहले से ही घटनास्थल पर मौजूद है और मूर्ति को उसकी मूल गरिमा प्रदान करने के लिए अधिकारियों के साथ समन्वय कर रही है.'

गांधी जयंती पर विशेष समारोह

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संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में नामित गांधी जयंती को लंदन में इस स्मारक पर सालाना 2 अक्टूबर को मनाया जाता है. इस अवसर पर पुष्पांजलि अर्पित की जाती है और गांधीजी के पसंदीदा भजन गाए जाते हैं. ये बर्बरता ऐसे पवित्र अवसर से ठीक पहले की गई है.

प्रतिमा का ऐतिहासिक महत्व

इस कांस्य मूर्ति को इंडिया लीग के समर्थन से बनाया गया था और इसे 1968 में टैविस्टॉक स्क्वायर में स्थापित किया गया था. ये स्मारक महात्मा गांधी के पास के यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में कानून के छात्र के रूप में बिताए गए दिनों को याद दिलाता है.

मेट्रोपॉलिटन पुलिस और स्थानीय कैमडेन काउंसिल ने तोड़फोड़ की रिपोर्टों की जांच शुरू कर दी है. ये घटना न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक समुदाय के लिए भी दुखद है, जो गांधीजी के अहिंसा और शांति के सिद्धांतों का सम्मान करता है.

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