'खोजो और गोली मारो...', शेख हसीना का ऑडियो हुआ वायरल, प्रदर्शनकारियों पर सख्त एक्शन का दिया था ऑर्डर

विरोध प्रदर्शनों की वजह से ही बांग्लादेश में शेख हसीना की अवामी लीग सरकार गिर गई और उन्हें 5 अगस्त, 2024 को भागकर भारत आना पड़ा. वह तब से भारत में हैं, हालांकि बांग्लादेश ने उन्हें प्रत्यर्पित करने के लिए भारत को औपचारिक अनुरोध भेजा है.

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शेख हसीना के वायरल ऑडियो से उठे सवाल शेख हसीना के वायरल ऑडियो से उठे सवाल

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 12:15 PM IST

बांग्लादेश में पिछले साल छात्र प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सख्त आदेश दिया था. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के साथ पूर्व पीएम की बातचीत के लीक हुए ऑडियो से संकेत मिलते हैं कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को खोजकर गोली मारने के आदेश दिए थे. इस नए खुलासे से पहले से सामूहिक हत्याओं के मुकदमे का सामना कर रहीं शेख हसीना की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. 

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हिंसा में 1400 लोगों की मौत

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार ऑडियो में शेख हसीना को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि उन्होंने सुरक्षा बलों को घातक हथियारों का इस्तेमाल करने और 'जहां कहीं भी वे (प्रदर्शनकारी) मिलें, उन्हें गोली मारने' का निर्देश दिया है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक जुलाई और अगस्त 2024 के बीच की गई कार्रवाई में कम से कम 1,400 लोग मारे गए थे, क्योंकि बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में विवादित कोटा सिस्टम को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन चल रहा था.

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विरोध प्रदर्शनों की वजह से ही बांग्लादेश में शेख हसीना की अवामी लीग सरकार गिर गई और उन्हें 5 अगस्त, 2024 को भागकर भारत आना पड़ा. वह तब से भारत में हैं, हालांकि बांग्लादेश ने उन्हें प्रत्यर्पित करने के लिए भारत को औपचारिक अनुरोध भेजा है. लेकिन फिलहाल इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है.

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विद्रोह के बाद अवामी लीग के ज्यादातर नेता और पिछली सरकार के कई अधिकारी अरेस्ट किए गए थे या विदेश में फरार हो गए थे, क्योंकि अंतरिम सरकार ने विद्रोह को दबाने के लिए की गई क्रूर एक्शन के आरोप में उन पर मुकदमा शुरू किया था, जिसकी वजह से 5 अगस्त को 15 साल से ज्यादा पुरानी अवामी लीग सरकार गिर गई और हसीना को देश छोड़ना पड़ा था.

आवामी लीग ने दी प्रतिक्रिया 

विद्रोह के दौरान सामूहिक हत्याओं की आरोपी हसीना पर बांग्लादेश में एक स्पेशल ट्रिब्यूनल में मुकदमा चल रहा है, इसलिए अभियोजकों ने ऑडियो टेप को उनके खिलाफ अहम सबूत के तौर पर इस्तेमाल करने की योजना बनाई है. बांग्लादेश छोड़ने के बाद अपने पहले बयान में हसीना ने खुद को बेकसूर बताया था. लेकिन हालिया लीक ऑडियो से इस बात के संकेत मिलते हैं कि सीधे तौर पर हसीने की तरफ से ही प्रदर्शनकारियों के लिए 'शूट ऑन साइट' के ऑर्डर दिए गए थे.

ये भी पढ़ें: शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ेंगी या मिलेगी राहत? इंटरनेशल क्राइम ट्रिब्यूनल में 10 जुलाई को फैसला

अवामी लीग के प्रवक्ता ने बीबीसी के इस लीक ऑडियो को खारिज कर दिया है. पार्टी ने लीक ऑडियो को बेबुनियाद और गैरकानूनी इरादे वाला बताया है. ब्रिटेन स्थित एक मानवाधिकार अधिवक्ता, जो बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायाधिकरण (आईसीटी) को सलाह दे रहे हैं, ने कहा कि हसीना की भूमिका स्थापित करने के लिए ऑडियो टेप काफी अहम है.

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टोबी कैडमैन ने बीबीसी को बताया, 'ये रिकॉर्डिंग उनके रोल को पुख्ता करने के लिए अहम है, ये एकदम साफ और कंफर्म है, साथ ही बाकी के तथ्यों से भी इसे समर्थन हासिल है.

बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना और उनके सहयोगियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए 10 जुलाई की तारीख तय की है. शेख हसीना, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक चौधरी अब्दुल्ला और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल पिछले साल जुलाई में हुए विद्रोह के दौरान मानवता के खिलाफ कथित अपराध के मामले में आरोपी बनाए गए हैं.

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