कनाडा: निज्जर के समर्थकों ने खोल दिया खालिस्तान का 'दूतावास', ट्रूडो के बाद कार्नी शासन में भी नहीं थमीं हरकतें

खालिस्तानी समर्थकों द्वारा ये 'दूतावास' गुरुनानक सिख गुरुद्वारे के सामुदायिक केंद्र के एक हिस्से में बनाया गया है. सुरक्षा एजेंसियां इस घटनाक्रम पर विशेष नजर रखे हुए हैं, क्योंकि यह कदम प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) द्वारा घोषित सिख जनमत संग्रह (सिख रेफेरेंडम) से पहले सामने आया है.

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सरे में ही आतंकी निज्जर की हत्या की गई थी. (Photo: ITG) सरे में ही आतंकी निज्जर की हत्या की गई थी. (Photo: ITG)

श्रेया चटर्जी

  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 3:13 PM IST

कनाडा के सरी में खालिस्तानी बदमाशों की उटपटांग हरकतें नए पीएम मार्क कार्नी के शासनकाल में जारी है. सरे में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर के समर्थकों ने कथित रूप से एक 'दूतावास' स्थापित कर दिया है. खालिस्तान के समर्थकों ने इसे 'Embassy of the Republic of Khalistan' का नाम दिया है. 

यह 'दूतावास' गुरुनानक सिख गुरुद्वारे के सामुदायिक केंद्र के एक हिस्से में बनाया गया है. सुरक्षा एजेंसियां इस घटनाक्रम पर विशेष नजर रखे हुए हैं, क्योंकि यह कदम प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) द्वारा घोषित सिख जनमत संग्रह (सिख रेफेरेंडम) से पहले सामने आया है.

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यह प्रतीकात्मक 'दूतावास' खुले तौर पर प्रतिबंधित आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर का समर्थन करता हुआ बताया जा रहा है. स्थानीय और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां खालिस्तान आंदोलन से जुड़े इन घटनाक्रमों पर कड़ी निगरानी रख रही हैं. 

इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के शासनकाल में भी खालिस्तानी कनाडा में भारत विरोधी हरकतों को अंजाम दे रहे थे. इसमें विवादास्पद परेड, मंदिरों पर हमला, तिरंगे का अपमान शामिल था. लेकिन कनाडा में नए पीएम मार्क कार्नी के शासन काल में भी खालिस्तानियों की हरकतें हैरान करने वाली हैं.

तस्वीरों में दिखाई दे रहा है कि गुरुद्वारे के प्रवेश द्वार के किनारे ही खालिस्तानियों ने 'रिपब्लिक ऑफ खालिस्तान' का बोर्ड लगा दिया है. 

सिख फॉर जस्टिस भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित संगठन है. 2024 में केंद्र सरकार ने इस संगठन पर 5 साल के लिए बैन बढ़ा दिया था. सिख फॉर जस्टिस भारत में अलग देश बनाने की मांग करता है और इसके सदस्य हिंसक गतिविधियों में शामिल पाये गए हैं. साल 2007 में इसकी स्थापना हुई थी. यह संगठन भगोड़े गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा संचालित किया जाता है. पन्नू भारत के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी करता है और भारत में हिंसक गतिविधियों की धमकियां देता है. 

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सरे में ही हुई थी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या

गौरतलब है कि कनाडा के प्रांत ब्रिटिश कोलंबिया के शहर सरे में ही खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या 18 जून 2023 को हुई थी. 45 साल का अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर कनाडा में सिख फॉर जस्टिस का चीफ था. 

उस रोज हरदीप सिंह निज्जर गुरु नानक सिख गुरुद्वारे की पार्किंग में अपनी पिकअप ट्रक से निकल रहे था तभी दो नकाबपोश हमलावरों ने उस पर गोलियां चलाईं और भाग गए. हमले में घायल निज्जर की मौके पर ही मौत हो गई. इस मामले में भारत और कनाडा के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे.

इस मामले में तत्कालीन कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था. तत्कालीन पीएम ट्रूडो के इस आरोप को भारत ने सख्ती से खारिज किया था. इस केस में अब तक भारत की किसी भी सरकारी एजेंसी के शामिल होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. 

बाद में कनाडाई पुलिस ने मई 2024 में तीन भारतीय नागरिकों करण बराड़, कमलप्रीत सिंह और करणप्रीत सिंह को हत्या और साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया था. मामले में सुनवाई जारी है.
 

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