गाजा संघर्ष में नया मोड़... युद्ध खत्म करने और बंधकों की रिहाई के लिए बातचीत शुरू करेगा इजरायल

इजरायली पीएम नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल ऐसे समाधान चाहता है जो उसकी सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों के अनुकूल हों. उन्होंने स्पष्ट किया कि वार्ता का मकसद युद्ध को खत्म करना है, लेकिन यह केवल उन्हीं शर्तों पर संभव होगा जो इजरायल के लिए स्वीकार्य हों.

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इजरायली पीएम नेहतन्याहू ने बड़ी घोषणा की है (File Photo- ITG) इजरायली पीएम नेहतन्याहू ने बड़ी घोषणा की है (File Photo- ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 11:29 PM IST

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को घोषणा की कि गाज़ा में बंदी बनाए गए सभी बंधकों की रिहाई के लिए तत्काल वार्ता शुरू की जाएगी. उन्होंने संकेत दिया कि युद्ध समाप्त करने की दिशा में कदम केवल उन्हीं शर्तों पर उठाए जाएंगे जो इजरायल के लिए स्वीकार्य हों.

गाज़ा डिवीजन के दक्षिणी कमांड मुख्यालय से सीधे सैनिकों को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने बताया कि उन्होंने रक्षा मंत्री और सेना के अधिकारियों से बैठक कर गाज़ा सिटी पर कब्ज़ा करने और हमास को पराजित करने की सैन्य योजना को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा, “हम निर्णायक विजय के चरण में हैं. मैं आज गाज़ा डिवीजन इसलिए आया हूं ताकि उन योजनाओं को मंजूरी दूं, जिनके जरिए इजरायली सेना गाज़ा सिटी पर नियंत्रण स्थापित कर सके और हमास को पूरी तरह परास्त कर सके.”

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प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “इसी समय मैंने सभी बंधकों की रिहाई और युद्ध को समाप्त करने के लिए तत्काल वार्ता शुरू करने का आदेश भी दिया है. यह कदम केवल उन्हीं परिस्थितियों में उठाया जाएगा जो इजरायल के लिए स्वीकार्य हों.” उन्होंने जोर दिया कि “हमास की हार और सभी बंधकों की रिहाई ये दोनों लक्ष्य एक साथ पूरे होंगे.”

नेतन्याहू ने रिजर्व सैनिकों और स्थायी सेना की तैनाती की सराहना करते हुए इसे राष्ट्रहित का महत्वपूर्ण मिशन बताया.

बता दें कि इजरायली सेना इस समय गाज़ा सिटी में सैन्य अभियान को और तेज कर रही है. इसके लिए करीब 60,000 रिज़र्व सैनिकों को बुलाया गया है. हालांकि इन कार्रवाइयों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना भी हो रही है.

इजरायली मंत्रिमंडल ने इस महीने की शुरुआत में तय किया था कि युद्धविराम केवल तभी संभव होगा जब हमास सभी बंधकों को एक साथ रिहा करे और इजरायल की शर्तों को स्वीकार करे. हालांकि, बंधक परिवारों ने इस नीति पर आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि मार्च में पिछली डील को छोड़ने के बाद से हमास ने कोई भी बंधक रिहा नहीं किया है. परिवारों का यह भी आरोप है कि गाजा शहर में सैन्य अभियान का विस्तार बंधकों की जान को और खतरे में डाल सकता है.

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वहीं दूसरी ओर, हमास ने 60 दिन के युद्धविराम का प्रस्ताव स्वीकार किया है. इसके तहत 10 जीवित बंधकों और 18 शवों की रिहाई के बदले लगभग 200 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई की शर्त रखी गई है. लेकिन इजरायल ने अब तक इस प्रस्ताव पर औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है और स्पष्ट किया है कि वह केवल तभी युद्धविराम स्वीकार करेगा जब सभी बंधकों को एक साथ रिहा किया जाएगा.

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