इजरायल ने शुक्रवार को ईरान के कई शहरों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं. कहा जा रहा है कि ईरान के परमाणु प्लांट पर भी मिसाइलें गिरी है. ईरान के न्यूक्लियर साइट पर तीन मिसाइलें गिरने की खबर है. इस बीच इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने अपने सभी सैन्यअड्डों को हाई अलर्ट कर दिया है. एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिवेट कर दिए गए हैं.
ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ये हमला शुक्रवार तड़के हुआ है. ईरान के इस्फहान शहर के एयरपोर्ट पर भी धमाके की आवाज सुनी गई है. इस शहर में कई न्यूक्लियर प्लांट हैं. ईरान का सबसे बड़ा यूरेनियम प्रोग्राम भी इसी जगह से चल रहा है. इन धमाकों के बाद कई फ्लाइटों को डाइवर्ट किया गया है. ईरान ने इस हमले के बाद कई प्रांतों में अपने एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया है.
ईरान ने की कई फ्लाइट सस्पेंड
इस हमले के बाद ईरान ने तेहरान, इस्फहान और शिराज जा रही सभी फ्लाइटों को सस्पेंड कर दिया गया है. कम से कम आठ फ्लाइटों को डाइवर्ट किया गया है.
इजरायल के इस संभावित हमले से पहले ही ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर ने गुरुवार को चेतावनी दी थी. उन्होंने कहा था कि अगर इजरायल काउंटर अटैक करता है तो ईरान तुरंत उसका मुंहतोड़ जवाब देगा.
ईरान के न्यूक्लियर प्लांट निशाना नहीं: रिपोर्ट
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल ने ईरान के न्यूक्लियर प्लांट को निशाना बनाकर हमला नहीं किया है. इजरायल ने अमेरिका को बताया कि वह ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना नहीं बना रहा है.
ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले का था अंदेशा
इजरायल के ईरान पर हमले के बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि नेतन्याहू जवाबी कार्रवाई जरूर करेंगे. कहा जा रहा था कि ईरान के कई परमाणु ठिकाने उनके निशाने परे हैं. ईरान के परमाणु कार्यक्रम को डीरेल करने की प्लानिंग की चर्चा हर जगह हो रही थी.
इजरायल के इस संभावित हमले को लेकर अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) पहले से ही अलर्ट पर था. आईएईए के महानिदेशक राफेल ग्रोसी ने कहा था कि वह ईरान के परमाणु ठिकानों पर संभावित हमले को लेकर चिंतित हैं.
अमेरिका और ब्रिटेन ने लगाए थे ईरान पर नए प्रतिबंध
इजरायल पर तेहरान के हमले के बाद अमेरिका और ब्रिटेन ने ईरान पर नए प्रतिबंध लगाए थे. ये प्रतिबंध ईरान के 16 लोगों और उनकी दो कंपनियों पर लगाए गए थे. ये कंपनियां ड्रोन के इंजन तैयार करती हैं.
जब ईरान ने इजरायल पर दागी थी मिसाइलें
बता दें कि ईरान ने 13 अप्रैल की आधीरात को इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन अटैक किए थे. ईरान ने इजरायल पर 300 से ज्यादा अलग-अलग तरह के ड्रोन हमले किए थे, जिनमें किलर ड्रोन से लेकर बैलिस्टिक मिसाइल और क्रूज मिसाइलें शामिल थी. इस हमले के तुरंत बाद इजरायली सेना ने एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया था.
इजराली सेना IDF के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी ने बताया था कि ईरान ने इजरायल पर सीधे हमला किया है. इजरायल ने एरो एरियल डिफेंस सिस्टम के जरिए इन अधिकतर मिसाइलों को मार गिराया है. कहा गया कि इजरायल ने ईरान के 99 फीसदी हवाई हमलों को विफल कर दिया था. इस हमले के बाद अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई देश इजरायल की मदद को आगे आए थे.
ईरान ने इजरायल पर क्यों किया था हमला?
एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला किया गया था. इस हमले में ईरान ने अपने एक टॉप कमांडर सहित कई सैन्य अधिकारियों की मौत का दावा किया गया था. ईरान ने इस हमले के लिए सीधे तौर पर इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था. यही वजह है कि उसने बदला लेने के लिए इजरायल पर ताबड़तोड़ हमले किए और इस कार्रवाई को ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस का नाम दिया था.
ईरान का कहना है कि उसने 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस' इसलिए कोडनेम दिया है ताकि वो अपने दोस्तों और दुश्मनों को बता सके कि वो जो भी कहता है उस पर अमल करता है. वो सच्चा वादा करना जानता है. जो वादा करता है उसे निभाता है.
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